शारदा सिन्हा के आखिरी शब्द जिसे सुनकर हर सुहागन की आंखों से आंसू छलक जाएंगे

Sharda Sinha Last Words: बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं. लेकिन, एम्स दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस लेने से पहले अपने बेटे को अपना आखिरी शब्द बोल ही दिया. ये शब्द सुनकर हर भारतीय महिलाओं के आंखों से आंसू टपकने लगेंगे. पढ़ें यह रिपोर्ट.

शारदा सिन्हा के आखिरी शब्द जिसे सुनकर हर सुहागन की आंखों से आंसू छलक जाएंगे
Sharda Sinaha Last Words: बिहार की सुप्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा अब हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा साथ रहेंगी. छठ महापर्व के गीतों को नई ऊंचाई तक पहुंचाने वाली शारदा सिन्हा को पूरा देश छठ के ही दिन अंतिम विदाई दे रहा है. हमसब के बीच अब शारदा सिन्हा के गाए गीत ही सिर्फ रह जाएंगे. भारत ही नहीं विदेशों में भी शारदा सिन्हा के गाए गीत आने वाले कई वर्षों तक ऐसे ही गूंजते रहेंगे. छठ महापर्व के पहले दिन नहाय खाय के दिन ही बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन वाकई में हृदय विदारक है. इससे करोड़ों छठ प्रेमियों को गहरा सदमा लगा है. लेकिन, उससे भी कहीं ज्यादा उनके आखिरी शब्द याद आएंगे, जिसे सुनकर हर सुहागन की आंखों से आंसू छलक जाएंगे. शारदा सिन्हा जिंदगीभर छठी मईया की गीत गाती रहीं, लेकिन नहाय-खाय के दिन ही छठी मैया ने अपनी प्यारी बेटी को अपने आंचल में ले लिया. दुख की घड़ी में पूरा देश शारदा सिन्हा के परिवारजनों को धैर्य धारण और दुख सहने की नसीहत दे रहा है. लेकिन, शारदा सिन्हा ने जाते-जाते भी छठी मैया को याद किया और अपने बेटे को अंतिम शब्द बोल दिया. शारदा सिन्हा ने भी अपनी अंतिम इच्छा अपने बेटे अंशुमन सिन्हा के साथ शेयर की थी. (पीटीआई) झारखंड में ‘साजन’ नहीं… ‘सजनी’ की डिमांड ज्यादा, दोनों मिलकर क्या BJP का कैलकुलेशन देंगे बिगाड़? छठ के दिन ही रुला गईं शारदा सिन्हा दरअसल, किसी भी महिला की अंतिम इच्छा होती है कि वह अपने पति का साथ जिंदगीभर न छोड़े. शारदा सिन्हा ने भी अपनी अंतिम इच्छा अपने बेटे अंशुमन सिन्हा के साथ शेयर की थी. उनके बेटे अंशुमन सिन्‍हा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को कहा, ‘उनकी मां की अंतिम इच्‍छा यही थी कि जहां उनके पिता का अंतिम संस्कार हुआ, वहीं मेरा भी बेटा अंतिम संस्कार कर देना. मेरी इच्छा सुहागन बनकर ही इस दुनिया से जाने की थी, लेकिन वो हो नहीं सका. इसलिए मेरा भी अंतिम संस्कार वहीं करना जहां अपने पिता का किया था.’ शारदा सिन्हा के आखिरी शब्द बता दें कि शारदा सिन्हा के पति का भी दो महीने पहले लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. शारदा सिन्हा खुद कैंसर से पिछले पांच-छह साल से लड़ रही थीं. लेकिन, कैंसर की बीमारी में भी पति का साथ नहीं छोड़ा. जब पति की दो महीने पहले निधन हो गया तो वह अंदर से टूट गई. बेटे अंशुमन की मानें तो उनकी मां पिता के निधन के बाद काफी निराश रहने लगी थीं. शायद उसे अंदर से जीने की ललक खत्म हो गई थी. शारदा सिन्हा के पति का नाम बृजकिशोर सिन्हा था. (फाइल फोटो) पति का साथ कभी नहीं छोड़ा शारदा सिन्हा के पति का नाम बृजकिशोर सिन्हा था. दो महीने पहले ही उनका भी अंतिम संस्कार पटना के गंगाघाट में किया गया था. अंशुमन अब अपनी मां की इच्छा को पूरा करने के लिए मां का पार्थिव शरीर पटना लेकर जाएंगे. कल दोपहर बाद शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना के गंगा घाट पर किया जाएगा. जब, एक तरह डूबते हुए सूर्य की छठव्रती अर्घ्य दे रहे होंगे तब शारदा सिन्हा का पटना के गांगाघाट पर चिता जल रहा होगा. आपको बता दें कि शारदा सिन्हा बिहार के बेगूसराय की रहने वाली थीं. बेगूसराय शारदा सिन्हा का ससुराल था. उनके पति बृजकिशोर सिन्हा भी शिक्षा विभाग में ही काम करते थे. हालांकि, शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल में हुआ था. शारदा सिन्हा लोक गायिका के साथ-साथ समस्तीपुर कॉलेज में प्रोफेसर भी थीं. दोनों पति-पत्नी रिटायर होने के बाद दिल्ली से सटे इंदिरापुरम में अपने बेटे के साथ सालों से रह रहे थे. शारदा सिन्हा के दो बच्चे हैं एक बेटा और बेटी. Tags: Aiims delhi, Bihar News, Chhath Puja, PATNA NEWSFIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 01:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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