कम समय में बनना है मालामाल तो शुरू करें यह काम बंपर होगा मुनाफा

अब किसान के अलावा पढ़े-लिखे युवा भी गाय, भैंस, बकरी पालन में रुचि ले रहे हैं. देश में आपको हजारों की संख्या में पढ़े-लिखे युवा मिल जाएंगे, जो अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर गाय, भैंस, बकरी पालन का रुख कर रहे हैं.

कम समय में बनना है मालामाल तो शुरू करें यह काम बंपर होगा मुनाफा
सौरभ वर्मा /रायबरेली: हमारे देश की 80% आबादी खेती पर ही निर्भर है. लोग खेती के साथ ही अपनी आय बढ़ाने के लिए पशुपालन का काम भी कर रहे हैं. वह किसान बकरी, मुर्गी, सूअर पालन के साथ ही गाय, भैंस का पालन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पशु पालन धीरे-धीरे ग्रामीण भारत के साथ ही शहरी क्षेत्रों में बिजनेस का रूप ले रहा है. अब किसान के अलावा पढ़े-लिखे युवा भी गाय, भैंस, बकरी पालन में रुचि ले रहे हैं. देश में आपको हजारों की संख्या में पढ़े-लिखे युवा मिल जाएंगे, जो अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर गाय, भैंस, बकरी पालन का रुख कर रहे हैं. जिसमें बकरी पालन का व्यवसाय ग्रामीण स्तर से लेकर शहरी क्षेत्र के लोगों का प्रमुख व्यवसाय बनता जा रहा है. क्योंकि बकरी पालन करके पशुपालक दोहरा मुनाफा कमा रहे हैं. आपको बताते चलें कि बकरियों का इस्तेमाल दूध और मांस दोनों के लिए किया जाता है. इसीलिए बाजारों में बकरी की मांग बढ़ती जा रही है.इसे देखते हुए लोग बकरी पालन का काम बड़े पैमाने पर कर रहे हैं . इस तरह करें बकरी पालन  यदि आप बकरी पालन का काम शुरू करना चाह रहे हैं, तो सबसे पहले बकरियों के रहने के लिए उचित स्थान का चुनाव करें. उसके बाद वहां पर एक अच्छा शेड (छप्पर) का निर्माण करें. सामान्य तरह से बकरी के रहने के लिए 10 स्क्वायर फीट शेड का निर्माण करें. बकरी के बच्चों के लिए 8 स्क्वायर फीट जगह की जरूरत पड़ती है. तो वहीं गर्भावस्था के दौरान बकरी को अधिक जगह यानी की 18 से 20 स्क्वायर फीट की जगह आवश्यक होती है. जिससे कि वह आसानी से वहां पर रह सके. साथ ही एक जगह का चयन करें. जहां पर पर्याप्त धूप, हवा और पानी मिल सके. उन्नत नस्ल का चयन करें लोकल 18 से बात करते हुए रायबरेली के पशु विशेषज्ञ डॉ इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि बकरी पालन करने वाले किसान उन्नत नस्ल की बकरियों का पालन करें. जिनमें प्रमुख रूप से जमुनापारी, बेताल सिरोही सहित अन्य उन्नत नस्ल का चयन करें. क्योंकि यह बकरियां अपने उन्नत किस्म के दूध एवं मांस के लिए जानी जाती हैं. क्योंकि उनके पालन में आपको ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा. साथ ही यह सभी प्रकार की जलवायु में आसानी से रह लेती हैं .आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि इस नस्ल की बकरियों की मांग बाजारों में खूब रहती है. क्योंकि इनका मांस और दूध बेहद गुणवत्तापूर्ण होता है. इन बातों का भी रखें ध्यान बकरियां जल्द ही बीमार हो जाती इसीलिए इन बातों का जरूर ध्यान रखें. जिससे वह जल्दी बीमार ना पड़े पाए. चारा और पोषण: बकरियों के लिए हरे चारे, सूखे चारे और दानेदार आहार की व्यवस्था करें.उन्हें आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करें. स्वास्थ्य देखभाल: बकरियों के स्वास्थ्य का नियमित ध्यान रखें.टीकाकरण और परजीवियों से बचाव के लिए दवाइयों का उपयोग करें. प्रजनन प्रबंधन: बकरियों के प्रजनन के लिए उचित समय और व्यवस्था का ध्यान रखें.उच्च गुणवत्ता वाले नर का चयन करें. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 16:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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