भगवान राम के पुत्र से जुड़ा है इस अयोध्या के इस प्राचीन शिव मंदिर का इतिहास!
भगवान राम के पुत्र से जुड़ा है इस अयोध्या के इस प्राचीन शिव मंदिर का इतिहास!
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि यहां विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. सावन और शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में काफी भीड़ होती है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं. इसके अलावा अयोध्या में मंदिरों के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु भी इस मंदिर में जाते हैं.
अयोध्या: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और सावन के इस पवित्र महीने में शिव भक्त प्राचीन मठ-मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं. तो वहीं मंदिर और मूर्तियों की नगरी अयोध्या में भी प्रभु राम से जुड़ा एक ऐसा शिव मंदिर है जिसकी महिमा अपरंपार है .भगवान राम की जन्मस्थली में कई ऐसे गुप्त दिव्य स्थान है जिसे अधिकतर लोग नहीं जानते हैं. उन्हीं में से एक स्थान है नागेश्वरनाथ मंदिर. यह अयोध्या के उन महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच उतना प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कहां जाता है इस मंदिर का निर्माण प्रभु राम के पुत्र कुश ने कराया था.
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक ग्रंथो के अनुसार कहा जाता है कि नागेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण त्रेता युग में भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था. पौराणिक मान्यता है कि एक बार भगवान राम के पुत्र कुश सरयू में स्नान कर रहे थे। उस वक्त उनकी बांह से कड़ा निकलकर सरयू में गिर गया. कुश ने उसे खूब तलाशा, लेकिन वह नहीं मिला। वह कड़ा सरयू में ही रहने वाले नागराज कुमुद को मिल गया, जिसे उन्होंने अपनी बेटी को दे दिया. जब कुश को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने कुमुद से अपना कड़ा मांगा, लेकिन नागराज ने वह कड़ा देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया और कहा कि बेटी को दिया गया उपहार वापस नहीं लिया जाता है. इस तर्क पर क्रोध से तिलमिलाए कुश ने धनुष उठा लिया और पृथ्वी से संपूर्ण नाग जाति का संहार करने के लिए आगे बढ़ गए. तब कुमुद ने भगवान शिव से प्रार्थना की. भगवान शिव प्रकट हुए और कुश को शांत करवाया.
नागेश्वरनाथ मंदिर की मान्यता
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि यहां विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. सावन और शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में काफी भीड़ होती है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं. इसके अलावा अयोध्या में मंदिरों के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु भी इस मंदिर में जाते हैं. मान्यता कि इस मंदिर में गए बिना अयोध्या में श्रीराम के दर्शन अधूरे रह जाते हैं.
Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Sawan MonthFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 13:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed