एकता की मिसाल है बुलंदशहर की ये जगह यहां मंदिर-मस्जिद के बीच नहीं कोई दीवार
एकता की मिसाल है बुलंदशहर की ये जगह यहां मंदिर-मस्जिद के बीच नहीं कोई दीवार
Unique Mandir Mazar in Bulandshaher: सिद्धपुर गांव के मोहन सिंह इस मंदिर और मजार की देखरेख करते हैं. उन्होंने बताया कि हां के लोग अल्लाह और भगवान को समान रूप से मानते हैं. मंदिर में गोसाईं बाबा की प्रतिमा स्थापित है, जबकि मजार मोहन अली बाबा की है. गांव की कुल आबादी लगभग 800 है. यहां हर व्यक्ति दोनों धार्मिक स्थलों का समान रूप से सम्मान करता है.
बुलंदशहर: छतारी से लगभग दो किलोमीटर दूर बसे सिद्धपुर गांव में एक अनोखा धार्मिक दृश्य देखने को मिलता है, जो सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है. इस गांव में एक ही स्थान पर मंदिर और मजार स्थित हैं, और खास बात यह है कि दोनों के बीच कोई दीवार नहीं है. यह स्थान पिछले 150 वर्षों से गांव के लोगों की आस्था का केंद्र रहा है, जहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ आकर पूजा और चादर चढ़ाते हैं.
गांव के मोहन सिंह, जो इस मंदिर और मजार की देखरेख करते हैं. उन्होंने बताया कि हां के लोग अल्लाह और भगवान को समान रूप से मानते हैं. मंदिर में गोसाईं बाबा की प्रतिमा स्थापित है, जबकि मजार मोहन अली बाबा की है. गांव की कुल आबादी लगभग 800 है. यहां हर व्यक्ति दोनों धार्मिक स्थलों का समान रूप से सम्मान करता है.
धार्मिक और चमत्कारी विश्वास
कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति शारीरिक या मानसिक परेशानी में होता है, वह मंदिर और मजार पर माथा टेकने के बाद राहत महसूस करता है. इस स्थान की ख्याति इतनी दूर तक फैली हुई है कि लोग दिल्ली, रुद्रपुर, हाथरस, गाजियाबाद जैसे शहरों से यहां पूजा और चादर चढ़ाने आते हैं.
गोसाईं बाबा और मोहन अली बाबा का महत्व
गोसाईं बाबा का मंदिर नागौर जिले के जुंजाला गांव में भी प्रसिद्ध है, और हिंदू तथा मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोग उन्हें मानते हैं. वहीं, मोहन अली बाबा को लेकर यह विश्वास है कि उन्होंने नंदू भगत को आशीर्वाद दिया था कि वे प्राणी मात्र की समस्याओं का समाधान करेंगे. इसी वजह से बाबा मोहन अली के प्रति भी लोगों की गहरी आस्था है, और यहां पर अखंड ज्योत जलाकर उनकी पूजा होती है.
सिद्धपुर का धार्मिक महत्व
यह स्थान बुलंदशहर के छतारी कस्बे के पास स्थित है, लेकिन शिकारपुर तहसील के अंतर्गत आता है. यहां की धार्मिक विविधता और भाईचारा इस स्थान को विशेष बनाते हैं, जहां लोग जाति और धर्म से ऊपर उठकर एकता का संदेश देते हैं.
Tags: Bulandshahr news, Local18FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 14:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed