खाड़ी देशों में बंद सजायाफ्ता भारतीय कैदियों के लिए मुहिम जल्द खुल सकते हैं वतन वापसी के रास्ते 

Bihar News: खाड़ी देशों में लाखों की तादाद में भारतीय रहते हैं. इनमें से कुछ लोग छोटी-मोटी घटनाओं और अपराधों के मामले में पिछले कई वर्षों से बड़ी संख्या में जेलों में बंद हैं. भारतीय कैदियों में ज्यादातर लोग मजदूर वर्ग के हैं और दलित हैं. उनके परिवार की माली हालत इतनी अच्छी नहीं कि वह दुबई और सऊदी अरब जैसे देश में जाकर अपने परिजनों का हाल-चाल जान सके.

खाड़ी देशों में बंद सजायाफ्ता भारतीय कैदियों के लिए मुहिम जल्द खुल सकते हैं वतन वापसी के रास्ते 
पटना. भारत से बड़ी संख्या में लोग नौकरी की तलाश में खाड़ी देशों में जाते हैं, लेकिन कई बार कई लोगों को छोटे-मोटे मामले या अन्य अपराधों के कारण उन्हें जेल की सलाखों में बंद कर दिया जाता है. ऐसे लोग जो गरीब और दलित हैं और जिन्होंने छोटे-मोटे अपराध किये हैं वे बड़ी संख्या में यूएई, दुबई, सऊदी अरब और कतर जैसे देश के जेलों में बंद हैं और उन्हें देखनेवाला कोई नहीं है. ऐसे सजायाफ्ता कैदियों के लिए खाड़ी देशों में रहनेवाले भारत के बुद्धिजीवियों के द्वारा एक मुहिम चलाई जा रही है जिससे उन्हें राहत मिल सके. खाड़ी देशों में लाखों की तादाद में भारतीय रहते हैं. इनमें से कुछ लोग छोटी-मोटी घटनाओं या शराब पीने, मारपीट आदि जैसे अपराधों के मामले में पिछले कई वर्षों से बड़ी संख्या में इन देशों के जेलों में बंद हैं. भारतीय कैदियों में ज्यादातर लोग मजदूर वर्ग के हैं और दलित हैं. उनके परिवार की माली हालत इतनी अच्छी नहीं कि वह दुबई और सऊदी अरब जैसे देश में जाकर अपने परिजनों का हाल-चाल जान सके. इन्हीं समस्याओं को खत्म करने के लिए पिछले कई वर्षों से कई संस्थाएं काम कर रही हैं जिनमें से एक है दीनदयाल ग्लोबल फाउंडेशन दुबई. संस्था के फाउंडर रवि शंकर चंद भारत सरकार और खाड़ी देशों के बीच में हुए उस करार को हथियार बना रहे हैं, जिसमें खाड़ी देशों में छोटे-मोटे अपराध करने वाले सजायाफ्ता कैदियों को भारत के जेल में ट्रांसफर करने पर सहमति बनी थी. वर्ष 2011 में यह समझौता हुआ था लेकिन इस पर आज तक अलग-अलग अमल नहीं किया गया. आपके शहर से (पटना) बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब पटना पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर अररिया अरवल औरंगाबाद कटिहार किशनगंज खगड़िया गोपालगंज जमुई जहानाबाद दरभंगा नवादा नालंदा पश्चिमी चंपारण पूर्णिया पूर्वी चंपारण बक्सर बांका बेगूसराय भोजपुर मधुबनी मधेपुरा मुंगेर मोतिहारी राजगीर रोहतास लखीसराय वैशाली शेखपुरा समस्तीपुर सहरसा सारण सीतामढ़ी सीवान सुपौल कैमूर Patna: Phulwari Sharif में लूट की वारदात, Radhe Shyam Jewellers में दिनदहाड़े हुई लूट Arwal में मां-बेटी को जलाकर की गई हत्या, घर में Petrol छिड़ककर लगाई आग | Breaking News Lalu Yadav Health Update: सिंगापुर के अस्पताल में भर्ती होंगे लालू प्रसाद यादव | Hindi News Gopalganj: बदलते मौसम में बीमार पड़ रहे लोग, Sadar Hospital में लगी मरीजों की भीड़। Hindi News Arwal में मां-बेटी को जलाकर मार डाला गया, परासी के चकिया गांव की घटना | Apna Bihar बांका के सरकारी स्कूल में शिक्षकों और बच्चों ने बनाई हैंगिंग लाइब्रेरी, मस्ती और पढ़ाई होती है साथ-साथ New Trend : घर की एकलौती बेटी चढ़ गयी घोड़ी! बग्गी पर निकली बेटियां | Camera Sab Dekhta Hai Congress ने भी Bihar सरकार से शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की मांग की | Hindi News बिहार के गांव में 300 साल से घर-घर तराशी जा रही मूर्तियां, कीमत 10 रुपये से लेकर लाखों में; पढ़ें कैसे हुई थी शुरुआत बिहार के लाल संदीप का यूएन मास्टरमाइंड के लिए हुआ चयन, इस विषय पर रखेंगे अपने विचार बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब पटना पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर अररिया अरवल औरंगाबाद कटिहार किशनगंज खगड़िया गोपालगंज जमुई जहानाबाद दरभंगा नवादा नालंदा पश्चिमी चंपारण पूर्णिया पूर्वी चंपारण बक्सर बांका बेगूसराय भोजपुर मधुबनी मधेपुरा मुंगेर मोतिहारी राजगीर रोहतास लखीसराय वैशाली शेखपुरा समस्तीपुर सहरसा सारण सीतामढ़ी सीवान सुपौल कैमूर इस करार के अनुसार, वैसे कैदियों को भारत भेजा जाना था जिन्होंने छोटे-मोटे अपराध किए हों, कोई बड़ा माफिया न हो, जिसे हत्या, देशद्रोह और आर्म्स एक्ट के तहत सजा नहीं हुई हो. आंकड़े के अनुसार, लगभग 3750 भारतीय कैदी खाड़ी देशों के अलग अलग जेलों में बंद है. इन कैदियों की अपने वतन वापसी और अपने ही देश के जेलों में आगे की सजा काटने का प्रावधान किया गया था. ऐसे लोगों पर बरसों से काम कर रहे हैं रवि शंकर चंद का कहना है कि जिलों में बंद लोगों को यदि भारत भेज दिया जाए और वहां के जिलों में उन्हें रखा जाए तो उनकी जिंदगी आसान हो जाएगी. साथ ही उनके परिवार के लोग भी राहत की सांस लेंगे और जेल मैनुअल के अनुसार कैदी और उनके परिवार के लोग मुलाकात भी कर सकेंगे. माना जा रहा है कि यदि खाड़ी देश के सजायाफ्ता कैदी भारत लौटते हैं तो अन्य देश के जिलों में बंद भारतीयों के लिए भी रास्ता खुल सकता है जो किसी मजबूरी में या छोटे-मोटे अपराध में दुनिया के अलग-अलग देशों के जेल में बंद है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Bihar News, PATNA NEWSFIRST PUBLISHED : November 29, 2022, 16:08 IST