राजस्थान में आतंक की आहट मेवात इलाके में गोकसी और ठगी की बीच उभरा नया खतरा
राजस्थान में आतंक की आहट मेवात इलाके में गोकसी और ठगी की बीच उभरा नया खतरा
Alwar News: राजस्थान के भिवाड़ी इलाके में आतंकवादी संगठन अल-कायदा से जुड़े 6 संदिग्धों के पकड़े जाने के बाद से पूरे प्रदेश की नींद उड़ गई है. इस इलाके में पहले भी आतंकी संगठनों से जुड़े संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं. जानें इसके पीछे क्या है वजह.
जयपुर. शांत प्रदेश की पहचान रखने वाले राजस्थान में आतंकी संगठन अल-कायदा की आहट ने लोगों की नींद उड़ा दी है. राजस्थान में मेव इलाके के हिस्सा माना जाने वाला भिवाड़ी आतंकी संगठन अल-कायदा के नए ठिकाने के रूप से सामने आया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अलवर जिले को तोड़कर बनाए गए नए भिवाड़ी जिले के चोपनकी इलाके से गुरुवार को अल-कायदा से जुड़े 6 संदिग्धों को हिरासत में लिया तो क्षेत्र के लोगों के साथ पूरे प्रदेश की नींद उड़ गई. इस सनसनीखेज खुलासे से सरकार भी सन्न रह गई. प्रारंभिक जांच में अल-कायदा से जुड़े एक अन्य आतंकी संगठन के लड़ाकों को यहां हथियारों की ट्रेनिंग देने की बात सामने आई है.
राजस्थान के मेव इलाके में इससे पहले भी आतंकी संगठनों से जुड़े लोग पकड़े जा चुके हैं. लेकिन उनकी संख्या हर बार एक या दो ही रही है. यह पहली बार है जब किसी आतंकी संगठन से जुड़े छह लोगों को एक साथ पकड़ा गया है. वहीं इसी इलाके के जंगल में आतंकी संगठन से जुड़े युवाओं को हथियारों की ट्रेनिंग दिए जाने का खुलासे किसी बड़े खतरे की आहट है.
हरियाणा और राजस्थान बॉर्डर पर फैला है मेवात इलाका
राजस्थान का यह इलाका मेवात क्षेत्र का हिस्सा है. हरियाणा और राजस्थान बॉर्डर पर फैला मेवात इलाके पहले से ही गोकसी, ठगी और सांप्रदायिक दंगों के लिए बदनाम है. राजस्थान के अलवर, भिवाड़ी और भरतपुर जिले का काफी क्षेत्र मेवात इलाके में आता है. अलवर और भिवाड़ी सीधे तौर पर हरियाणा और दिल्ली से सीधे जुड़े हैं. हरियाणा का बहुचर्चित इलाका नूंह भी भिवाड़ी के चोपनकी से सटा हुआ है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चोपनकी इलाके में जहां से आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों को पकड़ा है वहां से नूंह महज आठ किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है.
पहले भी यहां कई बार आतंकी संगठनों से जुड़े संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं
राजस्थान में करीब तीन साल पहले सात जुलाई को 2021 चोपानकी इलाके के बैंगनहेड़ी गांव से असरुद्दीन को नाम के शख्स को देशद्रोही गतिविधियों के आरोप में पकड़ा गया था. उसके पास काफी संदिग्ध सामग्री मिली थी. उसके संपर्क पाकिस्तान समेत दूसरे इस्लामिक देशों में मिले थे. वहीं उससे पहले भरतपुर के सीकरी इलाके में आईएसएस का एक संदिग्ध एजेंट पकड़ा गया था. उसी दौरान हरियाणा में राजस्थान से सटे इसी इलाके नगीना से एक संदिग्ध आतंकी को पकड़ा गया था. दोनों राज्यों के बॉर्डर पर करीब सवा किलामीटर की मेवात पट्टी में ही ये सब पकड़े गए थे.
कोई न कोई पुराना लिंक मिल जाता है जिससे वे मदद पा लेते हैं
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सेवानिवृत्त डीसीपी एलएन राव बताते इसके पीछे कई कारण गिनाते हैं. उनके मुताबिक इस इलाके में इस तरह की गतिविधियां होने के पीछे स्थानीय कारण हावी हैं. सर्विस काल में रहते हुए इस तरह के कई ऑपरेशन से जुड़े रहे राव के मुताबिक मेवात का पूरा इलाका समुदाय विशेष बाहुल्य है. वहीं वहां भिवाड़ी जैसा बड़ा औद्योगिक इलाका है. वहां आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को मदद की गुंजाइश रहती है. इसके अलावा उन्हें यहां कोई न कोई पुराना लिंक मिल जाता है जिससे वे मदद पा लेते हैं.
स्थानीय आबादी में आसानी से मिक्सअप हो जाते हैं
राव के अनुसार वे स्थानीय आबादी में आसानी से मिक्सअप हो जाते हैं. इससे उनके प्रति शक सुबहा कम होता है. औद्योगिक इलाका होने के कारण वे लेबर के रूप में कहीं भी अपना ठिकाना बना लेते हैं. लेबर के रूप में रहने के कारण उनसे कोई ज्यादा पूछताछ नहीं होती है. उन्हें इस इलाके में ओवर ग्राउंड वर्कर (रुपये-पैसे और मकान आदि दिलाने) वाले मिल जाते हैं. यही वो कारण हैं जिनके चलते वे यहां सुरक्षित महसूस करते हैं और अपना दायरा बढ़ा रहे हैं. बहरहाल राजस्थान में आतंकी ठिकाने की खोज ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है.
(इनपुट- राजेन्द्र प्रसाद शर्मा)
Tags: Al Qaeda terrorist organization, Alwar News, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 14:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed