धान की रोपाई के 45 दिनों बाद 2 बार करें ये काम उत्पादन में होगा 35% का इजाफा!

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि धान की फसल में खरपतवार होने से वह पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. फसल को प्रभावित करते हैं. जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है. फसल में खरपतवार होने से 30% से 35% तक उत्पादन प्रभावित हो सकता है.

धान की रोपाई के 45 दिनों बाद 2 बार करें ये काम उत्पादन में होगा 35% का इजाफा!
शाहजहांपुर : खरपतवार किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है. खरपतवार धान के पौधों के साथ पानी, पोषक तत्व और सूर्य के प्रकाश के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे फसल की वृद्धि प्रभावित होती है. किसान खरपतवारों का नियंत्रण करने के लिए खरपतवार नाशक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं लेकिन ज्यादा दिनों के बाद फसल में खरपतवार नाशक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि किसानों को निराई – गुड़ाई से खरपतवारों का नियंत्रण करना चाहिए. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि धान की फसल में खरपतवार होने से वह पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. फसल को प्रभावित करते हैं. जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है. फसल में खरपतवार होने से 30% से 35% तक उत्पादन प्रभावित हो सकता है. वहीं अगर धान की फसल 40 से 45 दिन की हो गई है तो वह किसी भी खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल न करें, बल्कि निराई- गुड़ाई से ही खरपतवारों का निस्तारण करें. निराई-गुड़ाई करने के फायदे डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि निराई-गुड़ाई से खरपतवारों को हटाकर धान के पौधों को स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जाता है. निराई-गुड़ाई से मिट्टी में हवा का संचार बेहतर होता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों को अधिक पोषक तत्व मिल पाते हैं. निराई-गुड़ाई से मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे सिंचाई का पानी बचाया जा सकता है. दो बार करें ये काम डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि अगर धन की फसल 45 दिन से ज्यादा की हो गई है तो खरपतवार होने की स्थिति में दरांती से खरपतवार को काटकर खेत से बाहर कर दें और खुरपी से गुड़ाई कर दें. आवश्यकतानुसार किसान एक से दो बार निराई -गुड़ाई कर दें, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 15:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed