पीएमओ का सभी मंत्रालयों को सख्त निर्देश कानून बनाते समय विदेशी प्रथाओं पर भी विचार हो
पीएमओ का सभी मंत्रालयों को सख्त निर्देश कानून बनाते समय विदेशी प्रथाओं पर भी विचार हो
centre directed all ministries to follow global practices: प्रधानमंत्री कार्यालय ने सभी मंत्रालयों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि जब भी वे कानून बनाने का मसौदा तैयार करें या इसे कैबिनेट के सामने रखें तो उससे पहले इस पर समग्रता से विचार करें. इसके साथ ही यह भी देखें कि इसे लेकर विदेश में क्या कानून है या वहां क्या प्रथाएं हैं.
हाइलाइट्सपीएमओ ने सभी नोट्स की प्रति को कैबिनेट सचिवालय में भेजने का निर्देश दिया है ऐसा मसौदा तैयार करने का निर्देश जिसमें बार-बार संशोधन की जरूरत न पड़ेमसौदा में वर्तमान की स्थिति और भविष्य का रोड मैप हो
नई दिल्ली. देश में कानून बनाते समय गंभीरता से विचार नहीं किया जाता है जिसके कारण उस कानून में बार-बार संशोधन करना पड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके सख्त खिलाफ हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में सभी मंत्रालयों को सर्कुलर जारी कर सख्त निर्देश दिया है. न्यूज 18 के पास उपलब्ध इस सर्कुलर में कहा गया है कि जब भी कोई मंत्रालय कानून का मसौदा तैयार करे तो कैबिनेट के सामने भेजने से पहले इसके सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करें. सर्कुलर में कहा गया है कि सभी कैबिनेट नोट्स में इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि उस विषय से संबंधित विदेश में क्या प्रथाएं हैं या इस विषय पर क्या कानून है. इसके साथ ही देश की वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखकर सभी नोट्स बनाए जाना चाहिए. पीएमओ ने यह भी कहा है कि जो भी नोट्स अंतर मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजा जाए उसकी प्रति पीएमओ और सचिवालय में जरूर भेजी जाए.
पीएमओ को नोट की सभी प्रति भेजी जाए
1 अगस्त कैबिनेट सचिवालय ने सभी मंत्रालयों को भेजे इस पत्र में कहा है, “यह देखा गया है कि जब नोट अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजे जाते हैं, तो कुछ मंत्रालय/विभाग ड्राफ्ट (कैबिनेट) नोट की प्रति पीएमओ और कैबिनेट सचिवालय में नहीं भेज रहे हैं.” पीएमओ ने कहा है कि 2015 में जो प्रक्रिया अपनाई गई थी, उसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है. पीएमओ ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि नोट को कैबिनेट में विचार के लिए रखे जाने से पहले उसका सभी स्तरों पर सावधानीपूर्वक जांच करना आवश्यक है. इस निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने से प्रस्ताव में विसंगतियों को दूर किया जा सकता है.
नोट्स में पांच नए कारक कैबिनेट नोटों का मसौदा तैयार करते समय विषय से संबंधित सभी मामले की समग्र रूप से जांच की जानी चाहिए. इसमें विषय से संबंधित वैश्विक मान्यताओं या विभिन्न देशों में प्रख्यापित कानूनों पर विचार किया जाना चाहिए जो हमारे लिए प्रासंगिक हो. कानून का मसौदा इस तरह से तैयार हो कि उसमें बार-बार संशोधन की जरूरत न पड़े. इसके लिए सभी पहलुओं पर समग्रता से विचार हो. नोट में सभी प्रासंगिक इनपुट पैराग्राफ में दिया जाना चाहिए जिसका संबंधित विषयों के साथ तालमेल हो. इसके साथ ही विवरण को नोट के अनुलग्नक में शामिल किया जा सकता है. विषय से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार हो. देश की वर्तमान स्थिति और वह औचित्य जिसके जरिए हम भविष्य का रोड मैप तैयार कर सकते हैं, नोट में स्पष्ट रूप से जाहिर होना चाहिए. इसके साथ ही राज्यों के कानून पर भी गौर करना जरूरी है. कैबिनेट में मसौदा भेजे जाने से पहले या अंतर मंत्रालयी परामर्श से संबंधित नोटों को पीएमओ और केंद्रीय सचिवालय में भेजा जाना अनिवार्य है.
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Tags: Narendra modiFIRST PUBLISHED : August 17, 2022, 11:23 IST