नशा मुक्ति केन्द्र में हो रहा था नशे का काला कारोबार 20 लाख की नशीली दवाइयां जब्त 4 गिरफ्तार
नशा मुक्ति केन्द्र में हो रहा था नशे का काला कारोबार 20 लाख की नशीली दवाइयां जब्त 4 गिरफ्तार
Black trade of drugs in de-addiction centers in Sriganganagar: राजस्थान के श्रीगंगानगर में नारकोटिक्स विभाग ने नशा मुक्ति केन्द्र की आड़ में चल रहे नशे के काले कारोबार का खुलासा किया है. नारकोटिक्स विभाग ने वहां से करीब 20 लाख रुपए कीमत की नशीली दवाइयां जब्त कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
हाइलाइट्सनारकोटिक्स विभाग की बड़ी कार्रवाईश्रीगंगानगर के सादुलशहर में लिया एक्शनउम्मीद नशा मुक्ति केन्द्र पर विभाग ने मारा छापा
श्रीगंगानगर. राजस्थान में नशा मुक्ति केन्द्र (De-addiction center) का एक हैरान कर देने वाला सच सामने आया है. यहां के श्रीगंगानगर जिले में एक नशा मुक्ति केन्द्र की आड़ में ही नशे का काला कारोबार (Drug trade) किया जा रहा था. नारकोटिक्स विभाग कोटा, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा की प्रीवेंटिव टीम ने इस नशा मुक्ति केन्द्र पर छापामारी कर वहां से लाखों रुपए की नशीली दवाइयां जब्त की है. नारकोटिक्स विभाग ने टीम ने इस मामले में नशा मुक्ति केंद्र के तीन संचालकों और एक चिकित्सक को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार नारकोटिक्स विभाग ने यह कार्रवाई श्रीगंगानगर जिले के सादुलशहर में की है. विभाग को मिले फीडबैक के आधार पर उसने सादुलपुर के ‘उम्मीद नशा मुक्ति केंद्र’ में सोमवार को छापामारी की कार्रवाई की. नारकोटिक्स विभाग की टीम ने वहां से नशे की करीब डेढ़ लाख टेबलेट जब्त की है. बाजार भाव के हिसाब उनकी कीमत करीब 20 लाख रुपये बताई जा रही है. नशा मुक्ति केन्द्र में नशे का इतना बड़ा कारोबार देखकर नारकोटिक्स विभाग की टीम भी हैरान रह गई.
पंजाब और राजस्थान के रहने वाले हैं संचालक
नारकोटिक्स विभाग की प्रीवेंटिव टीम ने नशे की इस खेप का जब्त कर इस काले कारोबार के जिम्मेदार उम्मीद नशा मुक्ति केंद्र के तीन संचालकों और एक चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया. नारकोटिक्स विभाग के हत्थे चढ़े नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों में शामिल प्रदीप कुमार का पंजाब रहने वाला है. उसका दूसरा पार्टनर श्रवण कुमार श्रीगंगागनर के सादुलशहर का ही है. वहीं उनका तीसरा साथी अनिल बेनीवाल श्रीगंगानगर से सटे हनुमानगढ़ जिले का रहने वाला है. जबकि चिकित्सक विशाल आत्माराम सोनवने महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाला है.
फर्जी बिल और फाइलें बनाकर किया जा रहा था यह काला कारोबार
नारकोटिक्स विभाग की प्रीवेंटिव टीम से प्राप्त जानकारी के अनुसार नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों के द्वारा नारकोटिक्स ड्रग्स और शेड्यूल h1 ड्रग का फर्जी बिल और मरीजों की फर्जी फाइलें बनाकर अवैध तरीके से यह काला कारोबार किया जा रहा था. नारकोटिक्स विभाग की टीम अब आगे की कार्रवाई में जुटी है. उल्लेखनीय है कि राजस्थान-पंजाब के बॉर्डर स्थित श्रीगंगानगर जिले में नशे का कारोबार व्यापक पैमाने पर फैला हुआ है. इसके चलते श्रीगंगानगर जिले में नशा मुक्ति केन्द्र भी बड़ी संख्या में हैं.
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Tags: Crime News, Drugs case, Rajasthan news, Sri ganganagar newsFIRST PUBLISHED : November 22, 2022, 09:53 IST