गंगा सप्तमी: इस विधि से करें गंगा आरती का पाठ जपापों से मिलेगी मुक्ति!

गंगा सप्तमी के दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग मां गंगा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं .गंगा नदी में स्नान करते हैं दान करते हैं.

गंगा सप्तमी: इस विधि से करें गंगा आरती का पाठ जपापों से मिलेगी मुक्ति!
अयोध्या: भारत में गंगा नदी सबसे पवित्र नदी मानी जाती है . मान्यता के मुताबिक कहा जाता है गंगा में स्नान करने से सभी तरह के कष्ट समाप्त हो जाते हैं. प्रत्येक वर्ष हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. गंगा सप्तमी के दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग मां गंगा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं .गंगा नदी में स्नान करते हैं दान करते हैं. इसके अलावा इस दिन मां गंगा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से जन्म जन्मांतर के पापों से भी मुक्ति मिलती है. दरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई को है और गंगा सप्तमी के दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन मां गंगा की पूजा आराधना करने के साथ उनकी आरती करनी चाहिए. ऐसा करने से जीवन में किए गए सभी पापों का नाश होता है गंगा सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद मां गंगा को फूल माला अक्षत आदि अर्पित करना चाहिए. उसके बाद खड़े होकर हाथ जोड़कर मां गंगा थी चालीसा का पाठ करना चाहिए और आरती करनी चाहिए . गंगा आरती ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥॥ ओम जय गंगे माता..॥पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥॥ ओम जय गंगे माता..॥एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता ।यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ॥॥ ओम जय गंगे माता..॥आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ॥॥ ओम जय गंगे माता..॥ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता Tags: Ganga, Religion 18FIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 11:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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