बिजली के क्षेत्र में बिहार ने कांस्य सिल्वर नहीं जीत लिया गोल्ड बना नंबर वन
बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सीएमडी भी हैं. हंस को पिछले साल ही नौकरशाही द्वारा जन बदलाव करने वाले आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरटीएस अधिकारियों की लिस्ट में जगह दी गई थी. अब इन्हीं के नेतृत्व में बीएसपीटीसीएल ने यह गोल्ड अवार्ड जीता है.
बिजली के क्षेत्र में बिहार को मिला बड़ा सम्मान
SAMAST यानी बिलों के निर्धारण, लेखांकन, मीटरिंग और बिलों के निपटाने में बिहार पूर्वी क्षेत्र के सभी राज्यों को पछाड़ दिया. SAMAST रिपोर्ट राज्यों में एक मजबूत और विवाद मुक्त शेड्यूलिंग, मीटरिंग, ऊर्जा लेखांकन और निपटान प्रणाली को लागू करने के लिए रोडमैप प्रदान करती है. यह रिपोर्ट किसी भी राज्य के बिजली सेवाओं के गुणवत्ता को दर्शता है. SAMAST के माध्यम से राज्य के बुनियादी ढांचे और शासन संरचना और सूचना प्रौद्योगिकी को बेहतर इस्तेमाल से उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा कैसे मिले इसका ध्यान रखा जाता है.
गौरतलब है कि बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सीएमडी भी हैं. हंस के नेतृत्व में बीएसपीएचसीएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान तकरीबन 215 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभ कमाया था. हंस के नेतृत्व में बिहार बिजली विभाग शिकायतों को 24 घंटे के भीतर निपटाने में देश के किसी दूसरे राज्यों से आगे है.
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इसके साथ ही बिहार में बिजली चोरी की समस्या को दूर करने करने में भी हंस ने कई कारगर कदम उठाए हैं. चोरी रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना भी शुरू कर दिया है. इससे बिजली चोरी में काफी हद तक कमी आई है. संजीव हंस को पिछले साल ही एक निजी संस्था ने नौकरशाही द्वारा जन बदलाव करने वाले आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरटीएस अधिकारियों की लिस्ट में जगह दी थी.
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