Shocking News: दिल्ली के अस्पताल में शख्स की थायरॉयड ग्रंथि से निकाला गया नारियल के आकार का ट्यूमर
Shocking News: दिल्ली के अस्पताल में शख्स की थायरॉयड ग्रंथि से निकाला गया नारियल के आकार का ट्यूमर
दिल्ली के एक निजी अस्पताल में बिहार के 72 वर्षीय किसान की थायरॉयड ग्रंथि से “नारियल के आकार” का ट्यूमर निकाला गया. डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें इस सर्जरी में मरीज की आवाज को बचाने सहित कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अस्पताल ने बताया कि इस सर्जरी में लगभग तीन घंटे का समय लगा. अस्पताल ने एक बयान में कहा कि बिहार के बेगुसराय जिले के रहने वाले व्यक्ति को बीते छह महीने से सांस लेने और भोजन निगलने में दिक्कत हो रही थी. दिक्कत काफी हद तक बढ़ गई थी, जिसके बाद उसे पिछले महीने यहां सर गंगाराम अस्पताल में ‘ईएनटी एंड हेड, नेक ओन्को सर्जरी’ विभाग में लाया गया.
हाइलाइट्स72 वर्षीय किसान की थायरॉयड ग्रंथि में “नारियल के आकार” का ट्यूमर थादिल्ली के एक निजी अस्पताल में किया गया ट्यूमर हटाने का सफल ऑपरेशन थायरॉइड ट्यूमर के 250 से अधिक ऑपरेशन किए हैं डॉक्टर संगीता अग्रवाल ने
नई दिल्ली. दिल्ली के एक निजी अस्पताल में बिहार के 72 वर्षीय किसान की थायरॉयड ग्रंथि से “नारियल के आकार” का ट्यूमर निकाला गया. डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें इस सर्जरी में मरीज की आवाज को बचाने सहित कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अस्पताल ने बताया कि इस सर्जरी में लगभग तीन घंटे का समय लगा. अस्पताल ने एक बयान में कहा कि बिहार के बेगुसराय जिले के रहने वाले व्यक्ति को बीते छह महीने से सांस लेने और भोजन निगलने में दिक्कत हो रही थी. दिक्कत काफी हद तक बढ़ गई थी, जिसके बाद उन्हें पिछले महीने यहां सर गंगाराम अस्पताल में ‘ईएनटी एंड हेड, नेक ओन्को सर्जरी’ विभाग में लाया गया.
अस्पताल में ‘हेड, नेक ओन्को सर्जरी’ विभाग में सलाहकार डॉक्टर संगीता अग्रवाल के अनुसार, “पिछले कई वर्षों की प्रैक्टिस के दौरान, मैंने बड़े थायरॉइड ट्यूमर के 250 से अधिक ऑपरेशन किए हैं. लेकिन वजन और आकार के मामले में यह एक अनूठा मामला था, जिसमें आमतौर पर 10-15 ग्राम वजन और 3-4 सेंटीमीटर आकार वाली तितली के आकार की थायरॉयड ग्रंथि 18-20 सेंटीमीटर के आकार वाले नारियल से भी बड़ी बन गई थी.” उन्होंने कहा कि ट्यूमर को हटाते समय सबसे बड़ी चुनौती मरीज की आवाज को बचाना था. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात रही कि दोनों तरफ की ‘वोकल कॉर्ड’ नसों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया.
डॉक्टर ने कहा कि ट्यूमर की वजह से श्वांस नली (विंड पाइप) संकुचित हो गई थी जिसके कारण नई तकनीक से ऑपरेशन किया गया. उन्होंने कहा, “इस तरह के बड़े ट्यूमर में कैल्शियम बचाना और पैराथायरॉयड ग्लैंड्स को बरकरार रखना भी एक बड़ी चुनौती होती है. हम सभी पैराथायरॉयड ग्लैंड्स को बचाने में कामयाब रहे.”
थायरॉयड ग्रंथि तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो गर्दन के निचले हिस्से पर स्थित होती है. ‘‘एडम्स एप्पल’’ भी कहलाने वाली यह ग्रंथि ‘मेटाबॉलिज्म’ यानी चयापचय को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन का स्त्राव करती है.
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Tags: Delhi HospitalFIRST PUBLISHED : October 28, 2022, 13:43 IST