कांग्रेस के सामने खुली बगावत की चुनौती बीजेपी को सता रहा भितरघात का खतरा
कांग्रेस के सामने खुली बगावत की चुनौती बीजेपी को सता रहा भितरघात का खतरा
Deoli Uniara Upchunav : टोंक जिले की देवली उनियारा विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ही धड़कनें बढ़ी हुई हैं. यहां कांग्रेस के सामने जहां खुली बगावत की चुनौती है. वहीं यहां छोटे-छोटे खेमों में बंटी बीजेपी के सामने भितरघात का खतरा मंडरा रहा है. यहां निर्दलीय नरेश मीणा ने चुनाव को रोचक बना दिया है.
दौलत पारीक.
टोंक. राजस्थान में सात विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनावों में टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हुई मुश्किलें कम नहीं हो पा रही है. देवली उनियारा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस की ये मुश्किलें निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने बढ़ा रखी है. मीणा बाहुल्य क्षेत्र में नरेश मीणा के साथ स्थानीय नाराज दावेदार भी जुट रहे हैं. सरपंच संघ जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा भी नरेश मीणा को समर्थन दे चुके हैं. मुकेश मीणा 2023 में इस सीट से दावेदारी जता चुके हैं. इन सबके चलते कांग्रेस यहां अपनों से ही घिर गई है.
यह सीट हरीश मीणा के सांसद बनने से खाली हुई है. इस सीट से कांग्रेस के सांसद हरीश मीणा दो बार लगातार विधायक रह चुके हैं. सांसद बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद कांग्रेस ने इस बार यहां से केसी मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है. इससे पहले बीजेपी ने यहां राजेन्द्र गुर्जर को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था. लेकिन कांग्रेस के नरेश मीणा को टिकट नहीं मिली तो बागी हो गए.
टीम पायलट ने पीछे खींच रखे हैं अपने हाथ
चर्चा है कि केसी मीणा को टिकट दिलाने में सांसद हरीश मीना का बड़ा हाथ रहा है. केसी मीणा की नामांकन सभा में पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और सांसद हरीश मीना पहुंचे थे. ऐसे में टीम पायलट ने हाथ पीछे खींच लिए. मीणा-गुर्जर बाहुल्य यह सीट इस बार कांग्रेस में हुई बगावत के कारण त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई है. इस इलाके में सचिन पायलट का भी अच्छा खासा दबदबा है. पायलट सभा करने आएंगे या नहीं यह अभी तक तय नहीं है. वहीं हरीश मीना पर टिकट बेचने के आरोपों के बाद कांग्रेस में उनके खिलाफ भी नाराजगी दिखाई दे रही है.
बीजेपी के सामने भितरघात का खतरा मंडरा रहा है
यहां अगर कांग्रेस मुश्किल में फंसी है तो बीजेपी के भी हालात कोई ज्यादा जुदा नहीं है. कांग्रेस में जहां खुली बगावत की चुनौती है. वहीं बीजेपी के सामने भितरघात अंदेशा है. बीजेपी के राजेन्द्र गुर्जर को टिकट दिलाने में मंत्री कन्हैयालाल चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है. टोंक जिले के प्रभारी मंत्री हीरालाल नागर और भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल लगातार देवली-उनियारा में डटे हुए हैं. लेकिन विजय बैंसला का टिकट कटने से गुर्जर के खिलाफ अंदरुनी खिलाफत जारी है. समाज वोट की चोट करने की बात कर रहा है.
यहां छोटे छोटे खेमों में बंटी है बीजेपी
वहीं जिलाध्यक्ष अजित सिंह मेहता की टीम भी कोई बहुत ज्यादा रुचि नहीं दिखा रही है. यहां से बीजेपी के पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी भी टिकट की दावेदारी जता रहे थे. लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हो पाए। ऐसे में छोटे छोटे खेमों में बंटी बीजेपी के भी सामने चुनौतियां कम नहीं हैं. नरेश मीणा बारां से हैं. सोशल मीडिया में उनके साथ खासी भीड़ दिखती है. लेकिन वह भीड़ वोटों में कन्वर्ट हो पाएगी या नहीं कहना मुश्किल है. नरेश मीणा स्थानीय नाराज कांग्रेसियों को साथ जोड़ने की भी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. उपचुनावों का अंतिम परिणाम क्या रहेगा यह तो 23 नवंबर को रिजल्ट आने पर पता चल पायेगा.
Tags: Assembly by election, BJP, Congress, Political newsFIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 15:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed