मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ को गन्ना बेल्ट के तौर पर जाना जाता है. दरअसल यहां बड़ी संख्या में किसान गन्ना आधारित खेती करते हैं. लेकिन बदलते ट्रेंड में युवा अब गन्ना आधारित खेती से दूर भाग रहे हैं. वे अलग-अलग प्रकार की खेती करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. जिसका नजारा आपको मेरठ के मवाना क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा. यहां पर युवा किसान सचिन चौधरी ने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है. जिससे वो सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं.
किसान सचिन चौधरी ने बताया कि एक बार वह प्राइवेट जॉब के सिलसिले में गुजरात की तरफ गए थे. तब उन्होंने ड्रैगन फ्रूट से संबंधित खेती देखी. उनके मन में भी इस खेती के प्रति जिज्ञासा बढ़ी. इसके बाद उन्होंने यूट्यूब सहित विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से इस खेती के बारे में अच्छे से अध्ययन किया. उन्होंने बताया कि सभी पहलुओं को देखने के बाद उन्होंने अपने खेत की मिट्टी और वातावरण की जांच कराई. उसके बाद उन्होंने ड्रैगन फ्रूट से आधारित खेती शुरू की.
3 साल में 10 लाख की कमाई
सचिन चौधरी ने कहा, ‘3 साल पहले जब इस खेती की शुरुआत की थी. तब जरूर मुझे आर्थिक तौर पर दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. क्योंकि एक एकड़ में लगभग चार लाख रुपये का खर्चा आया था. लेकिन 3 साल के अंदर में इस खेत के माध्यम से मैंने दस लाख रुपये से अधिक कमा लिया हैं. फसल को मैच्योर होने में 5 साल लगते हैं. ऐसे में अभी कमाई का सिलसिला जारी रहेगा’.
खेत में ही बिक जाता है माल
सचिन चौधरी बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में कामयाबी काअंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे खरीदने के लिए व्यापारी सीधे खेत से ही फसल उठा लेते हैं. इस साल भी वो अब तक 3 लाख से अधिक रुपये का माल अपने खेत से ही बेच चुके हैं. इसमें फिर से फूल खिलने लगा है. वह कहते हैं कि अगर इस खेती का अच्छे से ध्यान रखा जाए तो किसान पांच लाख रुपये लगाकर 20 लाख रुपये से अधिक तक कमा सकता है. वह बताते हैं कि इसका फल 200 से 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है.
किसानों का बढ़ रहा रुझान
बताते चलें कि अधिकतर किसान अब ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ बढ़ने लगे हैं. कीनानगर, मवाना सहित अन्य स्थानों पर भी किसानों को इसी तरह से खेती करते हुए देखा जा सकता है.
Tags: Farmer story, Local18FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 10:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed