धान-गेहूं छोड़किसान ने शुरू की यह खेती बदल गई तकदीर! कमा रहा लाखों

किसान देवेन्द्र राय बतातें हैं कि G9 वेरायटी का उन्होंने तीन बीघे खेत में केला की फसल लगाई है.  जिसमें लगभग तीन लाख तक का खर्च आता है.  लेकिन मुनाफे की बात की जाए तो लागत का दुगुना यानी कि 6 लाख रुपये तक का मुनाफा होता है.  उन्होंने  बताया कि केला लगभग डेढ़ साल तक फसल देता  है. 

धान-गेहूं छोड़किसान ने शुरू की यह खेती बदल गई तकदीर! कमा रहा लाखों
सुशील सिंह /मऊः केला एक ऐसा फल है, जिसकी बाजार में हर समय बहुत मांग रहती है. यही वजह है कि केले की खेती आजकल काफी फायदेमंद हो गई है. वहीं मऊ जिले के बैरागपुर गांव के रहने वाले किसान देवेद्र राय भी केले की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. लोकल-18 से बातचीत में देवेंद्र ने बताया कि वह भी पहले पारंपरिक तौर पर धान और गेहूं की खेती करते थे. मगर इससे उन्हें कोई खास मुनाफा नहीं हो रहा था. इसलिए उन्होंने कुछ अलग फसल उगाने का फैसला किया. इसे लेकर उन्होंने अपने आसपास किसानों से बातचीत की, जो पहले से केले की खेती कर रहे थे और काफी पैसा कमा रहे थे. किसान देवेन्द्र राय बतातें हैं कि G9 वेरायटी का उन्होंने तीन बीघे खेत में केला की फसल लगाई है.  जिसमें लगभग तीन लाख तक का खर्च आता है.  लेकिन मुनाफे की बात की जाए तो लागत का दुगुना यानी कि 6 लाख रुपये तक का मुनाफा होता है.  उन्होंने  बताया कि केला लगभग डेढ़ साल तक फसल देता  है. देवेंद्र राय ने बताया कि उन्होंने साल 2019 में पहली बार केले की खेती की और इससे उन्हें काफी मुनाफा हुआ. यही वजह है कि उन्होंने आगे भी केले की खेती करना जारी रखा. कृषक देवेंद्र ने बताया कि उन्होंने पहले डेढ़ बीघा जमीन में केले की खेती की. जिसके बाद वह इसे धीरे-धीरे बढ़ाते गए. देवेंद्र राय ने बताया कि आज वह 3 से 4 बीघा जमीन में केले की खेती करते हैं. देवेंद्र ने बताया कि गर्मी के दिनों में हम खेत की जुताई करवा देते हैं. अगर आपको केले की खेती करनी है, तो खेत की जुताई चार पांच बार करवानी जरूरी होती है. जिससे मिट्टी एकदम भुरभुरी हो जाती है. उन्होंने कहा इसके बाद एक सीधी लाइन से केले के छोटे पौधे रोपे जाते हैं. देवेंद्र राय ने बताया कि जब केले के पौधे लगाए जाते हैं इस समय मिट्टी में कीटनाशक मिला दिया जाता है ताकि पौधे को कोई रोग ना हो. इसके बाद केले के पौधे को समय-समय पर पानी देने की जरूरत पड़ती है. साथ ही यह भी ध्यान रखना होता है कि अधिक लू या फिर कोहरे का गलत असर पौधों पर ना पड़े. इसलिए किसान होने के नाते उन्हें अपनी फसल को लेकर हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 2, 2024, 16:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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