सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कम हो सकती हैं लालू परिवार की मुश्किलें समझें कानूनी बारीकियां
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कम हो सकती हैं लालू परिवार की मुश्किलें समझें कानूनी बारीकियां
Bihar News: ईडी ने भी PMLA के तहत कार्रवाई करते हुए लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत लालू परिवार के अन्य सदस्यों की पटना, दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर मौजूद 1 दर्जन से अधिक संपत्तियों को साल 2018-2019 में जब्त कर लिया था. इन मामलों में ED की कार्रवाई जारी रहेगी. सु्प्रीम कोर्ट का यह आदेश सिर्फ बेनामी संपत्ति संशोधन कानून पर ही लागू होगा.
पटना. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2022 को बेनामी संपत्ति (संशोधित) कानून 2016 को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने इस कानून की कुछ अहम धाराओं को रद्द करने का आदेश दिया है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बता यह है कि 1 नवंबर 2016 के बाद खरीदी गई बेनामी संपत्ति पर ही इस कानून के तहत कार्रवाई हो सकेगी. इस तिथि से पहले खरीदी गई बेनामी संपत्ति पर इस एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला मेसर्स गणपति डीलकॉम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया है. शीर्ष अदालत के इस फैसले का फायदा आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार के अन्य सदस्यों तथा उन सभी लोगों को होगा जिन पर आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति यूनिट (BPU) के स्तर से कार्रवाई चल रही है.
आयकर विभाग ने साल 2017 और वर्ष 2018 में लालू प्रसाद यादव की कई संपत्तियों को बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत जब्त कर ली थी. इनमें पटना के सगुना मोड़ इलाके में बन रहा उनके मॉल की जमीन, पटना एयरपोर्ट के पास स्थित केंद्रीय विद्यालय के सामने मौजूद गेस्ट हॉउस के साथ ही फुलवारीशरीफ के धनौत में करीब आधा दर्जन प्लॉट मुख्य रूप से शामिल हैं. जब्त की गई ये सभी संपत्तियां 1 नवंबर 2016 से पहले खरीदी गई हैं. अब ये सभी संपत्तियां बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत हुई कार्रवाई के दायरे से मुक्त हो जाएंगी. हालांकि, मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा जब्त की गई संपत्तियों और चल रही तमाम कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह आदेश सिर्फ बेनामी संपत्ति कानून को लेकर दिया गया है. ऐसे में ईडी की कार्रवाई जारी रहेगी.
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्रभाव
गौरतलब है कि ईडी ने भी PMLA के तहत कार्रवाई करते हुए लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत लालू परिवार के अन्य सदस्यों की पटना, दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर मौजूद 1 दर्जन से अधिक संपत्तियों को साल 2018-2019 में जब्त कर लिया था. इन मामलों में ED की कार्रवाई जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि 1 नवंबर 2016 के बाद खरीदी गई बेनामी संपत्ति को ही जब्त किया जा सकेगा. यह कानून सजा से जुड़ा होने के कारण पीछे के प्रभाव से लागू नहीं हो सकता है. 1 नवंबर 2016 से लागू संशोधित बेनामी कानून सिर्फ इस तथि के बाद के मामलों पर ही लागू होगा. संबंधित सरकारी एजेंसी यानी आयकर विभाग या अन्य एजेंसी बेनामी एक्ट मामले में 1 नवंबर 2016 के बाद के ही किसी मामले में मुकदमा दर्ज कर सकती है या किसी तरह की आपराधिक कार्रवाई कर सकती है.
क्या कहते हैं जानकार?
पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रभात पांडेय का कहना है कि बेनामी संपत्ति (संशोधित) कानून, 2016 पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद इसकी जद में फंसे कई लोगों को राहत मिलेगी. खासकर जिनकी बेनामी संपत्ति 1 नवंबर 2016 के पहले की है, उस पर यह लागू ही नहीं होगा. अगर किसी की संपत्ति पहले इस कानून के तहत जब्त भी की गई है, तो भी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कानूनी प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी तब उन्हें राहत मिलेगी.
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Tags: Bihar News, Lalu Yadav News, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : September 05, 2022, 07:42 IST