जुलाई में इस तिथि से 4 महीने तक नहीं होंगे शादी-विवाह शुभ कार्यों पर होगा
जुलाई में इस तिथि से 4 महीने तक नहीं होंगे शादी-विवाह शुभ कार्यों पर होगा
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं इसके बाद वो 4 महीने तक क्षीरसागर में इसी अवस्था मे रहते हैं. इन 4 महीनों के बाद प्रबोधनी एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु जगते है
वाराणसी: वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास का आरंभ 23 जून, रविवार को होगा .आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी या विष्णुशयनी एकादशी के नाम से जानते हैं. वैसे तो साल में यदि अधिमास को जोड़ दिया जाए तो कुल 26 एकादशी व्रत होता है लेकिन इसमें देवशयनी एकादशी का अपना विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु शयन निद्रा में चले जाते हैं.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं इसके बाद वो 4 महीने तक क्षीरसागर में इसी अवस्था मे रहते हैं. इन 4 महीनों के बाद प्रबोधनी एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु जगते है. ऐसे के इइन 4 महीनों के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य पूरी तरह से बंद रहते हैं.
कब है देवशयनी एकादशी?
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 16 जुलाई शाम 5 बजकर 8 मिनट पर हो रही है जो अगले दिन यानी 17 जुलाई को शाम 5 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक, देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को मनाया जाएगा.
भगवान विष्णु की पूजा दूर होगा हर कष्ट
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु के पूजा का विधान है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान विष्णु के पूजन से सभी तरह के कष्ट कलेश दूर हो जाते हैं. इसके अलावा परिवार में सुख,शांति और समृद्धि का वास होता है. वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
ऐसे लें व्रत का संकल्प
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि देवशयनी एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. उसके बाद पूरे दिन अन्न का त्याग करके व्रत करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इससे मनोवांछित फल प्राप्त होता है.
Tags: Dharma Aastha, Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 13:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed