जयपुर का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन ड्रोन और हेलिकॉप्टर भी नहीं ढूंढ पाए राहुल को

Jaipur News: राजधानी जयपुर से सटे नाहरगढ़ की पहाड़ी से लापता हुए राहुल का आठ दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है. पुलिस ने राहुल की तलाश के लिए ड्रोन और हेलिकॉप्टर से सर्च ऑपरेशन चलाने के साथ ही उन तमाम तकनीकों का इस्तेमाल कर लिया है जिनसे किसी इंसान को ढूंढा जा सकता है.

जयपुर का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन ड्रोन और हेलिकॉप्टर भी नहीं ढूंढ पाए राहुल को
विष्णु शर्मा. जयपुर. जयपुर में नाहरगढ़ की पहाड़ी के घने जंगलों से 8 दिन पहले लापता हुए 23 साल के राहुल पाराशर का रहस्य बरकरार है. बीते रविवार को दुर्गम घाटी से होकर नाहरगढ़ की पहाड़ी पर घूमने के लिए चढ़े राहुल और उसका छोटा आशीष जंगल में रास्ता भटक गए थे. उसके बाद अगले दिन सोमवार को आशीष की लाश झाड़ियों में मिली. लेकिन राहुल का अभी तक पता नहीं चल पाया है. राहुल को ढूंढने के लिए जयपुर में अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चला चुकी है. लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पाई. ड्रोन और हेलिकॉप्टर भी राहुल को ढूंढ नहीं पाए हैं. अब यह केस हाईकोर्ट भी पहुंच गया है. राहुल के पिता सुरेशचंद्र शर्मा ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. इस घटना के बाद बीते रविवार देर शाम से पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरु किया गया था. ज्यों ज्यों राहुल के लापता होने का वक्त बीतता गया त्यों त्यों सर्च ऑपरेशन का दायरा बढ़ता गया. जानकारों की मानें तो राहुल की तलाश के लिए चलाया गया ‘सर्च ऑपरेशन’ जयपुर में अब तक का पहला और सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन है. इसमें नाहरगढ़ पहाड़ी से रहस्यमय ढंग से गायब हुए राहुल की खोज में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी जुटे. पुलिस और स्थानीय लोगों ने कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया एडिशनल डीसीपी नार्थ बजरंग सिंह शेखावत के अनुसार राहुल की तलाश के लिए पुलिस और स्थानीय लोगों ने कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया. यह ऐसा पहला ऐसा सर्च ऑपरेशन है जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाया गया. उसके बाद भी राहुल का पता नहीं लगा तो ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर की मदद से लेकर नाहरगढ़ पहाड़ी पर सर्च किया गया. तब भी पुलिस के हाथ उसका कोई सुराग नहीं लगा. जंगली जानवर का शिकार होने और गिरने से मौत की आशंका भी है इस ऑपरेशन की शुरुआती जांच में पुलिस को लग रहा था कि संभवतया किसी पैंथर या अन्य किसी जंगली जानवर के हमले में बचने के प्रयास में आशीष झाड़ियों में छिपा होगा. चोट लगने से उसकी मौत हो गई हो. वहीं राहुल भी कहीं ना कही जंगल में रास्ता भटकने के बाद गहरी खाई में गिरा होगा या फिर कोई जंगली जानवर का शिकार हो गया. लेकिन चप्पे चप्पे में सर्च के बाद भी राहुल का कोई सुराग नहीं लगा. उसके कपड़े, जूते, चश्मा या मोबाइल फोन का नहीं मिलने से पुलिस का संदेह अब दूसरी बातों पर गहरा रहा है. राहुल पहाड़ी पर ही कहीं है या फिर मोबाइल छोड़कर पहाड़ी से निकल गया पुलिस ने इस केस में सर्च ऑपरेशन के साथ ही तकनीकी अनुसंधान पर भी फोकस किया है. इसमें प्रकरण की जांच के लिए गठित एसआईटी में शामिल साइबर एक्सपर्ट्स को लगाया गया है. पुलिस का मानना है कि राहुल के मोबाइल की लोकेशन अभी भी नाहरगढ़ पहाड़ी पर आ रही है. ऐसे में या तो जहां मोबाइल फोन है वहीं आसपास राहुल है. या फिर राहुल के पहाड़ी से उतरकर कहीं और निकल जाने के कयास भी पुलिस की आशंका को बल दे रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से आशीष की मौत के पीछे हत्या की आशंका वहीं नाहरगढ़ की पहाड़ी पर मिले आशीष के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया. उसमें आशीष के सिर में चोट के अलावा गर्दन में सी 2 और सी 3 के चोटिल होना सामने आया है. इससे दम घुटने से मौत की आशंका के अलावा आशीष का स्पाइनल कॉर्ड भी चोटिल मिला है. फीमर बोन में फ्रैक्चर के साथ ही दायें पैर में भी हल्का फ्रेक्चर और चेहरे पर हल्की चोट के निशान मिले. इससे अब तक मौत को नेचुरल मान रही पुलिस ने हत्या की संभावना जताई है. माइनिंग रेस्क्यू टीम के एक्सपर्ट्स पहाड़ी की खाई में उतरे जयपुर पुलिस ने राहुल की तलाश में कोई कमी नहीं छोड़ी है. सर्च के लिए दिल्ली से एक्सपर्ट टीम की ओर से 3 डी स्लैम ली डार इंटेंसिटी मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस रिकॉर्डिंग से थर्मल इमेजिंग से एनालिसिस किया जा रहा है ताकि पता चले कि पहाड़ी में खाई में क्या क्या है. पहली बार इस तकनीकी का सहारा राहुल को तलाशने में लिया जा रहा है. वहीं भीलवाड़ा से बुलाई गई माइनिंग रेस्क्यू टीम के एक्सपर्ट्स पहाड़ी की खाई में उतारकर सर्च करवाया गया. इस टीम की ओर से 3 बोर होल कैमरों को वायरिंग के जरिए 400 मीटर नीचे तक घाटी में उतारा गया. लेकिन पेड़ ज्यादा होने से तकनीक कारगर नहीं रही. जयपुर पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है बहरहाल, राहुल की तलाश और आशीष की मौत से पर्दा उठाने के लिए जयपुर पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन सुराग हाथ नहीं लगा है. लेकिन ये जरुर है कि एक बार राहुल के मिलते ही पुलिस पूरी घटना पर से पर्दा उठा देगी. फिर भी 8 दिन बाद सवाल यही है कि आखिर राहुल कहां है? क्या वह जिंदा और सुरक्षित है. या फिर पहाड़ी पर ही उसकी खोज में अभी और प्रयास करने बाकी हैं. Tags: Crime News, Jaipur news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 10:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed