इस दिव्यांग विद्यालय के विद्यार्थियों में है अनोखी प्रतिभा मुफ्त में है सबकुछ

Amethi Divyang Vidyalaya: अमेठी के दिव्यांग चन्द्रशेखर शुक्ला एक दिव्यांग विद्यालय चलाते हैं. उनके विद्यालय में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई मुफ्त में कराई जाती है. इस दिव्यांग विद्यालय की एक छात्रा 3 बड़े पुरस्कार भी हासिल कर चुकी है.

इस दिव्यांग विद्यालय के विद्यार्थियों में है अनोखी प्रतिभा मुफ्त में है सबकुछ
आदित्य कृष्ण अमेठी: कहते हैं कि प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती है. कुछ ऐसी ही प्रतिभा अमेठी के एक विद्यालय के बच्चों में है. यहां विद्यालय के दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे. बच्चों के सुर लय ताल की प्रतिभा अनोखी है. यहां दिव्यांग विद्यालय चलाने वाले प्रबंधक खुद भी दिव्यांग हैं और वह करीब 8 वर्षो से बच्चों को ना सिर्फ प्रतिभावान बना रहे हैं, बल्कि निःशुल्क रूप से बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. तिलोई तहसील में है दिव्यांग विद्यालय बच्चों को प्रतिभावान बनाने वाला यह विद्यालय तिलोई तहसील क्षेत्र के पूरा गांव में है. जहां दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क रूप से पढ़ाई लिखाई कराई जाती है. बच्चे यहां पर गीत-संगीत के साथ हिंदी, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, विज्ञान, इतिहास और सामान्य ज्ञान के अध्ययन से जुड़ी जानकारी मुफ्त में हासिल कर रहे हैं. दिव्यांग बच्चों को यहां पर दिव्यांग उपकरण भी मुफ्त में दिए जाते हैं. इसके साथ ही उन्हें हर महीने दिव्यांग भत्ता भी दिया जाता है, जिससे उनके व्यक्तिगत खर्चे में बाधा ना आए. यहां के बच्चों में है अनोखी प्रतिभा यहां पर बच्चों में एक से बढ़कर एक प्रतिभा है. यहां इंटर में पढ़ने वाली छात्रा अंशिका कुमारी के गीत सुनकर ऐसा लगता है कि शायद इनके जुबान पर सीधे मां सरस्वती विराजमान हैं. छात्रा अमेठी के साथ-साथ दिल्ली में भी तीन बार सम्मानित की जा चुकी है.  वहीं, 10 साल के अनुभव कुमार भी हारमोनियम और तबले पर सुर लय ताल का अनोखा संगम एकत्र करते हैं. विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं मिलती हैं मुफ्त यहां की छात्रा कुमारी अंशिका ने बताया कि उन्हें बचपन से ही गीत संगीत का शौक है और उन्हें अच्छी जगह मिल गई. यहां पर उन्हें निःशुल्क पढ़ाई कराई जाती है और सभी सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं. वहीं, छात्र आशू कुमार ने बताया की उन्होनें जो कुछ भी सीखा, यहीं विद्यालय से ही सीखा, वह अपनी पढ़ाई इसी विद्यालय से जारी रखेंगे. बच्चों का भविष्य संवारने का उद्देश्य दिव्यांग विद्यालय संचालित करने वाले चन्द्रशेखर शुक्ला बताते हैं कि एक हादसे में उनकी आंखें चली गई, जिसके बाद उन्होंने दिव्यांग विद्यालय खोला और यहां पर वह बच्चों को ग्रुप से पढ़ते हैं, ताकि उनका भविष्य बेहतर हो सके और बच्चे कभी अपने आप को पराया ना महसूस कर सकें और उन्हें कोई दीन हीन भावना की दृष्टि से ना देखे. उन्होंने कहा कि यहां पर कोई भी दिव्यांग बच्चा जाकर पढ़ाई कर सकता है. उसका रहना खाना और सभी सुविधाएं यहां पर उसको मुफ्त में दिलवाएंगे. Tags: Amethi City News, Amethi Latest News, Amethi news, Amethi News Today, Local18FIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 12:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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