विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के 60 वर्ष पूरे कल धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी

Prayagraj News: विश्व हिंदू परिषद सोमवार 26 अगस्त अगस्त को अपना 60 वां स्थापना दिवस मनाएगा. 29 अगस्त 1964 को जन्माष्टमी के दिन विश्व हिंदू परिषद की स्थापना स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम सांदीपनी साधनालय पवई मुम्बई में हुई थी. इसकी स्थापना आरएसएस के तत्कालीन सर संघचालक गुरुजी, के एम मुंशी, मास्टर तारा सिंह, कुशक बकुला, सुशील मुनि और कई अन्य मनीषियों द्वारा की गई थी. 

विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के 60 वर्ष पूरे कल धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी
प्रयागराज.  विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर जन्माष्टमी के मौके पर स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी है. काशी प्रांत के सभी 218 प्रखंडों में स्थापना दिवस मनाया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता समाज के लोगों के साथ बैठकर हिंदुओं को संगठित करने, हिंदू संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने और हिंदुओं पर आए किसी भी तरह के संकट का विरोध करने के लिए विचार विमर्श करेंगे.  विश्व हिंदू परिषद काशी प्रांत के अध्यक्ष कवीन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि सभी हिंदू सहोदर भाई हैं. कोई हिंदू उच्च नीच नहीं है, बल्कि सभी बराबर है. उन्होंने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद का मंत्र हिंदुओं की रक्षा और समानता का मंत्र है. इसलिए स्थापना दिवस पर हिंदुओं को एकता के सूत्र में पिरोने और संगठित करने के लिए विचार विमर्श करेंगे. इस कार्य में मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के  सदस्य बैठकर चर्चा करेंगे. इसके तहत हिंदुओं को संगठित और एकजुट करने के लिए सप्ताह में एक बार बैठकर अपनी पूजा पद्धति अपने संस्कारों की बात करेंगे. इसके लिए पूरे देश में 1 लाख और काशी प्रांत में 700 समितियां बनाई जाएंगी. इसका उद्देश्य यह है कि गांव-गांव तक समितियां जाकर लोगों को जागरुक कर सकें. ये भी पढ़ें: Bihar News: बेटे का गजब कारनामा, मोबाइल की लत ने बनाया सनकी, निगलने लगा चाबी, नेल कटर जैसी चीजें लोगों को जोड़ने और संस्‍कारित करना है लक्ष्‍य विश्व हिंदू परिषद काशी प्रांत के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि लोगों को संस्कारवान बनाना कठिन कार्य है. जबकि कुसंस्कार देना आसान है. लेकिन विश्व हिंदू परिषद लोगों को जोड़ने और संस्कारित करने की बात करता है. विश्व हिंदू परिषद कुसंस्कार का बढ़ावा देने वाले लोगों का भी विरोध करेगा. वहीं 2025 में लगने वाले महाकुंभ मेले में धर्म संसद को लेकर विश्व हिंदू परिषद काशी प्रांत के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि हर माघ मेले और कुंभ मेले में धर्माचार्य आते हैं. माघ मेले में आयोजित होने वाले संत सम्मेलन और कुंभ मेले में आयोजित धर्म संसद में साधु संत और धर्माचार्य देश की मौजूदा समस्याओं पर विचार विमर्श भी करते हैं. ये भी पढ़ें: Barmer News: भारत में घुस आया पाकिस्‍तानी युवक, झड़पा गांव के लोगों ने किया पुलिस के हवाले, मचा हड़कंप सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों को कानून बनाकर तत्काल मुक्त किया जाए उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से सेक्युलर सिविल कोड की बात की है और वक्फ बोर्ड का भी मामला देश में चल रहा है. इस मुद्दे पर आगामी महाकुंभ में संतों और धर्म आचार्यों का मार्गदर्शक मंडल जो भी निर्णय लेगा उसको लेकर विश्व हिंदू परिषद आगे बढ़ेगा. वहीं सरकार के अधिग्रहण वाले मंदिरों को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने साफ किया है कि सरकार के नियंत्रण में जो मंदिर हैं उन्हें मुक्त करने की मांग विश्व हिंदू परिषद ने हमेशा की है. क्योंकि संविधान हमें इस बात की इजाजत देता है कि कोई भी धर्म और संप्रदाय अपनी धार्मिक मान्यता को लेकर स्वतंत्र है. इसलिए जिन हिंदू मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण है विश्व हिंदू परिषद उसका विरोध करता है. उन्होंने कहा है कि सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों को कानून बनाकर तत्काल मुक्त किए जाने की आवश्यकता है. Tags: Allahabad news, Prayagraj, Prayagraj Latest News, Prayagraj News, Vishwa hindu parishadFIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 23:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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