पूर्व IAS अफसर जिन्हें माना जा रहा नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी बन सकते हैं CM
पूर्व IAS अफसर जिन्हें माना जा रहा नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी बन सकते हैं CM
Former IAS officer VK Pandian: वीके पांडियन बीजद के उन 40 स्टार प्रचारकों में से हैं जिनका नाम लिस्ट में नवीन पटनायक के बाद आता है. पार्टी उम्मीदवारों के साथ वह हर जगह केंद्र में रहते हैं. यहां तक कि उन बैठकों में भी जिनमें नवीन पटनायक शामिल होते हैं.
ओडिशा (Odisha) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की सरगर्मियों के बीच एक शख्स लगातार चर्चा में बना हुआ है. वो कोई और नहीं तमिलनाडु में जन्मे ओडिशा कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन(Former IAS Officer VK Pandian) हैं. वीके पांडियन ने बीजू जनता दल (BJD) में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और अब वह पार्टी के प्रमुख प्रचारक और रणनीतिकार हैं. यही नहीं उन्हें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (CM Naveen Patnaik) के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जा रहा है. यानी आने वाले समय में वह इस प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं?
लेकिन अपने बढ़ते कद और रुतबे की वजह से वीके पांडियन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर कांग्रेस के राहुल गांधी तक विपक्षी नेताओं का मुख्य निशाना बन गए हैं. विपक्ष सवाल उठा रहा है कि अगर बीजद सत्ता में वापसी करती है तो कोई गैर-ओडिया राज्य की बागडोर कैसे संभाल सकता है. विपक्षी नेताओं के अनुसार भाषा के आधार पर बने अलग राज्य में ओडिया ‘अस्मिता’ खतरे में है?
पार्टी के स्टार प्रचारक
वीके पांडियन बीजद के उन 40 स्टार प्रचारकों में से हैं जिनका नाम लिस्ट में नवीन पटनायक के बाद आता है. पार्टी उम्मीदवारों के साथ वह हर जगह केंद्र में रहते हैं. यहां तक कि उन बैठकों में भी जिनमें नवीन पटनायक शामिल होते हैं. 2011 में सीएम के प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में सीएम कार्यालय में शामिल होने के बाद, पांडियन की काबिलियत ने नवीन पटनायक का ध्यान अपनी खींचा. जल्द ही, उन्हें 2014 और 2019 के चुनावों के लिए नवीन की चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए ‘बैकरूम बॉय’ के रूप में चुना गया.
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अक्सर विवादों में रहे
मुख्यमंत्री के बेहद करीबी सहयोगी माने जाने वाले पांडियन अक्सर विवादों में रहे हैं. विपक्षी दलों का पांडियन पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक लाभ पाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. इसीलिए उन्होंने 2024 के महत्वपूर्ण चुनाव को ध्यान में रखते हुए पिछले साल अक्टूबर में वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) का विकल्प चुना था. कमाल की बात यह है कि उन्हें जिस दिन वीआरएस मिला, उसके अगले दिन ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का रैंक दे दिया गया. राज्य के सामान्य प्रशासन और लोक शिकायत विभाग ने अपने 24 अक्टूबर के आदेश में उल्लेख किया था कि पांडियन को ‘कैबिनेट मंत्री के पद’ पर 5T (परिवर्तनकारी पहल) और नवीन ओडिशा योजना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आदेश में कहा गया, ‘पांडियन सीधे मुख्यमंत्री पटनायक के अधीन काम करेंगे.’
पहले मिला पंजाब, शादी के बाद आए ओडिशा
2000 बैच के आईएएस अधिकारी पांडियन को शुरुआत में पंजाब कैडर अलॉट किया गया था. लेकिन अपनी ट्रेनिंग के बमुश्किल कुछ ही महीनों बाद सुजाता राउत से शादी करने के बाद उन्हें ओडिशा ट्रांसफर कर दिया गया. सुजाता आर कार्तिकेयन भी 2000-बैच की ओडिशा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. सुजाता ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के एक गांव से हैं. चुनाव आयोग के निर्देश पर, उन्हें हाल ही में चुनाव आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए राज्य के वित्त विभाग में एक गैर-चुनाव संबंधी, गैर-सार्वजनिक कामकाज वाले पद पर ट्रांसफऱ कर दिया गया था.
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ऐसे बढ़ी सीएम से नजदीकी
पांडियन ने नौकरशाही के अपने करियर की शुरुआत 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के ‘सब-कलेक्टर’ के रूप में की थी. उन्हें 2005 में मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया था और फिर 2007 में पांडियन को गंजम का जिलाधिकारी बनाया गया. गंजम में अपने पदस्थापन के दौरान ही वह मुख्यमंत्री के करीबी हो गए. पटनायक मूल रूप से गंजम जिले के रहने वाले हैं. पांडियन, 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में पदस्थ हुए, और तब से वह पटनायक के निजी सचिव रहे. पटनायक के 2019 में पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पांडियन को सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी योजनाओं को लागू करने के लिए ‘5टी सचिव’ की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी.
पांडियन ने दिया जवाब
स्थानीय भाजपा और कांग्रेस नेता गैर-संवैधानिक शक्तियों का मुद्दा उठा रहे थे. ऐसा प्रतीत होता है कि पांडियन को पिछले साल अक्टूबर तक सीएम के सचिव रहने के दौरान काफी शक्ति मिली थी, लेकिन जैसे ही 50 वर्षीय पांडियन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और बीजेडी में शामिल हो गए, ‘बाहरी’ का टैग चर्चा का प्रमुख मुद्दा बन गया. लेकिन पांडियन अडिग हैं. उन्होंने कहा, “मैं जन्म से भारतीय और सांस से ओडिया हूं. मेरे बच्चों की मातृभाषा ओडिया है और ओडिशा मेरी कर्मभूमि है.” नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर पांडियन ने कहा कि वह खुद को नवीन पटनायक के मूल्यों, बेदाग अखंडता, ओडिशा के लोगों के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता और उनकी कड़ी मेहनत का उत्तराधिकारी मानते हैं. उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक ने हमेशा कहा है कि ओडिशा के लोग उनके उत्तराधिकारी का फैसला करेंगे.
Tags: Assembly elections, IAS Officer, Naveen patnaik, OdishaFIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 14:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed