मोदी सरकार को समर्थन की BJP से बड़ी कीमत वसूलेंगे नीतीश!बिहार NDA में रगड़ा तय

Nitish Kumar News: नीतीश कुमार एनडीए के साथ बने रहेंगे. विधानसभा का चुनाव भाजपा के साथ मिल कर लड़ेंगे. अलबत्ता नीतीश बिहार में बड़े भाई की भूमिका में होंगे, जैसा लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जेडीयू के साथ किया था. भाजपा 17 सीटों पर लड़ी थी तो जेडीयू को 16 सीटें ही मिलीं. बड़े भाई के रूप में इस बार जेडीयू भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

मोदी सरकार को समर्थन की BJP से बड़ी कीमत वसूलेंगे नीतीश!बिहार NDA में रगड़ा तय
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. एक तरफ एनडीए और इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेता अलग-अलग नामों से राजनीतिक यात्राएं निकाल रहे हैं. दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार जल्द से जल्द बोर्ड-निगम में रिक्त पदों को भरने की कोशिश में लगे हैं. अभी तक बीस सूत्री समिति और बाल संरक्षण आयोग के खाली पद भरे गए हैं. दोनों ही संस्थाओं में भाजपा और जेडीयू ने अपने लोगों को ही रखा है, लेकिन एनडीए के तीन घटक दल- चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले लोजपा के दोनों धड़े, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा के आरएलएम के हाथ खाली हैं. अभी और ऐसी संस्थाओं में सदस्य और अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है. माना जा रहा है कि वहां भी यही क्रम दोहराया जाएगा. एनडीए में तकरार का बीजारोपण इसे एनडीए में तकरार का बीजारोपण माना जा रहा है. नीतीश कुमार लाख सफाई दें कि वे अब एनडीए छोड़ इंडिया ब्लॉक के साथ नहीं जाएंगे, लेकिन उनकी पुराने अंदाज को देख किसी को भरोसा नहीं हो रहा है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को अगर आंख मूंद कर समर्थन दिया है और भाजपा की हर बात अब तक मानी है तो इसकी महंगी कीमत भी वे वसूल करेंगे. भाजपा को मजबूर होकर उनकी शर्तें माननी भी पड़ेंगी. जेडीयू की पहली मांग कि नीतीश कुमार ही बिहार में एनडीए के नेता होंगे, भाजपा ने आंख मूंद कर स्वीकार कर ली है. इसकी झलक तो उसी दिन दिख गई थी, जब नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से लौटे बिहार के उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पटना पहुंचते ही घोषणा कर दी कि भाजपा नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी इसका खंडन नहीं किया. अभी से साथी करने लगे हैं क्लेम एनडीए के सहयोगी दलों में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (आर) ने 40 सीटों की दावेदारी ठोक दी है. बार्गेनिंग की स्थिति में चिराग को हर जिले में एक यानी कुल 38 सीटें चाहिए. उन्होंने तो दबाव बनाने के लिए पहले ही दो सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. शेखपुरा और मटिहानी के लिए चिराग ने उम्मीदवार के नाम फाइनल कर दिए हैं. आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुईं, उसे विधानसभा चुनाव में दुरुस्त करेंगे. लोकसभा चुनाव में आरएलएम को एक ही सीट मिली थी. उपेंद्र कुशवाहा खुद लड़े, लेकिन हार गए. उन्होंने बिहार यात्रा नाम से बिहार में अपनी राजनीतिक यात्रा 25 सितंबर से शुरू करने की घोषणा भी कर दी है. हम के संस्थापक जीतन राम मांझी अभी कुछ बोल नहीं रहे, लेकिन बार्गेनिंग के वे मास्टर हैं. वे भी इनकी दखादेखी इतनी सीटों की मांग कर दें, जो संभव न हो तो आश्चर्य नहीं. नीतीश की इच्छा 135 सीटों की है जेडीयू की सोमवार को बड़ी बैठक हुई. कई मुद्दों पर चर्चा तो हुई ही, विधानसभा चुनाव पर गहन चर्चा हुई. उम्मीदवारों के चयन से लेकर सीटों तक की बात हुई. बैठक से निकली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार की इच्छा 135 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. भाजपा से गठबंधन तो रहेगा, लेकिन सहयोगी दलों को मनाने और उन्हें सीट देने की जिम्मेवारी भाजपा की होगी. यानी 108 सीटें भाजपा को जेडीयू देगी, जिसमें उसे एनडीए के अन्य दलों के अलावा अपने लिए भी सीटें रखनी होंगी. नीतीश का यह पाशा भाजपा पर भारी पड़ेगा. जेडीयू का मानना है कि पार्टी ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन दिया है. मंत्री बनाने से लेकर उनके विभाग बंटवारे और स्पीकर-डिप्टी स्पीकर के चुनाव तक में जेडीयू ने भाजपा को खुली छूट दी. यहां तक कि भाजपा ने आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू के हिस्से की सीट से राज्यसभा भेजना चाहा तो नीतीश ने कोई एतराज नहीं किया. अब बिहार में नीतीश कुमार अपने हिसाब से चलना चाहते हैं. हालांकि, बैठक में यह भी राय बनी कि बातचीत में सीटें थोड़ी आगे-पीछे हो सकती हैं, लेकिन जेडीयू किसी भी हाल में भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसी संदर्भ में पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नीतीश से मुलाकात की खबरें भी मीडिया में आई थीं. यानी एनडीए में टिकट बंटवारा आसान नहीं होगा. नीतीश क्यों चाहते अधिक सीटें  जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अधिक सीटें मांगने का कारण बताया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी परफार्मेंस अच्छा रहा है. विधानसभा चुनाव में इसे और बेहतर बनाना है. शत प्रतिशत सफलता के लिए काम सभी को मिल कर काम करना है. जेडीयू ने हर क्षेत्र के प्रभारी नियुक्त किए हैं. सबको अपने इलाके में जोर शोर से काम करना होगा. उन्होंने लोकसभ चुनाव के आंकड़े भी बताए. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में 243 विधानसभा क्षेत्रों में जेडीयू 74 सीटों पर और भाजपा 68 सीटों पर आगे रहे. जेडीयू इसी आधार पर अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहा है. अंदर की सूचना यही है कि जेडीयू 135 सीटें अपने लिए रखेगा और बाकी सीटें भाजपा को देगा. जेडीयू का तर्क है कि उसका समझौता भाजपा से है. भाजपा अपने हिस्से की सीटों में से सहयोगी दलों को देगी. बड़े भाई की भूमिका में रहने के कारण जेडीयू भाजपा से अधिक सीटों पर लड़ेगी. Tags: Bihar News, CM Nitish Kumar, Nitish kumar, PATNA NEWSFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 10:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed