जेएनयू में राजनीति बंद! छात्रों के नेतागिरी करने पर लगी पाबंदी लेकिन रुकिए
जेएनयू में राजनीति बंद! छात्रों के नेतागिरी करने पर लगी पाबंदी लेकिन रुकिए
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित जगन्नाथ यूनिवर्सिटी (JNU) में स्टूडेंट पॉलिटिक्स पर फिलहाल पाबंदी लगा दी गई. स्टूडेंट प्रोटेस्ट की वजह से हुए नुकसान को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह निर्णय लिया.
स्टूडेंट पॉलिटिक्स की बात हो, तो दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी का जिक्र पहले आता है. यहां की छात्र राजनीति से निकले कई नेता आज कई अहम पदों पर काम कर रहे हैं. इसलिए यहां कुछ भी होता है, तो उसकी चर्चा देश-विदेश में होती है. लेकिन आज दिल्ली की नहीं, बल्कि बांग्लादेश की जेएनयू की बात कर रहे हैं. वहां स्टूडेंट पॉलिटिक्स पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है. छात्रों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि नेतागिरी बंद करिए और क्लास में लौटिए. आप जानकर हैरान होंगे कि इस यूनिवर्सिटी से निकले कई छात्रों ने बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था.
जी हां, बांग्लादेश की राजधानी ढाका में यह जेएनयू है, जिसका पूरा नाम जगन्नाथ यूनिवर्सिटी है. यहां भी दिल्ली की जेएनयू की तरह स्टूडेंट पॉलिटिक्स का बोलबाला रहता है. लेकिन मंगलवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र नेताओं की एक बैठक बुलाई. साफ कहा कि अब से स्टूडेंट पॉलिटिक्स बंद है, क्योंकि आंदोलन की वजह से बहुत सारा नुकसान हो चुका है. पढ़ाई पूरी तरह ठप हो चुकी है. अगर छात्र राजनीति में यूं ही लगे रहे, तो स्लेबस पूरा करना मुश्किल हो जाएगा.
छात्रों-टीचर्स ने मिलकर लिया फैसला
इसके बाद छात्र नेताओं ने कहा कि आगे से कोई भी छात्र राजनीति नहीं होगी. कॉलेज में सभी तरह की राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई. यह भी निर्णय लिया गया कि 18 अगस्त से रेगुलर क्लासेस शुरू होंगी. यूनिवर्सिटी के कोषाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद हुमायूं कबीर चौधरी ने शिक्षकों को भी हिदायत दी कि किसी भी तरह की राजनीति में हिस्सा न लें. छात्रों ने ये शर्त रखी थी कि अगर टीचर्स कोई धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे, तो वे भी हर तरह की राजनीति से अलग हो जाएंगे.
स्टूडेंट इलेक्शन पर मांग पर क्या कहा…
छात्र नेताओं की मांग थी कि स्टूडेंट यूनियन चुनाव का ऐलान किया जाए. इस पर कोषाध्यक्ष ने सहमति जताई. लेकिन कहा कि चुनाव अगले सत्र में ही कराए जा सकते हैं, क्योंकि इस सत्र में काफी नुकसान हो चुका है. इससे पहले 1 अगस्त को जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर सादेका हलीम ने इस्तीफा दे दिया था. छात्र उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. बता दें कि यहां के कई छात्र शेख हसीना के खिलाफ चल रहे विद्रोह में भी शामिल थे.
Tags: Bangalore news, Sheikh hasinaFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 18:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed