मेरठ: जब भी “ड्रिप” शब्द का उल्लेख होता है, तो सामान्यतः इसे मेडिकल क्षेत्र से जोड़ा जाता है. क्योंकि बीमारियों के दौरान मरीजों को दवाइयां ड्रिप के माध्यम से दी जाती है. लेकिन अब ड्रिप विधि का उपयोग कृषि क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रहा है. खेतों की सिंचाई के लिए यह विधि किसानों के लिए बेहद सहायक साबित हो रही है. मेरठ उद्यान विभाग के मंडल उपनिदेशक डॉ. विनीत कुमार ने लोकल-18 से खास बातचीत में बताया कि सरकार द्वारा ड्रिप सिंचाई विधि को गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है, ताकि भूजल का संरक्षण हो और किसान की आय में वृद्धि हो सके.
बहुत खास है ड्रिप विधि
डॉ. विनीत कुमार ने बताया कि ड्रिप सिंचाई विधि बहुत उपयोगी मानी जाती है और इसका विश्वभर में व्यापक उपयोग हो रहा है. उन्होंने बताया कि सामान्य सिंचाई के दौरान 100 लीटर पानी में से 50% से भी कम पानी खेत तक पहुंचता है, जबकि ड्रिप विधि से 80% तक पानी सीधे पौधे की जड़ों तक पहुंचता है. इससे पानी की बचत होती है और किसानों को घंटों तक खेतों में रुकने की जरूरत नहीं पड़ती. इसके साथ ही, इस विधि से सिंचाई का खर्च भी काफी कम हो जाता है.
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कीटनाशक दवाओं का भी उपयोग संभव
डॉ. विनीत ने बताया कि ड्रिप विधि का एक और बड़ा लाभ यह है कि इसके माध्यम से कीटनाशक दवाओं का भी आसानी से उपयोग किया जा सकता है. किसान ड्रिप पाइप के माध्यम से विभिन्न प्रकार की कीटनाशक दवाओं को पौधों तक पहुंचा सकते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है और किसान की आय में भी वृद्धि होती है.
अनुदान की सुविधा
डॉ. विनीत ने बताया कि जो किसान अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई विधि को अपनाना चाहते हैं, उनके लिए केंद्र और राज्य सरकारें विशेष अनुदान प्रदान कर रही हैं. छोटे किसानों को 90% तक अनुदान दिया जाता है और उन्हें केवल 10% ही स्वयं वहन करना पड़ता है. जबकि बड़े किसानों को 80% अनुदान उपलब्ध है. उन्हें केवल 20% ही भुगतान करना होता है. किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए अपने जिले के उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं.
ट्यूबवेल से सिंचाई का नया तरीका
ड्रिप विधि से सिंचाई के लिए ट्यूबवेल के माध्यम से पूरे खेत में पानी पहुंचाने की पारंपरिक विधि को बदला जा सकता है. कंपनी के कर्मचारी ट्यूबवेल से ही पूरा सेटअप तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से पाइपों द्वारा सीधे खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 17:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed