इन विषयों की खत्म हो गई डिमांड भूलकर न लें एडमिशन नौकरी के लिए जाएंगे तरस
इन विषयों की खत्म हो गई डिमांड भूलकर न लें एडमिशन नौकरी के लिए जाएंगे तरस
Career Tips, Science Courses after 12th: हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स 12वीं में साइंस विषय की पढ़ाई करते हैं. पिछले कुछ सालों तक साइंस विषय को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था और इसमें करियर स्कोप भी अच्छा-खासा हुआ करता था. लेकिन बदलते वक्त के साथ साइंस करियर ऑप्शन में गिरावट आई है. अब इस फील्ड में पहले जैसी नौकरियां नहीं रह गई हैं.
नई दिल्ली (Career Tips, Science Courses after 12th). 12वीं के बाद हायर एजुकेशन के लिए सही करियर ऑप्शन चुन पाना आसान नहीं है. इसके लिए भविष्य में नौकरी की संभावनाओं और मास्टर्स कोर्स जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखना चाहिए. 12वीं साइंस विषय से पास करने वाले स्टूडेंट्स को काफी सोच-समझकर ही कॉलेज में एडमिशन लेना चाहिए. दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के दौर में कई विषयों की वैल्यू बिलकुल खत्म हो गई है.
अगर आप कॉलेज में बीएससी या साइंस के अन्य कोर्स में एडमिशन लेने का प्लान बना है तो जरा ठहर जाइए. कहीं ऐसा न हो कि आप 3 साल उस कोर्स की पढ़ाई करके डिग्री हासिल कर लें और फिर बाद में मास्टर्स या नौकरी के लिए परेशान हो जाएं (Science Courses after 12th that have lost Value). साइंस स्ट्रीम के कई कोर्सेस का कोई मोल नहीं रह गया है. इनमें एडमिशन लेकर आप अपने फ्यूचर और करियर के साथ खिलवाड़ कर बैठेंगे.
Science ke bekar courses: भूलकर भी इन कोर्सेस में न लें एडमिशन
साइंस के जिन कोर्सेस की पहले खूब डिमांड थी, अब लोग उनमें एडमिशन लेने से कतरा रहे हैं. आप भी इनमें एडमिशन लेने की गलती मत करिएगा.
1. बॉटनी (Botany): प्लांट साइंस के ज्यादातर कोर्सेस को अब जेनेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और एनवायरमेंटल साइंस में शामिल कर दिया गया है. ऐसे में अलग से बॉटनी की डिग्री लेने का कोई खास मतलब नहीं है.
2. जूलॉजी (Zoology): जंतु विज्ञान यानी जूलॉजी से जुड़े विषयों की पढ़ाई अब वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन, इकोलॉजी और बायोलॉजी कोर्सेस में ही करवाई जाती है. इसीलिए जूलॉजी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या कम हो गई है.
3. माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology): साइंस वालों के लिए सूक्ष्मजीव विज्ञान यानी माइक्रोबायोलॉजी कभी ट्रेंडिंग करियर ऑप्शन हुआ करता था. लेकिन अब इसे एक टॉपिक के तौर पर बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक्स और इम्यूनोलॉजी में ही पढ़ाया जाने लगा है.
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4. फिजियोलॉजी (Physiology): 12वीं के बाद फिजियोलॉजी में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो जरा रुक जाइए. फिजियोलॉजी की पढ़ाई अब बायोलॉजी, बायोफिजिक्स और न्यूरोसाइंस के सिलेबस में शामिल कर दिया गया है. इसलिए अलग से इस कोर्स को करने का कोई फायदा नहीं मिलेगा.
5. जियोलॉजी (Geology): भूविज्ञान यानी जियोलॉजी की पढ़ाई अब एनवायरमेंटल साइंस, जियोफिजिक्स और पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में शामिल कर दी गई है. इनमें से जिस विषय का सबसे ज्यादा स्कोप हो, उसी में एडमिशन लें.
6. मीटियोरोलॉजी (Meteorology): मौसम विज्ञान की पढ़ाई अब एटमॉसफियरिक साइंस, क्लाइमेट चेंज और वेदर फोरकास्टिंग में ही करवाई जाती है. मौसम विज्ञान का स्कोप अच्छा है. आप किसी अच्छे संस्थान से इसमें डिग्री ले सकते हैं.
7. स्पेस साइंस (Space Science): अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई अब एस्ट्रोफिजिक्स, प्लैनेटरी साइंस और एस्ट्रोनॉटिक्स में ही करवाई जाने लगी है. अगर आपकी स्पेस साइंस में रुचि है तो फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट को ध्यान में रखते हुए एस्ट्रोफिजिक्स में एडमिशन ले सकते हैं.
8. बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry): इसे हिंदी में जैव रसायन विज्ञान कहते हैं. ज्यादातर संस्थानों में अब बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, जेनेटिक्स और फार्माकोलॉजी जैसे विषयों में ही करवाई जाती है.
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साइंस के इन कोर्सेस की डिमांड कम क्यों हो गई?
12वीं के बाद साइंस विषय की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के बीच ऊपर बताए गए कोर्सेस की रुचि और डिमांड कम होने के पीछे कई वजहें हैं-
1- टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट और ऑटोमेशन
2- इंडस्ट्री में बदलाव और नई टेक्नोलॉजी का अपडेट
3- शिक्षा और प्रशिक्षण में बदलाव
4- आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये कोर्सेज पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं, लेकिन उनकी डिमांड कम हो गई है या बदल गई है.
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Tags: Career Guidance, Career Tips, Job and career, Science news, Space ScienceFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 11:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed