डर या गलत धारणा के तहत यौन संबंध के लिए सहमति देना भी रेप: इलाहाबाद HC

Allahabad High Court News: एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि डर या गलत धारणा के चलते महिला की सहमति से भी शारीरिक संबंध बनाना रेप है.

डर या गलत धारणा के तहत यौन संबंध के लिए सहमति देना भी रेप: इलाहाबाद HC
प्रयागराजः रेप के मामले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि डर या गलत धारणा के चलते महिला की सहमति से भी शारीरिक संबंध बनाना रेप माना जाएगा. साथ ही मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज भी कर दिया, जिसमें अपील की गई थी कि याचिकाकर्ता के खिलाफ शादी के बहाने रेप के मुकदमे को रद्द किया जाए. अदालत के समक्ष दायर याचिका में आरोपी राघव ने दिसंबर 2018 में आगरा जिले के एक पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) के तहत दर्ज शिकायत में उसके खिलाफ दायर आरोप पत्र को रद्द करने की प्रार्थना की थी. अभी यह मामला आगरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में लंबित है और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई जारी है. आगरा जिले के थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आवेदक यानी की राघव ने पहले महिला को बेहोश कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया. इसके बाद कथित तौर पर वह शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आवेदक और महिला एक-दूसरे को जानते थे और दोनों सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. वकील ने कहा कि उन्होंने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए जो लंबे समय तक जारी रहे. वकील ने कहा, “चूंकि यह दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से लगातार सहमति से बना शारीरिक संबंध था, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) के तहत आवेदक के खिलाफ कोई भी अपराध किया गया है.” राज्य के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पक्षों के बीच रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित थी और यह आवेदक (युवक) की ओर से एक जबरदस्ती की गई थी. जिसके लिए विपक्षी (महिला) की ओर से कोई सहमति नहीं थी. Tags: Allahabad high courtFIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 08:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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