यूपी की इस यूनिवर्सिटी में क्यों मौजूद है मुगलों का 300 साल पुराना कुर्ता

AMU Unknown Facts: भारत में ढेर सारी यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं, जिनके बारे में आपने बहुत कुछ सुना होगा. पर आज हम आपको एक ऐसे विश्वविद्यालय के बारे में बताएंगे, जहां 300 साल पुरान कुर्ता मौजूद है.

यूपी की इस यूनिवर्सिटी में क्यों मौजूद है मुगलों का 300 साल पुराना कुर्ता
वसीम अहमद /अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) बहुत फेमस है. इस यूनिवर्सिटी में एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरियों में शुमार मौलाना आजाद लाइब्रेरी है. इसी मौलाना आजाद लाइब्रेरी में एक संग्रहालय भी मौजूद है, जहां कुछ बेहद खास और नायाब चीजें भी सहेजी गई हैं. भारत के मुगलकालीन इतिहास से जुड़ी कई दुर्लभ चीज़ों में से एक है करीब 300 साल पुराना मुगल कुर्ता. आखिर यह कुर्ता खास क्यों है, जानें. AMU में मौजूद है 300 साल पुराना कुर्ता दरअसल मौलाना आजाद लाइब्रेरी के संग्रहालय में 14 लाख से ज़्यादा किताबें व कई बेशकीमती वस्तुएं मौजूद हैं. उन्हीं में से एक बेहद खास इस कुर्ते के बारे में कहा जाता है कि 300 साल पहले मुगल बादशाह इसे पहना करते थे. खासतौर पर जंग के वक्त इस कुर्ते को पहनने की परंपरा थी. ऐसा माना जाता था कि कुरान लिखे इस कुर्ते को पहनने से जंग में मुगलों को जीत मिलेगी और उनकी जान को खतरा भी नहीं होगा. बताया जाता है कि यह धारणा इसलिए भी सही साबित हुई कि मुगल बादशाहों ने इसे कई जंगों में पहना और जीत भी हासिल की. खास है इसके पीछे की कहानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी उमरपीर ज़ादा ने जानकारी देते हुए बताया कि AMU फाउंडर सर सैयद अहमद खान के पोते सर रॉस मसूद को लॉर्ड लुथियन ने 1933 में लंदन में एक कुर्ता सौंपा था. कुर्ता सौंपते वक्त उसने कहा था कि 1857 के गदर में इसे हिंदुस्तान से लूट कर लंदन लाया गया था. यह हिंदुस्तान की अमानत है इसलिए वापस किया जा रहा है. रॉस मसूद ने हिंदुस्तान वापस आकर कुर्ते को AMU की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में जमा कर दिया था. 1933 से लेकर आज तक, यह इसी लाइब्रेरी में मौजूद है. Tags: Aligarh Muslim University, Aligarh news, Local18FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 14:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed