कांग्रेस का ऐसा हाल! 3 दशकों तक राज अब नहीं मिले कैंडिडेट 41 सीटों पर सरेंडर
कांग्रेस का ऐसा हाल! 3 दशकों तक राज अब नहीं मिले कैंडिडेट 41 सीटों पर सरेंडर
Arunachal Pradesh Chunav Result: अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज कर ली है. भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों में से 46 सीट जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की है. भाजपा को 2019 की तुलना में चार अधिक सीटें मिली हैं.
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज कर ली है. भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों में से 46 सीट जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की है. भाजपा को 2019 की तुलना में चार अधिक सीटें मिली हैं. वहीं, कांग्रेस की बुरी हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसे 41 सीटों पर उम्मीदवार ही नहीं मिले. जी हां, अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों में से 41 पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे. 41 सीटों पर उम्मीदवार न जुटा पाना दर्शाता है कि कांग्रेस की स्थिति कितनी खराब हो चली है. वह भी तब, जब अरुणाचल में तीन दशक से अधिक समय तक कांग्रेस का ही कब्जा था. लोकसभा चुनाव से पहले आए नतीजों में अरुणाचल में भाजपा संग लड़ाई में कांग्रेस को महज एक सीट ही हाथ लगी है.
दरअसल, साल 2019 में चार सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार केवल 19 सीटों पर ही चुनाव लड़ा. इसकी वजह है कि कई सीनियर कांग्रेस नेताओं ने उम्मीदवारों को नॉमिनेट करने के कांग्रेस के फैसले का उल्लंघन किया. वहीं, कई कांग्रेस नेता ऐन वक्त पर मैदान छोड़कर भाग गए. कई तो भाजपा में शामिल हो गए. कांग्रेस ने कुमार वाई को पूर्वी कामेंग जिले के बामेंग विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था. कांग्रेस की तरफ से जीत का परचम लहराने वाले वह इकलौते उम्मीदवार हैं. इस तरह से कांग्रेस को अरुणाचल में यही एक सीट हाथ लगी है.
कांग्रेस को सभी सीटों पर नहीं मिले उम्मीदवार
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश चुनाव के लिए 35 उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की थी. इनमें से 10 ने नामांकन ही दाखिल नहीं किया. बाकी बचे उम्मीदवारों में से पांच ने अपना नाम वापस ले लिया. कानुबारी सीट से एक अन्य उम्मीदवार सोम्फा वांगसा ने नॉमिनेशन पेपर्स की स्क्रूटनी के बाद सीट सरेंडर कर दी और भाजपा में शामिल हो गए. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो भाजपा के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने वालों को निशाना बनाकर पार्टी के कई सीनियर नेताओं को पहले ही बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. इनमें 9 लोग ऐसे हैं, जिन्हें चुनाव लड़ने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था, मगर वे चुनाव नहीं लड़े.
कांग्रेस को ऐन वक्त पर मिला धोखा
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘इन उम्मीदवारों ने पार्टी को यह भी नहीं बताया कि वे चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. वे आखिरी क्षण तक कांग्रेस के टिकट के लिए लड़ते रहे, लेकिन बाद में पीछे हट गए.’ पीसीसी प्रमुख और अरुणाचल के पूर्व सीएम नबाम तुकी ने चुनावी मैदान से आश्चर्यजनक पलायन के लिए धनबल को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पार्टी की अनुशासन समिति की सिफारिशों के अनुसार दलबदलुओं को निष्कासित किया जाता रहेगा. हम निस्संदेह निराश हैं, लेकिन हतोत्साहित नहीं हैं. हम हार के कारणों पर आत्मनिरीक्षण करेंगे और आने वाले दिनों में संगठन पर काम करेंगे.’
अरुणाचल विधानसभा चुनाव के क्या रहे नतीजे?
अरुणाचल प्रदेश में भाजपा को 46 सीटें मिली हैं. विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस का सफाया कर दिया. कांग्रेस के खाते में केवल एक सीट आई और यह एनपीपी (5), राकांपा (3) तथा पीपीए (2) के बाद पांचवें स्थान पर खिसक गई. तीन सीट निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं. पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार चुनाव लड़ने वाले कुल 20 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. उनमें से 11 भाजपा से, चार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और दो-दो पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) तथा राकांपा से और एक निर्दलीय शामिल है.
Tags: Arunachal pradesh, Arunachal Pradesh Assembly Election, Arunachal Pradesh News, Congress NewsFIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 07:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed