कश्‍मीर में आतंकी लहरा रहे अमेरिकी हथियार मसूद अजहर के भतीजे ने खोली थी पोल

Jammu Kashmir Terror Attack: अमेरिकी सेना जब अफगानिस्‍तान से बाहर निकली तो अरबों डॉलर के हथियार और अन्‍य साजो सामान वहीं छोड़कर चलती बनी. अब तालिबान सरकार उन हथियारों को धड़ल्‍ले से बेच रही है.

कश्‍मीर में आतंकी लहरा रहे अमेरिकी हथियार मसूद अजहर के भतीजे ने खोली थी पोल
नई दिल्‍ली. अमेरिका तकरीबन 20 साल तक अफगानिस्‍तान में रहने के बाद अगस्‍त 2021 में आनन-फानन में देश को अधर में छोड़कर चलते बना. अमेरिकी सेना के जवान हथियार और अन्‍य साजो-सामान अफगानिस्‍तान में ही छोड़ दिए. इसका परिणाम अब भारत को भुगतना पड़ रहा है. दरअसल, कश्‍मीर घाटी में आतंक‍ियों के हाथों में वही अमेरिकी हथियार पहुंच गए हैं. भारत पहले ही अमेरिका के इस तरह से अफगानिस्‍तान से बाहर निकलने के घातक परिणामों को लेकर आगाह करता रहा है. अब जाकर नई दिल्‍ली का यह अंदेशा सच साबित हुआ. अमेरिकी सेना के जवान अत्‍याधुनिक हथियारों के साथ अफगानिस्‍तान पहुंचे थे. अब वही वीपन कश्‍मीर में सक्रिय आतंकियों के हाथों में पहुंच गए हैं. अमेरिका के छोड़े हुए हथियार तालिबान के हाथ लगे हैं. तालिबानी आतंकवादियों के हाथों में पहुंचे हथियार पाकिस्तान के ज़रिए कश्मीर पहुंचने का सिलसिला साल 2022 से ही शुरू हो गया था. अमेरिकी सेना जिन इरेडियम सैटेलाइट कम्यूनिकेशन सेट का इस्तेमाल करती थी, अब वही सेट कश्मीर घाटी में एक्टिव होते दिखे हैं. इसके अलावा M4 कार्बाइन भी आतंकियों के पास से बरामद होने शुरू हो गए हैं. सेना के सूत्रों के मुताबिक़, इस वक्त जितने भी आतंकी गुट हैं, उनके पास AK-47 राइफल और M4 कार्बाइन हैं. एम-4 कार्बाइन से सेना की गाड़ियों पर हमले किए जाते हैं. बताया जाता है कि इससे स्‍टील बुलेट फायर किया जाता है. ऐसे में जो वाहन बुलेट प्रूफ नहीं होते हैं, उसमें इससे कॉपर बुलेट के मुकाबले आसानी से छेद किए जा सकते हैं. अफगानिस्‍तान में ये हथियार छोड़ गए अमेरिकी M24 स्नाइपर M4 कार्बाइन M-16A4 राइफल M249 मशीन गन AMD राइफल M4A1 कार्बाइन M16 A2/A4 असॉल्ट राइफल 7 बिलियन डॉलर से ज़्यादा क़ीमत के हथियार 3 लाख 16 हज़ार से ज़्यादा छोटे हथियार 26 हज़ार हैवी वेपन शामिल M4 कार्बाइन की पहली बरामदगी अमेरिकी M4 कार्बाइन की कश्‍मीर में पहली बरामदगी साल 2017 में हुई थी. सुरक्षाबलों ने जैश सरगना मसूद अज़हर के भतीजे तलहा रशीद मसूद को पुलवामा में ढेर किया था. उसके पास से M4 कार्बाइन बरामद की गई थी. इसके अलावा कठुआ और रियासी में हुए आतंकी हमलों में भी M4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया गाया था. पिछले साल पूंछ में हुए आतंकी हमले में भी इसी M4 कार्बाइन का प्रयोग हुआ था. डोडा हमले का पूरा होगा इंतेकाम? कास्तीगढ़ के जंगल में आतंकियों से मुठभेड़, उधर पुलिस ने भी तोड़ी कमर जैश और लश्‍कर की वो सीक्रेट मीटिंग खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले महीने (जून 2024) पाकिस्तान में दो बड़ी मीटिंग हुई थी. एक बैठक लाहौर में लश्कर के अब्दुल रहमान मक्की ने तो दूसरी बैठक जैश के मुफ़्ती अब्दुल राउफ ने बहावलपुर में किया था. लश्कर-ए-तैयबा ने अपनी मीटिंग में कश्मीर में ज्‍यादा से ज्‍यादा हथियार पहुंचाना तय किया था. सूत्रों के अनुसार, दो दर्जन से ज़्यादा अमेरिकी मेड M4 कार्बाइन घाटी में भेजने की बात हुई थी. जैश की बैठक का एजेंडा भी M4 कार्बाइन को घाटी में भेजना था. इसके साथ-साथ मुखबिरों और ओवर ग्राउंड वर्करों को एक्टिव कर सुरक्षाबलों के मूवमेंट की जानकारी लेने पर भी सहमति बनी थी. सबसे बड़ी बात यह है कि ये दोनों मीटिंग्‍स पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी ISI की सरपरस्‍ती में हुई थीं. अफ़ग़ानिस्तान में छोड़े 3 लाख से ज्‍यादा हथियार साल 1980 के दशक में डिज़ाइन और डेवलप की गई M-4 कार्बाइन का इस्‍तेमाल अमेरिका के साथ ही NATO के सदस्‍य देश और पाकिस्तान के स्पेशल फ़ोर्स और स्पेशल यूनिट (सिंध पुलिस) के जवान करते हैं. सीरिया, लीबिया से लेकर इराक और अफगानिस्‍तान तक में इसका इस्‍तेमाल किया गया था. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना जब अफ़ग़ानिस्तान से गई तो उस वक्त 7 बिलियन डॉलर से ज़्यादा क़ीमत के हथियार और अन्य साजो-सामान वहीं छोड़ दिए थे. इसमें 3 लाख 16 हज़ार से ज़्यादा छोटे हथियार, 26 हज़ार हैवी वेपन शामिल थे, जिनमें M24 स्नाइपर, M4 कार्बाइन, M-16A4 राइफल, M249 मशीन गन, AMD राइफल, M4A1 कार्बाइन, M16 A2/A4 असॉल्ट राइफल जैसे हथियार शामिल थे. बड़ी मात्रा में कारतूस भी तालिबान के हाथ अमेरिकी सेना 48 मिलियन डॉलर के 1,537,000 जिंदा कारतूस भी अफगानिस्‍तान में ही छोड़ गई. 42000 नाइट विजन सर्विलांस, बायोमीट्रिक एंड पोजिशनिंग इक्विपमेंट भी शामिल थे. सूत्रों की मानें तो तालिबान ने इन हथियारों की बिक्री भी जमकर की है. इनमें एक M4 कार्बाइन को 2400 डॉलर तो AK-47 130 डॉलर में बेचा था. नाइट विजन कैमरा 500 से 1000 डॉलर में धड़ल्ले से बेची गई. जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में इस्तेमाल किए जा रहे हथियार पाकिस्तान सेना की तरफ़ से लेकर आतंकवादियों को दिए जा रहे हैं. Tags: Indian army, Jammu kashmir news, Jammu Kashmir Terrorist, Pakistan armyFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 20:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed