AMU के इस गेट पर लग है 150 साल पुराना सरका ए खिताब जानें इसका महत्व
AMU के इस गेट पर लग है 150 साल पुराना सरका ए खिताब जानें इसका महत्व
AMU: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई ऐसी इमारतें मौजूद हैं जो अपने आप में उस दौर की कई कहानी बयां करते हैं. यहां एक गेट भी है जो 150 साल पहले का इतिहास बताता है. उस गेट में वर्षों पुराना सरका ए खिताब लगा है. जान लीजिए सरका ए खिताब क्या है और यह किस काम के लिए मिलता था.
वसीम अहमद/अलीगढ़: विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई ऐसी इमारतें मौजूद हैं जिन्हें देखकर आपकी आंखें थकेंगी नहीं. इन्हीं इमारतों में शामिल विश्वविद्यालय के कई गेट हैं जो अपने आप में इतिहास को समेटे हुए हैं और हर एक गेट की कुछ ना कुछ कहानी है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कई ऐतिहासिक गेटों में से एक गेट एएमयू सर्किल के पास बना है. इस गेट को फैज गेट के नाम से जाना जाता है. यह गेट अधिकतर बंद रहता है और यहां आवाजाही कम रहती है.
इस गेट का बाहरी हिस्सा पत्थर का बना है और इसके पीछे का हिस्सा ईटों का है. इसे लाल रंग से पोता गया है. इसी गेट पर लगे हैं सरका ए खिताब. ये सरका ए खिताब अपने भीतर करीब डेढ़ सौ साल का इतिहास समेटे हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि यह खिताब सिर्फ चंद ऐसे लोगों को दिया जाता था जो देश के विकास अखंडता लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करते थे.
इस गेट का समय-समय पर जीर्णोद्धार कराया जाता है. पत्थरों और गेट के अलावा आसपास की सफाई कराई जाती है. यहां होने वाले टूट-फूट को भी सही कराया जाता है. गेट के सामने की जगह का भी सदुपयोग किया जाता है.
क्या है गेट का इतिहास
जानकारी देते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के सलाहकार ज़ीशान अहमद बताते हैं कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का जब कॉलेज बना तब उस समय ज्यादातर डोनर्स थे. पहासू के नवाब फैज अली खान ने 1876 में यह गेट बनवाया था. फैज अली अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद के करीबी दोस्तों में से थे. कॉलेज 1977 में कायम हुआ उससे पहले 1975 में यह मदरसा बना था. उस समय जो सरका ए ख़िताब (सम्मानित उपाधि) मिलता था तो उसमें यह बैज भी मिलता था तो उस समय यह सरका ख़िताब वहां लगा दिया.
कहा जाता है कि करीब 147 साल पुराने फैज गेट पर लगा हुआ सरका ए खिताब बैज ओरिजिनल नहीं है. यह उन खिताब की नकल है. ओरिजिनल बैज विश्वविद्यालय के संग्रहालय में सुरक्षित रखा है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 18:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed