क्या सरकार के डर से… मनमोहन के बहाने ममता के भतीजे ने सितारों की लगाई क्लास
क्या सरकार के डर से… मनमोहन के बहाने ममता के भतीजे ने सितारों की लगाई क्लास
मनमोहन सिंह एक ऐसी व्यक्ति हैं, जिनकी ईमानदारी पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही कभी शक नहीं किया. ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने फिल्म और खेल जगत पर निशाना साधा. उन्होंने सेलेब्रिटीज की चुप्पी को सरकार का डर करार दिया.
नई दिल्ली. तीन दिन पहले भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन हुआ तो देश-विदेश में मौजूद लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. ऐसा होना लाजमी भी है क्योंकि एक अर्थशास्त्री के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले मनमोहन ने साल 1991 में भारत को उस मुश्किल डगर से निकाला जब हम श्रीलंका की तर्ज पर डिफॉल्ट करने की दहलीज पर थे. देश के इस लोकप्रिय पीएम की 92 साल की उम्र में मृत्यु के बावजूद ना तो खेल जगत और ना ही बॉलीवुड से ज्यादा लोगों का रिएकशन आया. ऐसे में अब ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने इसपर सवाल खड़े किए हैं.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भारत ने अपने महानतम राजनेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया है. उनके अपार ज्ञान और दूरदर्शी नेतृत्व ने देश की अर्थव्यवस्था को नया आकार दिया. 1991 के आर्थिक सुधारों के आर्किटेक्ट के रूप में पहचाने जाने वाले मनमोहन सिंह का योगदान भारत को विकास और वैश्विक मान्यता के मार्ग पर ले जाने में अहम रहा है. खेल और फिल्म ने उनके निधन पर पूरी तरह से चुप्पी देखना चौंकाने वाला और निराशाजनक दोनों है. मनमोहन ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें अक्सर रोल मॉडल के रूप में देखा जाता था. डॉ. सिंह के निधन को स्वीकार करने में बेरुखी उनकी प्राथमिकताओं, जिम्मेदारी और ईमानदारी के बारे में असहज सवाल उठाती है.
‘सरकार से डर गए सेलेब्रिटी’
ममता बनर्जी के भतीजे ने आगे कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह चुप्पी सरकार के पलटवार के डर से प्रेरित है क्योंकि राष्ट्रीय मुद्दों पर चुप रहना इन तथाकथित रोल मॉडल की आदत बन गई है. उदासीनता का यह पैटर्न नया नहीं है. ये वही लोग हैं जो किसान विरोध,सीएए-एनआरसी आंदोलन और मणिपुर में चल रहे संकट के दौरान चुप रहे. ऐसे गंभीर मुद्दों के सामने उनकी चुप्पी आम नागरिकों के संघर्षों से उनकी चिंताजनक अलगाव को उजागर करती है.’
‘सैनिकों को रोल-मॉडल बनाएं’
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि आइए उन लोगों का महिमामंडन करना बंद करें जो साहस और जवाबदेही से अधिक अपने करियर और आराम को प्राथमिकता देते हैं. इसके जगह हमें अपने सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिए. ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है. आइए अपनी ऊर्जा और संसाधनों को सार्थक कार्यों में लगाएं. किसी बच्चे की शिक्षा का समर्थन करना,किसी जरूरतमंद परिवार को खाना खिलाना यह हमारा फोकस होना चाहिए. आइए इस नए साल 2025 को हमारी सामूहिक चेतना में बदलाव का प्रतीक बनाएं- उन लोगों को महत्व देने की ओर जो न्याय, लोकतंत्र और राष्ट्र की भलाई के लिए खड़े हैं.
Tags: Abhishek Banerjee, Bollywood news, Cricket news, Dr. manmohan singhFIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 13:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed