पितृपक्ष में तर्पण करते समय भूल कर भी न करें ये गलतियां
पितृपक्ष में तर्पण करते समय भूल कर भी न करें ये गलतियां
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण, और पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं. लेकिन यदि इन कार्यों में कोई गलती हो जाए, तो पितृ नाराज हो सकते हैं
अयोध्या: सनातन धर्म में पितृपक्ष को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान पितरों के निमित्त जल, तर्पण, और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर को हो रही है और इसका समापन 2 अक्टूबर को होगा. धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. हालांकि, इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण, और पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं. लेकिन यदि इन कार्यों में कोई गलती हो जाए, तो पितृ नाराज हो सकते हैं, जिसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
तर्पण करते समय रखें इन बातों का ध्यान:
दिशा का ध्यान रखें: तर्पण करते समय अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें. इसी दिशा में तर्पण करना शुभ माना जाता है.
अंगूठे का उपयोग करें: तर्पण के दौरान उंगली का नहीं, बल्कि अंगूठे का उपयोग करें. पितरों के निमित्त जल अर्पित करते समय अंगूठे में कुशा धारण करना चाहिए.
देवी-देवताओं का तर्पण: पितरों का तर्पण करने से पहले देवी-देवताओं के नाम पर पूर्व दिशा में तर्पण करें, और उसके बाद पितृ का तर्पण करें.
फूलों का उपयोग: तर्पण के दौरान फूलों का उपयोग आवश्यक होता है. तर्पण करते समय सफेद रंग के फूलों को अर्पित करना चाहिए, क्योंकि यह पितरों को प्रिय होते हैं.
पितृपक्ष के दौरान इन बातों का ध्यान रखकर तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है.
Tags: Local18, Pitru Paksha, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 10:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed