भारत के जाल में फंस रहे हैं चीन और पाकिस्तान! तेजी से तैयार हुईं सीमा तक पहुंचने वाली सड़कें

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने ऑल वेदर स्ट्रेजिक रोड का निर्माण को तेजी से आगे बढ़ाया है और सीमा तक पहुंचने वाली सड़कों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए नए ब्रिज भी तैयार कर रहा है. इस निर्माण के फेहरिस्त में भारत द्वारा नए 75 प्रोजेक्ट भी बनकर तैयार हो गए हैं, जिन्हें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह देश को समर्पित करेंगे.

भारत के जाल में फंस रहे हैं चीन और पाकिस्तान! तेजी से तैयार हुईं सीमा तक पहुंचने वाली सड़कें
हाइलाइट्सचीन पाकिस्तान को जवाब देने के लिये तैयार है भारतीय सेना की नई सड़कें.देश के सीमावर्ती राज्यों में तैयारी किए गए नए 75 प्रोजेक्ट.रक्षामंत्री 44 ब्रिज, 28 रोड, 2 हैलिपैड और एक ज़ीरो कार्बन हैबिटेट देश को समर्पित करेंगे. नई दिल्ली. एक तरफ चीन लगातार अपनी ताकत को एलएसी और एलओसी पर बढ़ाने के लिए जी-जान से जुटा हुआ है. इसके लिए चीन पीओके में पाकिस्तान की सड़कों की मरम्मत कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ भारत ने भी अपनी तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है. पिछले कुछ वर्षों में भारत ने ऑल वेदर स्ट्रेजिक रोड का निर्माण को तेजी से आगे बढ़ाया है और सीमा तक पहुंचने वाली सड़कों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए नए ब्रिज भी तैयार कर रहा है. भारत के प्लान के मुताबिक 2023 तक सीमावर्ती राजय में सीमा पर और वहां तक पहुंचने के लिए 272 सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है और जिसके लिए काम तेजी से शुरू है. भारत ने दुरबुक श्योक दौलत बेग ओल्डी तक 256 किलोमीटर लंबी सड़क तैयार करके चीन को इस कदर परेशान कर दिया कि उसे उस सड़क पर तांक झांक के लिए ग्लवान तक आना पड़ा और फिर पूर्वी लद्दाख में तनाव का दौर शुरू हुआ. इस निर्माण के फेहरिस्त में भारत द्वारा नए 75 प्रोजेक्ट भी बनकर तैयार हो गए हैं, जिन्हें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह देश को समर्पित करेंगे. इन प्रोजेक्ट में 44 ब्रिज , 28 रोड, 2 हैलिपैड और एक ज़ीरो कार्बन हैबिटेट शामिल है. अगर ब्रिज की बात करें तो सबसे ज़्यादा 12 ब्रिज जम्मू कश्मीर में , 7 लद्दाख, 3 हिमाचल, 6 उत्तराखंड, 2 सिक्किम और 13 अरुणाचल प्रदेश में तैयार हुए हैं. भारत-चीन बॉर्डर पर मोदी सरकार ने बनाई 2088.57 किलोमीटर की सड़क वहीं सड़कों की बात करें तो 6 रोड राजस्थान में ,1 पंजाब , 7 जम्मू कश्मीर, 8 लद्दाख, 2 सिक्किम और 4 अरुणाचल प्रदेश में है. इसके अलावा 2 हैलिपैड लद्दाख में बनाए गए हैं और एक जीरो कार्बन जोन भी लद्दाख में स्थापित किया गया है. पिछले पांच सालों में बॉर्डर इलाकों में सड़कें बनाने का काम तेजी से हुआ है. सरकार की तरफ से सदन में दी गई जानकारी के मुताबिक भारत-चीन बॉर्डर पर ही पांच सालों में 2088.57 किलोमीटर की सड़कें बनी हैं. इसी तरह भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 1336.09 किलोमीटर की सड़कें पांच साल के भीतर बनी हैं. बॉर्डर के करीब सड़कें बनाने में जी-जान से जुटा चीन इसके अलावा भारत- म्यांमार बॉर्डर पर 151.15 किलोमीटर की सड़कें बनीं और भारत- बांग्लादेश बॉर्डर पर 19.25 किलोमीटर की सड़कें तैयार की गई हैं. वहीं चीन पूरे तिब्बत के में सड़कों का जाल बिछाने में जुटा है. भारत के डीएसडीबीओ रोड के चलते अक्सई चीन तक भारत की पहुंच आसान होने के ख़ौफ़ के बाद उसने नया हाइवे G695 बनाने की तैयारी कर ली है. अक्सई चीन से ये दूसरा हाइवे एलएसी के बेहद क़रीब से निकलेगा. चूंकि हाई अल्टीट्यूड एरिया और ख़ास तौर पर सीमावर्ती इलाक़ों में सड़क निर्माण अलग-अलग मायने में चुनौती पूर्ण है. लेकिन कोविड और मौसम की तमाम दुश्वारियों के बावजूद भारतीय सेना का काम जारी रहा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: India china borderFIRST PUBLISHED : October 27, 2022, 18:14 IST