बागवानी का ऐसा शौक चार मंजिला घर को बना दिया बगीचा
बागवानी का ऐसा शौक चार मंजिला घर को बना दिया बगीचा
Garden at Home: प्रयागराज के एलन गंज में त्र्यंबक महाराज को बागवानी का इतना शौक है कि वह बचपन से ही अपने आसपास खाली जगह को बगीचे में बदल देते हैं. उन्होंने शहर के बीचों बीच बने अपने घर को ही बागवानी में बदल दिया है.
रजनीश यादव/प्रयागराज: वर्तमान दौर में बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के कारण लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है. विकास के नाम पर बड़ी संख्या में पेड़ पौधों की कटाई हो जाती है जिससे पर्यावरण और प्रदूषित होने लगता है. ऐसे में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए और ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की जरूरत होती है. आज भी कुछ ऐसे महान व्यक्ति है जो लगातार अपने प्रकृति प्रेम को जग जाहिर करते हैं. इसका उदाहरण हैं त्रांबक महाराज.
प्रकृति प्रेम ने घर को बना दिया बाग
प्रयागराज शहर के बीचों-बीच स्थित लगभग 70 फीट ऊंची एक बागवानी दिख जाएगी जिसको देखते ही लोग अचंभित हो जाते हैं कि शहर के बीच में इतनी ऊंचाई तक छोटे-छोटे पौधों को गमले में सजाकर किसने रखा है. ये कमाल है इस घर के मालिक त्र्यंबक महाराज का. सुबह-शाम शहर के अधिकतर लोग वहां सेल्फी लेने आते हैं. त्र्यंबक महाराज बताते हैं कि वह बचपन से ही प्रकृति के प्रति झुकाव रखते थे आज उसी का परिणाम है कि उन्होंने 70 फीट ऊंचे घर को बागवानी में बदल दिया.
बागवानी मे हैं देशी और विदेशी पौधे
बागवानी में देसी के साथ ही विदेशी प्रसाद के पौधे दिख जाएंगे. यहां पर कैक्टस के अलावा कई विदेशी वैरायटी के फूल भी लगते हैं. यहां गुड़हल, गुलाब, गेंदा, डहेलिया जैसे सजावटी फूल भी गमले में लगाए गए हैं.
त्रांबक महाराज बताते हैं कि उनके पास गुलाब की लगभग 20 प्रकार की वैरायटी है जिसमें लाल, पीला, काला सहित अन्य रंगों के भी गुलाब उपलब्ध हैं. उनके पास केवल उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र में पाए जाने वाले पौधों की प्रजातियां ही नहीं बल्कि सुस्त प्रदेशों में यानी कि रेगिस्तान के पौधे भी यहां उपलब्ध हैं. लगभग दो दर्जन से अधिक छोटे-छोटे नागफनी के पौधे आपको दीवार के सहारे गमले में लगाए हुए दिख जाएंगे.
पौधों के साथ ही देखने को मिलेंगे पक्षी
इस बागवानी में जहां 3 फ्लोर तक देसी विदेशी पौधों की प्रजातियों से सजावट की गई है तो वहीं इसमें प्रवेश करते ही चिड़िया की चहचहाट की आवाज सुनाई देने लगती है. यहां लगभग चार प्रकार के चूहा और कलेवा सफेद खरगोश दिख जाएंगे इसके साथी कछुआ तोता और मैना भी देखने को मिलते हैं.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 15:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed