चिराग पासवान राहुल-अखिलेश की राह पर क्यों क्या BJP के लिए बनेंगे विलन
चिराग पासवान राहुल-अखिलेश की राह पर क्यों क्या BJP के लिए बनेंगे विलन
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान ने एक बार फिर से मोदी सरकार और एनडीए की विचारधारा से विपरीत अलग राय रखा है. झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रांची में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पासवान ने राहुल गांधी और सपा सुप्रीम अखिलेश यादव के सुर में सुर मिलाते हुए जाति जनगणना का समर्थन कर दिया है.
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान क्या बीजेपी के लिए ‘सिरदर्द’ बनते जा रहे हैं? कम से कम उनके दिए हालिया बयानों से यही झलक रहा है. पिछले कुछ दिनों से चिराग पासवान बीजेपी, एनडीए और मोदी सरकार के लाइन से बिल्कुल अलग राय रख रहे हैं. आपको बता दें कि मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद सबसे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी के कोटे के अंदर कोटा के फैसले का विरोध किया, फिर यूपीएससी के लेटरल एंट्री के विज्ञापन का विरोध किया, इसके बाद विपक्ष के भारत बंद का समर्थन कर दिया. अब रांची में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जाति जनगणना के मुद्दे पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव के मांग के समर्थन में खड़े हो गए.
रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चिराग पासवान ने कहा, ‘मेरी पार्टी जाति जनगणना के समर्थन में हमेशा से ही रही है. हम भी चाहते हैं कि जाति जनगणना हो. इसकी वजह यह है कि राज्य या केंद्र की जो भी योजनाएं बनती हैं वह जाति को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं. ऐसे में सरकार के पास उस जाति की जनसंख्या की जानकारी होनी चाहिए ताकि उस जाति को मुख्यधारा में जोड़ने या संबंधित योजना के धन वितरण उचित मात्रा में उस जाति को हो सके.’
क्या अलग राह की तलाश में हैं चिराग पासवान?
लेकिन, राजनीतिक जानकारों की मानें तो एलजेपी (रामविलास) का राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रांची में आयोजित करना एक रणनीति है. राजनीतिक विश्लेषक संजीव पांडेय कहते हैं, ‘एलजीपी झारखंड विधानसभा के आगामी चुनाव में कम से कम 20 से 22 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बना रही है. पीएम मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान अब अलग राह पर चल पड़े हैं. चिराग पासवान के हालिया बयानों से बीजेपी और एनडीए काफी असहज महसूस कर रही है. पिता की तरह वह भी बड़े मौसम वैज्ञानिक बनना चाहते हैं. बीजेपी के लिए भी मजबूरी है कि वह अभी कुछ कर नहीं सकती. जेडीयू जैसी पार्टियां 12 सांसद जीतकर जहां गंभीर नजर आ रही है. वहीं, बीजेपी की वैशाखी पर 5 सीट जीतने वाले चिराग पासवान अब आंखें दिखाने लगे हैं.’
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कहा जा रहै है कि चिराग पासवान के एक के बाद एक बयान से मोदी सरकार काफी असहज महसूस कर रही है. क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हो या फिर भारत बंद या फिर लेटरल एंट्री या अब जाति आधारित जनगणना पर दिए बयानों से विपक्षी पार्टियां काफी खुश होंगी. खासकर, आने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में ये बड़ा मुद्दा बन सकता है. ऐसे में झारखंड में चिराग पासवान बीजीपी के लिए विलन बन सकते हैं?
Tags: Chirag Paswan, Modi cabinetFIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 22:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed