वसीम अहमद /अलीगढ़. उत्तरप्रदेश के जनपद अलीगढ़ की जामा मस्जिद भारत ही नहीं बल्कि एशिया में सबसे ज्यादा सोना लगे होने के कारण मशहूर है.अलीगढ़ के ऊपरकोट इलाके में स्थित जामा मस्जिद और ताजमहल में कई समानताएं भी हैं. कहा जाता है कि ताजमहल बनाने वाले मुख्य इंजीनियर ईरान के अबू ईसा अंफादी के पोते ने जामा मस्जिद का निर्माण किया था.
जामा मस्जिद के 17 गुंबदों को ठोस सोने से बनाया गया है. जबकि ताजमहल में केवल सोने की परत चढ़ाई गई है. इस मस्जिद में लगभग 5 क्विंटल से ज्यादा सोना लगा हुआ बताया जाता है. साथ ही इस मस्जिद में लगभग 5000 लोग एक साथ बैठकर नमाज अदा कर सकते हैं.जामा मस्जिद अवधी व मुगलकालीन वास्तु कला का अनूठा संगम है.और इस मस्जिद में महिलाओं के अलग से नमाज अदा करने की जगह बनी हुई है.
300 साल पहले हुआ था निर्माण
जामा मस्जिद का निर्माण कोल के गवर्नर साबित खान जंगे बहादुर के शासनकाल में 1724 में कराया गया था. इसके निर्माण में 4 साल लगे थे तब जाकर यह 1728 में बनकर तैयार हुई थी. जामा मस्जिद और ताजमहल की कारीगरी में बहुत समानताएं देखने को मिलती है. इस मस्जिद में 17 गुंबद हैं.
73 शहीदों की कब्रें
अलीगढ़ की यह जामा मस्जिद देश की पहली मस्जिद है जहां पर 1857 की क्रांति के 73 शहीदों की कब्रें हैं. इसलिए इसे गंज-ए-शहीदान यानी शहीदों की बस्ती भी कहा जाता है.मस्जिद के गेट और चारों कोनों पर भी छोटी-छोटी मीनारें हैं.जो मस्जिद की खूबसूरती और भी बढ़ा जाती है.
Tags: Aligarh news, Local18FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 15:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed