CISF: कैसे होंगे नौकरी के पहले 10 साल कहां होगी पोस्टिंग किसकी चलेगी मर्जी
CISF: कैसे होंगे नौकरी के पहले 10 साल कहां होगी पोस्टिंग किसकी चलेगी मर्जी
CISF News: नई ट्रांसफर पॉलिसी आने के बाद सीआईएसएफ में नौकरी के पहले दस साल कैसे होंगे. इन दस सालों में जवानों को कहां-कहां पोस्टिंग मिल सकती है. पोस्टिंग करने का अधिकार किसके पास है... जानने के लिए पढ़ें आगे...
CISF News: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में नौकरी के पहले दस साल कैसे होंगे, किसको कहां पोस्टिंग मिलेगी और इस पोस्टिंग में कब किसकी मर्जी चलेगी, इस बार सबकुछ बेहद इंस्ट्रेस्टिंग. जी हां, सीआईएसएफ की नई ट्रांसफर पॉलिसी में पूरी सर्विस को कुल चार टेन्योर में बांटा गया है. जिसमें पहला टेन्योर दस साल का रखा गया है. आज इसी दस साल के टेन्योर के बारे में बात करेंगे.
सीआईएसएफ ने पुरानी पॉलिसी की तरह नई पॉलिसी में जवानों और अधीनस्थ अधिकारियों के बेसिक ट्रेनिंग पीरियड को सर्विस टेन्योर से बाहर रखा है. बेसिक ट्रेनिंग पीरियड को ना ही जवानों के होम सेक्टर में गिना जाएगा और ना ही आउट ऑफ होम सेक्टर में शामिल किया जाएगा. बेसिक ट्रेनिंग खत्म होने के बाद जवानों और नॉन गजेटेड ऑफिसर्स की सर्विस का पहला 10 वर्षीय टेन्योर शुरू होगा. यह भी पढ़ें: Airport पर हैंडबैगेज के वेट-नंबर को लेकर बढ़ा कंफ्यूजन, क्या कहते हैं BCAS-एयरलाइंस के नियम, अक्षर-दर-अक्षर समझें यहां.. हैंड बैगेज को लेकर कंफ्यूजन इन दिनों चरम पर है. नई बैगेज पॉलिसी, हैंड वैगेज का वेट और नंबर को लेकर आखिर सच्चाई क्या है? हैंड बैगेज को लेकर बीसीएएस और एयरलाइंस के नियम क्या कहते हैं, जानने के लिए क्लिक करें.
पहले टेन्योर में मिल सकते हैं तीन ट्रांसफर
सीआईएसएफ की नई ट्रांसफर पॉलिसी में 10 वर्षीय पहले टेन्योर को तीन-तीन साल के तीन हिस्सों में बांटा गया है. बेसिक ट्रेनिंग पूरी होने के बाद तीन साल की तैनाती का पहला ऑर्डर सीआईएसएफ मुख्यालय की तरफ से जारी किया जाएगा. इस पोस्टिंग को पूरी तरह से आउट ऑफ चॉइस रखा गया है. इस तैनाती को बल सदस्य के अनुरोध पर एक साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है. यह भी पढ़ें: संदेह के घेरे में हैं 400+ लोग, इनको मिला ‘देश निकाला’ का फरमान, अभी बड़ी लंबी है कार्रवाई की फेहरिस्त… दिल्ली के सिर्फ दो जिलों से 400 ऐसे नाम सामने आ चुके हैं, जिनकी पहचान को लेकर दिल्ली पुलिस को संदेह है. पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन के तहत अबतक करीब 15 लोगों को एफआरआरओ की मदद से भारतीय सीमा के पार ढकेल दिया है. पूरा मामला जानने के लिए क्लिक करें.
सेक्टर आईजी की मर्जी से दूसरा ट्रांसफर
पहले तीन साल पूरे होने के बाद दूसरी पोस्टिंग सेक्टर हेडक्वार्टर के अंतर्गत ही होगी और इस पोस्टिंग में पूरी तरह से सेक्टर महानिरीक्षक (आईजी) की ही चलेगी. यह पोस्टिंग पूरी तरह से सेक्टर आईजी की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा कि वह जवान को कहां पोस्टिंग देना चाहते हैं. इस पोस्टिंग में बल सदस्य की चॉइस नहीं पूछी जाएगी. बल सदस्यों की दूसरी पोस्टिंग का यह टेन्योर भी तीन साल का ही होगा. यह भी पढ़ें: आंखों की गुस्ताखियां… अफसर का चढ़ा पारा, बातों में पता चली ऐसी हकीकत, पैरों तले खिसकी जमीन… आईजीआई एयरपोर्ट पर आंखों की गुस्ताखियां एक विदेशी पैसेंजर के लिए भारी पड़ गईं. आंखों की गुस्ताखियों की वजह से उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और पूछताछ में उसने ऐसे राज सामने रख दिए, जिसे जानने के लिए कस्टम एआईयू के अफसर सन्न रह गए. क्या हैं पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
इन साहब की कलम से होगी तीसरी पोस्टिंग
छह से सात साल की सर्विस पूरी होने के बाद बल सदस्यों की तीसरी पोस्टिंग होगी. इस पोस्टिंग की अवधि भी तीन साल की होगी. यह पोस्टिंग पूरी तरह से सीआईएसएफ मुख्यालय के हाथों में होगी. सीआईएसएफ मुख्यालय इन तीन सालों के दौरान बल सदस्यों से उनकी राय जाने बगैर देश में कहीं भी तैनात कर सकता है. उल्लेखनीय है कि सीआईएसएफ की पुरानी पोस्टिंग पॉलिसी में पहले टेन्योर की अवधि सिर्फ सात साल ही थी.
Tags: CISFFIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 14:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed