मां मनरेगा मजदूर बेटा बना NDA में अफसर कोचिंग के लिए नहीं थे पैसे

NDA Success Story: कहते हैं कि अगर हौसला और हिम्‍मत है, तो कुछ भी करना नामुमकिन नहीं है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है राजस्‍थान के एक छोटे से गांव के रहने वाले शुभम नरवाल ने. शुभम की मां मनरेगा में मजदूरी करती हैं.

मां मनरेगा मजदूर बेटा बना NDA में अफसर कोचिंग के लिए नहीं थे पैसे
NDA Story: राजस्‍थान के रहने वाले शुभम नरवाल के पापा की कई साल पहले कैंसर से मौत हो गई, लेकिन बेटे की पढ़ाई से शुभम की मां ने कोई समझौता नहीं किया. उन्‍होंने मजदूरी किया. बच्‍चे को अंग्रेजी मीडियम के स्‍कूल में पढ़ाया. नतीजा यह निकला कि बेटे शुभम ने एनडीए की परीक्षा पास कर ली और वह आने वाले दिनों में एनडीए में अफसर बनेंगे. शुभम अब उन युवाओं के लिए एक उदाहरण बन गए हैं, जो संसाधनों के अभाव का रोना रोते हुए आगे नहीं बढ़ते. कोचिंग के लिए नहीं थे पैसे सफलता के पीछे काफी संघर्ष होता है. ऐसा ही संघर्ष शुभम के हिस्‍से भी था. शुभम नरवाल ने विभिन्‍न मीडिया को दिए अपने इंटरव्‍यू में बताया कि वह एनडीए में जाना चाहते थे. इसके लिए उन्‍हें कोचिंग भी करना चाहते थे, लेकिन जब चंडीगढ़ पहुंचे, तो उनके पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे. उस समय उनको तीन हजार रुपयों की जरूरत थी, लेकिन व्‍यवस्‍था नहीं होने के कारण वह एनडीए के लिए कोचिंग नहीं कर सके और वह रोते हुए वापस लौट आए. हालांकि इस घटना से शुभम ने हार नहीं मानी, बल्कि सफलता पाने की ठानी और अपनी पढ़ाई के दम पर आखिरकार एनडीए की परीक्ष पास कर ली. शुभम अब उन युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं, जो किसी अभाव में कोचिंग नहीं कर पाते या उनके पास तमाम संसाधन उपलब्‍ध नहीं होते. पिता की कैंसर से हो गई थी मौत शुभम की कहानी में वर्ष 2015 का साल काफी परेशानी भरा रहा. जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया. शुभम के पिता की कैंसर से मौत हो गई. अचानक से परिवार पालने की जिम्‍मेदारी शुभम की मां पर आ गई, लिहाजा उन्‍हें मनरेगा में मजदूर करना पड़ा. मां का मानना था कि किसी भी कारण से उनके बेटे की पढ़ाई प्रभावित न हो, मां ने शुभम को अंग्रेजी माध्‍यम के स्‍कूल में पढ़ाया. शुभम ने भी काफी मेहनत की और एनडीए की परीक्षा में मेरिट लिस्‍ट में जगह बनाई. गांव का पहला नौसेना अफसर मेजर जनरल यश मोर (रिटायर्ड) ने शुभम का इंटरव्‍यू शेयर किया, जिसमें शुभम कहते हैं कि वह राजस्‍थान के झुंझुनू जिले के एक गांव के रहने वाले हैं. उनके गांव के तमाम लोग सेना में शामिल हैं, लेकिन नौसेना में अफसर बनने वाले वह पहले शख्‍स हैं. उन्‍होंने अपनी जिंदगी में कभी समुद्र नहीं देखा, लेकिन अब समुद्र में रहकर ही भारत की सीमाओं की रक्षा करेंगे. . Tags: Army Bharti, Indian army, Indian Army Recruitment, Success StoryFIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 12:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed