पड़ोसी के आइडिया से बदली प्रमोद की किस्मत अब इस खेती से कर रहे मोटी कमाई
पड़ोसी के आइडिया से बदली प्रमोद की किस्मत अब इस खेती से कर रहे मोटी कमाई
प्रमोद कुमार के मुताबिक, उनके पिता अपनी पुश्तैनी जमीन पर धान, गेहूं के फसलों की खेती करते थे. इससे उनके घर का ही खर्च बड़ी मुश्किल से चल पाता था. लेकिन, पड़ोसी से मिले आइडिया के बाद बागवानी करने लगे. अब इन्हें खासा मुनाफा हो रहा है.
रायबरेली: कहते हैं हर एक अंधेरी रात के बाद एक उजाला जरूर आता है. यह पंक्तियां रायबरेली के शिवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत लालगंज गांव के रहने वाले प्रमोद कुमार पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. क्योंकि, प्रमोद कुमार बेहद गरीब परिवार से थे. पिता खेती किसानी करके बड़ी मुश्किल से घर चलाते थे. इसलिए उनकी शिक्षा-दीक्षा भी नहीं हो सकी. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ ऐसा करने की सोची जिससे उनके जीवन में बदलाव आ सके.
प्रमोद कुमार के मुताबिक, उनके पिता अपनी पुश्तैनी जमीन पर धान, गेहूं के फसलों की खेती करते थे. इससे उनके घर का ही खर्च बड़ी मुश्किल से चल पाता था. एक दिन प्रमोद कुमार ने सोचा, क्यों ना धान, गेहूं की फसल से हटकर कुछ नया किया जाए. जिससे कम लागत में अच्छा मुनाफा हो सके. इसी सोच को आगे बढ़ते हुए उन्होंने अपने पड़ोस के खेत में बागवानी की. खेती करने वाले प्रगतिशील किसान गंगा राम से बागवानी की खेती की सलाह ली, तो गंगाराम ने बताया कि इस खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.
बागवानी की शुरू की खेती
अपने पड़ोसी की सलाह मानकर प्रमोद कुमार ने अपनी पुश्तैनी सवा बीघा जमीन पर बागवानी की खेती शुरू कर दी. इसमें वह 15 बिस्वा जमीन पर खरबूजा, पांच बिस्वा जमीन पर टमाटर व पांच बिस्वा जमीन पर हरी मिर्च की खेती करते हैं. वह बताते हैं कि उनके पड़ोसी की सलाह ने उनके जीवन को एकदम बदलकर ही रख दिया. क्योंकि, अब वह भी इस खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
पड़ोसी के आइडिया से बने लखपति
प्रमोद कुमार बताते हैं कि उनके पड़ोसी गंगाराम की सलाह ने उन्हें लखपति बना दिया. क्योंकि बागवानी की खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा है. वह बताते हैं कि खरबूजा, टमाटर व मिर्च की खेती में लगभग 40 से 50 हजार की लागत आती है. तो वहीं, लागत के सापेक्ष सीजन में डेढ़ से दो लाख रुपये तक का आसानी से मुनाफा हो जाता है. यह एक नगदी फसल है, जो कम समय में तैयार होकर अच्छा मुनाफा देती है. साथ ही वह बताते हैं कि खेतों में तैयार फसल को रायबरेली, बछरावां की बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं.
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Tags: Local18, Rae Bareli NewsFIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 17:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed