हिन्दू बेटी की शादी में मुस्लिम समाज ने भरा मायरा मामा बनकर पहुंचे भाईजान भावुक हुई दुल्हन

Muslim society filled mayra of Hindu daughter: मॉब लिचिंग जैसे गंभीर अपराधों के लिए कुख्यात हो चुके अलवर जिले से लंबे समय बाद दिल को सुकून देने वाली खबर सामने आई है. यहां के रामगढ़ कस्बे के मुस्लिम बंधु बिन मां-बाप की बेटी की शादी में मामा बनकर पहुंचे. उन्होंने वहां पूरे हिन्दू रीति रिवाज से मायरा भरा और बेटी को आशीर्वाद देकर बारात की आवभगत की.

हिन्दू बेटी की शादी में मुस्लिम समाज ने भरा मायरा मामा बनकर पहुंचे भाईजान भावुक हुई दुल्हन
हाइलाइट्सअलवर के रामगढ़ से आई खुशखबरअंजुमन शिक्षा समिति पहुंची हिन्दू बेटी का मायरा भरनेहिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखकर लोग भी हुए भावुक अलवर. मॉब लिचिंग के लिए देश दुनिया में बदनाम हो चुके राजस्थान के अलवर (Alwar) जिले से एक सुकून भरी खबर सामने आई है. यहां के रामगढ़ कस्बे में हिन्दू मुस्लिम भाईचारा की अनोखी तस्वीर देखने को मिली है. रामगढ़ में बचपन में ही अपने माता-पिता को खो चुकी की बेटी की शादी में मुस्लिम समुदाय के लोग मायरा (Mayra) भरने के लिए मामा बनकर पहुंचे. इस दौरान मुस्लिम समाज के बंधुओं ने 31 हजार नगदी सहित अन्य सामान भेंट किया और बारात के भोजन की व्यवस्था में भी सहयोग किया. जानकारी के अनुसार रामगढ़ कस्बा निवासी बिना आरुषि ऊर्फ कंचन का शुक्रवार को विवाह तय था. इसकी सूचना अंजुमन शिक्षा समिति अध्यक्ष एवं पंचायत समिति प्रधान नसरू खां तक पहुंची. उसमें बताया गया की आरुषि जब एक साल की थी तभी उसके माता-पिता चल बसे थे. आरुषि का उसके चाचा चाची ने किसी तरह पालन पोषण किया है. आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद चाचा जयप्रकाश जांगिड़ ने आरुषि को एमए तक पढ़ाया. अब भतीजी के रिश्ते की चिंता हुई तो धोली दूब निवासी डालचंद के साथ उसका रिश्ता तय कर दिया. पूरी रस्मो रिवाज से भरा मायरा यह सूचना मिलने के बाद अंजुमन शिक्षा समिति ने आरुषि का मायरा (भात) भरने की ठानी. शुक्रवार शाम पूरी तैयारी के साथ प्रधान नसरू खान की अध्यक्षता में शिक्षा समिति के सदस्य आरुषि के घर भात लेकर पहुंचे. वहां पूरे रस्मो रिवाज के साथ आरुषि के विवाह का मायरा भरा गया. मुस्लिम समुदाय के इन लोगों ने आरुषि की चाची को अपनी बहन मानते हुए उसे चुनरी ओढ़ाई. समिति ने 31 हजार की नगदी सहित अन्य सामान आरुषि के परिवार को भेंट किया. नसरू खान ने हिंदू रीति रिवाज निभाते हुए आरुषि को आशीर्वाद दिया. इस पर आरुषि उनके गले लगकर भावुक हो गई. इस नजारे को देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं. निर्धन बालिकाओं की शादियों में आर्थिक सहायता मुहैया करवाते हैं मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा भात भरने की खबर रामगढ़ में चर्चा का विषय बनी हुई है. कस्बे के लोगों का कहना है कि बिना मां बाप की बेटी का भात भरने के लिए आए मुस्लिम समाज के लोगों हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है. अंजुमन शिक्षा समिति लंबे समय से निर्धन एवं गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में भात के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती आ रही है. इसमें पंचायत समिति प्रधान एवं शिक्षा समिति अध्यक्ष नसरू खान एवं इससे जुड़े मुस्लिम समाज के लोग विशेष भूमिका रहे हैं. आरुषि के चाचा बोले कभी नहीं भूल पाएंगे जयप्रकाश जांगिड़ ने बताया कि कंचन के माता-पिता की मौत 2001 में हुई थी. उस समय कंचन 1 साल की थी. गरीबी स्थिति होने के बावजूद भी कंचन को MA तक पढ़ाया. लोगों से कर्जा लेकर बेटी की शादी कर रहा था लेकिन भात भरने के लिए आए मुस्लिम समाज के लोगों ने आधी टेंशन दूर कर दी. वे उनके लिए नरसी की तरह मायरा लेकर आए. वे इसे कभी नहीं भूल पाएंगे. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Alwar News, Good news, Marriage news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : November 05, 2022, 16:50 IST