Rajasthan political crisis: अनुशासनहीन विधायकों पर एक्शन की तैयारी अजय माकन ने दिए संकेत
Rajasthan political crisis: अनुशासनहीन विधायकों पर एक्शन की तैयारी अजय माकन ने दिए संकेत
Jaipur News: राजस्थान में मुख्यमंत्री और कांग्रेस में अध्यक्ष का चयन परस्पर में उलझ गए हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने की संभावनाओं के बीच पायलट को सीएम बनाए जाने की आस जगी थी. लेकिन गहलोत गुट ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर और 70 विधायकों ने इस्तीफे देकर सारे समीकरण उलट दिए हैं. इसे वरिष्ठ नेताओं ने गंभीरता से लिया है.
हाइलाइट्ससरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बनाने की शर्त रखीगहलोत गुट के विधायकों के बैठक में भाग न लेने को माकन ने अनुशासनहीनता माना
नीरज.
जयपुर. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay maken) और केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Khadge) ने सीएम अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) से बातचीत के बाद सीएलपी की बैठक के लिए समय और जगह निर्धारित होने के बावजूद विधायकों द्वारा उसमें शामिल नहीं होने को गंभीरता से लिया है. माकन ने इसे अनुशासनहीनता (In discipline) माना है और कहा है कि इस पर एक्शन लिया जाएगा. गहलोत गुट ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया और तय किया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने तक यानी 19 अक्टूबर तक ये गुट किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होगा.
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा है कि विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायकों का नहीं आना अनुशासनहीनता है. इस बैठक के दौरान उन्होंने खुद बैठक बुला ली. ये भी अनुशासनहीनता है और हम देखते हैं कि क्या एक्शन लिया जा सकता है. हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे, लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे. जबकि कांग्रेस अध्यक्ष से सीएलपी की बैठक बुलाने के निर्देश मिलने और सीएम अशोक गहलोत से संपर्क साधकर बैठक के लिए समय और जगह निर्धारित की गई थी.
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गहलोत गुट के विधायकों ने तीन शर्तों में उलझाया
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गहलोत से समय और जगह तय करने के बाद ही दिल्ली से प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर के लिए रवाना हुए. बाद में बैठक में आने से गहलोत गुट के विधायक मुकर गए. इन विधायकों ने तीन शर्तें रखी. पहली- सरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बने. दूसरी- सीएम तब घोषित हो जब अध्यक्ष का चुनाव हो जाए. तीसरी- जो भी नया मुख्यमंत्री हो वो गहलोत की पसंद का ही हो.
कांग्रेस से गद्दारी करने वालों को कुर्सी देने की चाल
इस बीच यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर कहा कि जिस प्रकार से प्रस्ताव पास करवाया जा रहा था. जो तरीका अपनाया गया उससे साफ लगा कि उन लोगों को कुर्सी पर बैठाया जाएगा जिन लोगों ने कांग्रेस के साथ गद्दारी की. सवाल इस बात का है कि आप किसी को बना दीजिए, जो 102 विधायक जयपुर और जैसलमेर के होटल में मौजूद थे. धारीवाल ने यह भी कहा कि यह गलत बात है कि गहलोत ने सीएम के लिए सीपी जोशी का नाम लिया है. जोशी ने पहले दिन मना कर दिया था कि मेरा इस पद से कोई लेना देना नहीं है.
माकन और खड़गे से नहीं मिले विधायक
नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर राजस्थान अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को हाईकमान ने भेजा था. सूत्र बताते हैं कि सोनिया-राहुल गांधी के निर्देश थे कि सभी विधायकों से बातचीत करें और सीएम के नाम को तय करें. लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने पर्यवेक्षकों से मुलाकात ही नहीं की. अब माकन और खड़गे दिल्ली लौट रहे हैं. माकन ने अनुशासनहीन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं.
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Tags: Ajay maken, Ashok gehlot, Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot, Congress politics, Jaipur news, Rajasthan news in hindi, Sachin pilotFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 15:52 IST