तानों से तंग आकर छोड़ दिया था घर अब देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनीं मधु

Bihar Transgender Daroga Sucess Stories: बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने मंगलवार को 1275 दारोगा पद पर बहाली का परिणाम घोषित कर दिया. वहीं दारोगा बहाली रिजल्ट के साथ ही भारत में एक नया इतिहास भी बन गया है. दरअसल दरोगा भर्ती परीक्षा में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर को एक साथ दरोगा बनने का मौका मिला. भारत में किसी भी राज्य में कोई ट्रांसजेंडर दरोगा नहीं है. बिहार पहला ऐसा राज्य है जहां एक साथ तीन ट्रांसजेंडर दरोगा बन गए.

तानों से तंग आकर छोड़ दिया था घर अब देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनीं मधु
पटना. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने मंगलवार को 1275 दारोगा पद पर बहाली का परिणाम घोषित कर दिया. वहीं दारोगा बहाली रिजल्ट के साथ ही भारत में एक नया इतिहास भी बन गया है. दरअसल दरोगा भर्ती परीक्षा में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर को एक साथ दरोगा बनने का मौका मिला. भारत में किसी भी राज्य में कोई ट्रांसजेंडर दरोगा नहीं है. बिहार पहला ऐसा राज्य है जहां एक साथ तीन ट्रांसजेंडर दरोगा बन गए. इसके पहले भारत में केरल एकमात्र ऐसा राज्य रहा है जहां ट्रांसजेंडर के तौर पर एक सिपाही को सरकारी सेवा में नौकरी करने का मौका मिल सका है. बिहार में जो तीन ट्रांसजेंडर दरोगा बने हैं उनमें भागलपुर की मधु का नाम भी शामिल है. मधु मूल रूप से ट्रांसजेंडर वूमेन है. सामाजिक स्तर पर कई तरह की प्रताड़ना झेलने वाली मधु 2014 में घर छोड़कर भाग निकली थी. कोचिंग संस्थानों ने नामांकन से कर दिया था इनकार मधु ने बताया कि मेरी वजह से परिवार वालों को तमाम तरह की ऊलाहना भरी बातें सुनने को मिलती थी तो मन विचलित हो जाता था. जब अंत में कोई चारा नहीं बचा तब घर छोड़कर भाग निकली. मधु ने मैट्रिक इंटर और पॉलिटिकल साइंस के साथ बीए ऑनर्स की पढ़ाई की है. ट्रांसजेंडरों के प्रति समाज में गलत रवैया को देख मधु के मन में कुछ करने की प्रेरणा मिली और इसी प्रेरणा के साथ वह 2022 में पटना चली आई. पटना आने के बाद उनका संघर्ष जारी रहा कई कोचिंग संस्थानों में मधु गई. लेकिन, सभी ने भी नामांकन करने से इनकार कर दिया. मधु बस और बस केवल दरोगा बनने की लालसा लेकर पटना पहुंची थी अंत में उन्हें गुरु रहमान मिले. गुरु रहमान ने दिया साथ तो मधु ने बनाया इतिहास उन्होंने बताया कि गुरु रहमान ने मधु और उनके दो साथियों को पढ़ाने की ठानी और आखिरकार जब रिजल्ट आया तो बिहार में तीनों ट्रांसजेंडर गुरु रहमान के गुरुकुल के ही शिष्य थे. मधु बताती हैं कि 5 से 6 घंटे तक नियमित पढ़ाई करती थी. उनके पिता इस दुनिया में नहीं है लेकिन मन की साहस ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में काफी मदद की. मधु मानती हैं कि दरोगा बनने के बाद वह ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए ढेर सारा काम करेंगी. उन्होंने सामाजिक स्तर पर ट्रांसजेंडरों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने पर जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर भी ईश्वर की ही देन है और उन्हें अलग से देखने की जरूरत नहीं है. Tags: Bihar News, PATNA NEWS, Success StoryFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 08:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed