पहली बार कर रहीं हैं हरियाली तीज जानें व्रत के नियम और पूजा विधि
पहली बार कर रहीं हैं हरियाली तीज जानें व्रत के नियम और पूजा विधि
हरियाली तीज व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं. वहीं कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर के लिए यह व्रत रखती हैं. इस व्रत को बेहद ही कठिन माना जाता है.
अयोध्या : सनातन धर्म में हिंदू महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत और हरितालिका तीज या फिर हरियाली तीज का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. हरियाली तीज व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं. वहीं कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर के लिए यह व्रत रखती हैं. इस व्रत को बेहद ही कठिन माना जाता है, क्योंकि ये निर्जला व्रत होता है. इस दिन महिलाएं बिना अन्न-जल ग्रहण किए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इस दिन हरे रंग की चूड़ियां और मेहंदी लगाने की भी परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रहे हैं तो आपको कुछ विशेष बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि कैसे आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख सकते हैं .
हरियाली तीज का महत्व
अयोध्या के विद्वान पवन दास शास्त्री बताते हैं की हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए उपवास रहती है तो वहीँ शादी के बाद पहली बार इस उपवास को रखने का एक अलग ही महत्व होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं को पूजा के दौरान 16 श्रृंगार कर हरियाली तीज का व्रत करना चाहिए और विधि विधान पूर्वक भगवान शंकर माता पार्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए. हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा. इस तिथि की शुरुआत 6 अगस्त शाम 7:42 पर शुरू होगी और समापन 7 अगस्त रात 10:00 बजे होगा .
⦁ हरियाली तीज के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र हरे रंग का धारण करना चाहिए. उसके बाद 16 श्रृंगार से अपने को तैयार होना चाहिए. फिर पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें. चौकी पर एक साफ वस्त्र डालकर भगवान शंकर और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें. उसके बाद पूजन प्रारंभ करें हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की कथा सुननी चाहिए.
⦁ पूजन के दौरान शमी का पत्ता, नारियल ,चावल, दूर्वा, घास,घी, कपूर, अबीर, गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध ,गंगाजल, दही और मिश्री के अलावा पीला वस्त्र कच्चा सूट ,नए वस्त्र ,बेलपत्र ,भांग ,धतूरा, शहद,पंचामृत ,सिंदूर ,बिंदी ,चूड़ी, कुमकुम ,कंगी ,बिछुआ, मेहंदी ,दर्पण समेत 16 श्रृंगार को अर्पित करना चाहिए .
Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 16:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed