मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : पानी के लिए परेशान विंध्य क्षेत्र के किसान धान की बजाय मोटा अनाज की खेती कर सकते हैं. कम पानी में इस फसल की अधिक पैदावार भी होगी. वहीं एमएसपी पर सरकार खरीद भी करेगी. सरकार की ओर से मोटा अनाज (श्रीअन्न) की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. मोटा अनाज की खेती में सिंचाई के लिए कम पानी का इस्तेमाल होता है. वहीं पैदावार अधिक होने के साथ ही यह अनाज सेहत के लिए फायदेमंद भी होता है. कृषि विभाग की ओर से मिर्जापुर के पठारी क्षेत्र मड़िहान, हलिया व राजगढ़ में किसानों को मोटा अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
उप कृषि निदेशक विकेश पटेल ने बताया कि मिर्जापुर के कुछ ऐसे ब्लॉक हैं, जहां पानी की समस्या है. सिंचाई के लिए पानी नहीं होने से किसान धान की खेती नहीं कर पाते हैं. खेती नहीं होने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी होता है. सूखा प्रभावित क्षेत्र में सरकार मोटा अनाज ज्वार, बाजरा, कोदा व मक्का आदि फसलों की खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. मोटा अनाज कम पानी के साथ ही कम समय में ही तैयार हो जाता है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में किसानों ने बढ़चढ़ इसकी खेती की थी. इस बार खेती को दोगुना करने का प्रयास है.
सरकार करेगी खरीद- उप कृषि निदेशक
हमारा किसान भाइयों से अनुरोध है कि किसान श्रीअन्न की बुआई करें. कम पानी और कम पैसे में इससे ज्यादा पैदावार होती है. सरकार की ओर से एमएसपी पर इन फसलों की खरीद की जा रही है. जिन किसानों के सामने सिंचाई के लिए पानी की समस्या है. वह इसकी खेती कर सकते हैं. श्रीअन्न की फसलों में प्रोटीन, फाइबर व मैग्नेशियम भी मिलता है. जो इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है और कई गंभीर बीमारी से भी बचाता है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 12:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed