गहलोत बनाम पायलट: सत्ता की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी पढ़ें बयानों की जुबानी
गहलोत बनाम पायलट: सत्ता की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी पढ़ें बयानों की जुबानी
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के सियासी संघर्ष की कहानी: राजस्थान में यह पहली बार नहीं है कि जब गहलोत-पायलट (Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot) आमने-सामने खड़े हैं. राजस्थान में कांग्रेस सरकार के गठन से पहले ही दोनों के बीच बड़े स्तर पर पैदा हुई मनमुटाव की खाई धीरे-धीरे चौड़ी होती गई. मुख्यमंत्री पद को लेकर चले लंबे संघर्ष के बाद भी बयानों की गर्म हवायें लगातार चलती रही और सरकार इसमें झुलसती रही. पढ़ें शुरू से लेकर अंत की पूरी कहानी.
जयपुर. राजस्थान में पिछले कुछ महीनों से शांत चल रही सियासी महाभारत (Political mahabharat) बार फिर से शुरु हो गई है. खास बात यह है कि यह जंग पक्ष-विपक्ष के बीच नहीं है बल्कि कांग्रेस की ही आपसी अंतर्कलह फिर से बाहर आने लगी है. पिछले तीन दिन से सियासी घटनाक्रम से प्रदेश का सियासी पारा उबाल पर है. अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट (Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot) की सियासी अदावत एक बार फिर मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं. दोनों खेमों के बीच जो जुबानी जंग शुरू हुई है वो पता नहीं किस मुकाम तक जाएगी.
एक ओर पार्टी मिशन-2023 के मद्देनजर एकजुटता के मैसेज दे रही है और हर बार एकजुटता के दावे भी किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इन दावों की पोल बार-बार खुलती हुई नजर आ रही है. जुबानी जंग सीधे गहलोत-पायलट के बीच शुरू हुई है. इस बीच इनके समर्थक भी एक-दूसरे पर उकसाने वाले तंज कसने लगे हैं।.
बयानों की गर्म हवा लगातार बह रही है
शुरुआत सीएम गहलोत के बयान से हुई जिसमें उन्होंने सीधे सचिन पायलट का नाम लेकर केन्द्रीय मंत्री के साथ सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया. बस फिर क्या था सचिन पायलट को भी जैसे ही मौका मिला उन्होंने भी अपने बयान से आगे-पीछे का सब हिसाब बराबर कर दिया. पायलट ने एक ओर जहां सीएम गहलोत को अनुभवी, बुजुर्ग और पिता तुल्य बताया तो दूसरी ओर इशारों में ही उन पर तीखे तंज भी कस दिए.
कई बार हो चुके हैं आमने-सामने
यह पहली बार नहीं है जब गहलोत-पायलट आमने-सामने खड़े हैं बल्कि प्रदेश में सरकार के गठन से पहले ही दोनों के बीच बड़े स्तर पर मनमुटाव की शुरुआत हो गई थी. मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच लम्बा संघर्ष चला था. उसके बाद सियासी बगावत के दौरान खूब भला-बुरा कहा गया. तब सीएम गहलोत ने पायलट के लिए नाकारा-निकम्मा शब्द तक इस्तेमाल किए थे. उसके बाद समय-समय पर दोनों खेमों के बीच जुबानी तीर चले.
बार-बार गिनाई जा रही है खामियां
सीएम गहलोत ने बार-बार सियासी बगावत को याद किया तो सचिन पायलट ने कोटा में नवजात बच्चों की मौत का मामला हो या जोधपुर में वैभव गहलोत की हार. बार-बार सरकार को निशाने पर लिया. सीएम गहलोत ने कहा था कि सचिन पायलट को केन्द्र में मंत्री बनवाने में उनकी भूमिका रही तो सचिन पायलट ने कहा था कि वैभव गहलोत को टिकट दिलवाने में उन्होंने पैरवी की. केवल गहलोत-पायलट ही नहीं बल्कि दोनों के करीबी सिपहसालार भी बार-बार एक-दूसरे खेमे को उकसाने वाले बयान देते रहे हैं.
और तेज होंगे जुबानी हमले!
अब यह लड़ाई एक बार फिर से जुबानी जंग के जरिए ही शुरू हो चुकी है और माना जा रहा है कि आगामी दिनों में ये जुबानी हमले और तेज होंगे. जैसे-जैसे 2023 नजदीक आएगा सत्ता संघर्ष और पॉवर की लड़ाई बढ़ेगी. आलाकमान अब भी राजस्थान को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रहा है. जयपुर में सीएम और पायलट निवास की दूरी महज 150 मीटर की है लेकिन यह खाई अब तक पट नहीं पाई है. उधर कांग्रेस की इस कलह का विपक्ष की बैठे-बिठाए मौज ले रही है. बार-बार सामने आ रही कांग्रेस की इस अंतर्कलह पर विपक्ष खूब चटखारे ले रहा है और कांग्रेसियों से जवाब देते नहीं बन रहा है.
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Tags: Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot, Jaipur news, Rajasthan Congress, Rajasthan news, Rajasthan PoliticsFIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 18:15 IST