बंद नहीं हुआ है बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ दर्ज मामला पढ़ें वारंट से लेकर गिरफ्तारी पर रोक तक की कहानी
बंद नहीं हुआ है बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ दर्ज मामला पढ़ें वारंट से लेकर गिरफ्तारी पर रोक तक की कहानी
Bihar News: बिहार की सत्ता में महागठबंधन सरकार के आने के बाद विवाद शुरू हो गया है. नीतीश कैबिनेट में कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर साहेब के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज होने की बात सामने आई है. अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसपर 1 सितंबर 2022 तक के लिए रोक लगा दी गई है.
पटना. बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही सूबे की सियासत भी गर्मा गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर साहेब को लेकर नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है. तकरीबन 8 साल पुराने मामले में नए-नवेले मंत्री के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. आनन-फानन में कार्तिकेय सिंह की ओर से दानापुर कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर 1 सितंबर 2022 तक के लिए रोक लगा दी गई. इस दौरान बिहार में गहमा-गहमी का माहौल रहा. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ किस अपराध को लेकर मामला दर्ज है? क्या यह मामला अभी भी चल रहा है या फिर बंद हो गया है?
बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार पर बिहटा निवासी राजू सिंह को अगवा करने का आरोप है. इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया. हालांकि, दानापुर कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर तत्काल प्रभाव से 1 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी. कार्तिकेय सिंह के वकील मधुसूदन शर्मा ने अपने मुवक्किल पर लगे आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने बताया कि पटना पुलिस ने अपने अंतिम प्रपत्र में इस बात का उल्लेख 19 सितंबर 2018 को ही कर दिया था कि राजू सिंह की ओर से साल 2014 में जो आरोप लगाए गए थे, जांच के दौरान वह निराधार पाया गया.
बिहार: फरार होकर मंत्री पद की शपथ ले रहे थे कार्तिकेय कुमार, पढ़ें पूरी क्राइम कुंडली कोर्ट की ओर से कार्तिकेय सिंह की गिरफ्तार पर रोक संबंधी आदेश. (न्यूज 18 हिन्दी)
पुलिस ने क्या दी थी जानकारी?
दरअसल, पूछताछ के दौरान राजू सिंह ने बताया था कि जिस वक्त उनका अपहरण हुआ था, उस वक्त उन्होंने कार्तिकेय सिंह को रास्ते में देखा था. पुलिस ने इस आधार पर कार्तिक कुमार पर लगे आरोप को अपने अंतिम प्रपत्र में निराधार करार दिया था. पुलिस ने साल 2018 में इसकी लिखित जानकारी कोर्ट को भी दे दी थी. अब यह न्यायालय पर निर्भर करता है कि वो आगे क्या फ़ैसला लेता है. कार्तिकेय सिंह के वकील मधुसूदन ने बताया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया, जिसके बाद उनकी तरफ से बचाव में तत्काल अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई थी. अदालत ने 1 सितंबर तक के लिए राहत प्रदान की है.
बीजेपी का हमला
कार्तिकेय सिंह पर लगे इस आरोप को BJP ने हाथों-हाथ लिया है. पटना से लेकर दिल्ली तक हो हल्ला हुआ. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कार्तिकेय के बहाने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में फिलहाल किसी भी तरह की जानकारी होने से साफ इनकार किया है. दूसरी तरफ RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि अगर आरोप सिद्ध हुआ तो हमारी सरकार कार्तिकेय सिंह के विरुद्ध कड़ी कारवाई करेगी.
भाकपा-माले की पुनर्विचार करने की मांग
नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से नवनियुक्त विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाने को लेकर पुनर्विचार करने की मांग कर दी है. कुणाल ने कहा है कि ऐसे लोगों के मंत्री पद पर रहने से सरकार की छवि धूमिल होती है. उन्होंने गठबंधन की सरकार का बचाव करते हुए कहा कि इस मसले पर भाजपा को कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है.
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Tags: Bihar News, Chief Minister Nitish KumarFIRST PUBLISHED : August 18, 2022, 09:08 IST