किसान होने के बाद भी पापा ने बिहार के लाल का कमाल JEE में मिला 34वां रैंक

IIT JEE Result: देश-दुनिया की टॉप एग्जाम में अक्सर बिहारी टैलेंट का जलवा देखने को मिलता है. अब एक बार फिर एक बिहारी छोड़े ने अपने मेहनत और हुनर की बदौलत देश की प्रतिष्ठित परीक्षा आईआईटी जेईई (IIT) JEE में सफलता प्राप्त की है. बिहार के जमुई जिले के छोटे से गांव से आने वाले एक होनहार छात्र ने IIT JEE की परीक्षा में सफलता का अपना परचम लहराया है.

किसान होने के बाद भी पापा ने बिहार के लाल का कमाल JEE में मिला 34वां रैंक
हाइलाइट्स रौशन ने पहले ही प्रयास में IIT JEE में हासिल किया 34वां रैंक किसान परिवार के लाल ने किया कमाल, पूरा गांव उत्साहित सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट के क्षेत्र में करना चाहता है रौशन कुमार जमुई. देश-दुनिया की टॉप एग्जाम में अक्सर बिहारी टैलेंट का जलवा देखने को मिलता है. अब एक बार फिर एक बिहारी छोड़े ने अपने मेहनत और हुनर की बदौलत देश की प्रतिष्ठित परीक्षा आईआईटी जेईई (IIT JEE) एडवांस में सफलता प्राप्त की है. बिहार के जमुई जिले के छोटे से गांव से आने वाले एक होनहार छात्र ने IIT JEE एडवांस की परीक्षा में सफलता का अपना परचम लहराया है. जमुई के सदर प्रखंड के खड़सारी गांव के एक साधारण किसान परिवार से आने वाले रौशन कुमार ने ऑल इंडिया रैंकिंग में 34वां स्थान हासिल किया है. रौशन के पहले ही प्रयास में IIT JEE एडवांस में कामयाबी हासिल करने के बाद जहां रौशन के परिवार वाले खुशियां मना रहे हैं, वहीं जिले के कई लोगों ने इस होनहार को शुभकामनाएं और सम्मान दिया है. आईआईटी जेईई की परीक्षा में पूरे देश में 34वां स्थान हासिल करने के अलावा इस होनहार छात्र रौशन ने जेनरल केटेगरी में 17वां स्थान हासिल किया है. जमुई के एक निजी विद्यालय में स्कूलिंग करने वाले रौशन कुमार ने बताया कि उसने यह सफलता अपने पहले प्रयास में हासिल किया है जिसके लिए  उसने काफी मन लगाकर अनुशासन के साथ तैयारी की. हर दिन 7 से 8 की पढ़ाई करता था रौशन IIT JEE में सफलता हासिल करने वाले छात्र रौशन ने इस सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हुए कहा कि उन्होंने उसे पढ़ने में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी. साधारण किसान होने के बाद भी उन्होंने बेटे के हौसले को बढ़ाए रखा. रौशन ने बताया कि वह हर दिन सात से आठ घंटे पढ़ाई करता था. वहीं दूसरे अभ्यर्थियों को संदेश देते हुए रौशन ने बताया कि पढ़ाई और तैयारी में अनुशासन जरूरी है, अगर कोई शुरुआत में मेहनत करता है और बाद में नहीं तो वो गलत है. शुरू से अंत तक अनुशासित होकर पढ़ाई की जरूरत होती है. ‘आगे और नाम करे बेटा’ रौशन ने बताया कि तीन घंटे बैठकर एग्जाम देना पड़ता है. इसलिए छात्रों को तीन घंटे लगातार बैठकर तैयारी करनी चाहिए, जिससे परेशानी कम होती है. रौशन की उम्मीद है कि उसे IIT मुंबई में ही जगह मिलेगा, जहां पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद वह सॉफ्टवेयर डेवेलप करने के लिए खुद का स्टार्टअप करना चाहेगा. देश भर में 34 वां रैंक हासिल करने वाले इस छात्र के किसान पिता मंटू कुमार ने बताया कि उन्हें आज बेहद प्रसन्नता मिली है कि उनके बेटे ने पहले ही प्रयास में अच्छे रैंक के साथ सफलता हासिल की. बेटा आगे और अच्छा कर देशभर में परिवार और जिला का नाम रौशन करे. Tags: Bihar News, IIT Bombay, Jamui newsFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 15:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed