39 ट्रांसजेंडर जो कभी सड़कों पर मांगते थे भीख अब हर कोई दे रहा इज्‍जत

Transgender News: देश में ट्रांसजेंडर के अधिकारों के लिए कई संगठन और लोग इस देश में सक्रिय हैं. लेकिन, पुलिस ने जो काम किया है, वह मिसाल से कम नहीं.

39 ट्रांसजेंडर जो कभी सड़कों पर मांगते थे भीख अब हर कोई दे रहा इज्‍जत
हैदराबाद. ट्रांसजेंडर के आधिकारों को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी गई है. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद इस समुदाय के लोगों के कई अधिकारों को ठोस तरीके से मान्‍यता मिली. ट्रांसजेंडर के अधिकारों के लिए कई संगठन और लोग सक्रिय हैं. इन सबके बीच, पुलिस महकमे ने ऐसा काम किया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. उनके प्रयास ने तीन दर्जन से ज्‍यादा ट्रांसजेंडर्स की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं. समाज में लोग उन्‍हें सम्‍मान देने लगे हैं. साथ ही परिवार उन्‍हें स्‍वीकार भी करने लगे हैं. यह कहानी तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की है. महानगर की सड़कों पर भीख मांगने से लेकर उसी जगह पर ट्रैफिक मैनेजमेंट करना कितना सुखद है, ये वे 39 ट्रांसजेंडर बता सकते हैं, जिनकी जिंदगी छोटी से पहल से बदल चुकी है. हैदराबाद में 39 ट्रांसजेंडर के लिए सशक्तीकरण की यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है. इन्हें शहर की पुलिस की मदद के लिए ट्रैफिक असिस्‍टेंट के रूप में शामिल किया गया है. ट्रायल के आधार पर ट्रैफिक असिस्‍टेंट के रूप में नियुक्त ट्रांसजेंडरों का कहना है कि अब उन्हें लोगों से सम्मान मिलता है, जबकि अतीत में उन्हें गंभीर भेदभाव और अपमान का सामना करना पड़ता था. रात में बुक किया ऑटो, बेफिक्र होकर बैठी महिला, कुछ दूर जाते ही ड्राइवर हुआ बेकाबू, पता चलते ही एक्‍शन में खाकी खुशनुमा अहसास ट्रांसजेंडर ट्रैफिक असिस्‍टेंट निशा ने शुक्रवार को बताया कि यह बहुत अच्छी बात है कि हम उन जगहों पर भी ट्रैफिक का मैनेजमेंट कर रहे हैं, जहां हम पहले भीख मांगते थे. यहां पटनी सेंटर में काम करने वाली निशा ने ट्रांसजेंडर समुदाय को अवसर देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का आभार जताया. बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुकी निशा ने बताया कि उन्हें समाज, कॉलेज, दोस्तों और यहां तक ​​कि माता-पिता की ओर से भी भेदभाव का सामना करना पड़ा. निशा ने कहा, ‘मेरे माता-पिता ने मुझे स्वीकार नहीं किया, लेकिन अब उन्होंने मुझे स्वीकार कर लिया है. मेरे दोस्त मुझसे दूर रहते थे, लेकिन अब वे मुझे संदेश भेजा करते हैं और संपर्क में रहते हैं. नौकरी मिलने के बाद मेरे रिश्तेदार और दूसरे लोग मेरी तारीफ कर रहे हैं. यह आश्चर्य की बात है. मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती.’ गर्व की बात एक अन्य ट्रैफिक असिस्‍टेंट सना ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्हें नागरिकों से सम्मान मिलता है, जबकि पहले लोग उनसे बात करने में भी झिझकते थे. एडिशनल सीपी (ट्रैफिक) पी. विश्व प्रसाद ने बताया कि ट्रांसजेंडर यातायात सहायक अच्छा काम कर रहे हैं और करीब 10 दिन पहले उनकी नियुक्ति के बाद से कोई शिकायत या कोई असामान्य बात सामने नहीं आई है.एडिशनल सीपी ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को पेशेवर कौशल हासिल करने में कुछ समय लगेगा. वे समाज के साथ घुलना-मिलना चाहते हैं और अच्छा करना चाहते हैं. यह सब तब शुरू हुआ जब पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री रेड्डी ने अधिकारियों से शहर के हाई ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में ट्रांसजेंडर को ट्रैफिक वॉलेंटियर के रूप में नियुक्त करने के लिए कहा था. Tags: Hyderabad News, National NewsFIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 20:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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