Exit poll Analysis: मोदी की अगुवाई में तीसरी बार एनडीए सरकार बनने की स्थिति

Exit poll Analysis: न्यूज 18 मेगा एक्जिट पोल के अनुसार केंद्र में फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनती हुई दीख रही है. कांग्रेस को साउथ इंडिया में जिस चमत्कार की उम्मीद थी,वैसा नहीं हुआ.

Exit poll Analysis: मोदी की अगुवाई में तीसरी बार एनडीए सरकार बनने की स्थिति
हाइलाइट्स यूपी में बीजेपी और गठबंधन पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने की स्थिति में बंगाल में बीजेपी दे सकती है तृणमूल को पटखनी, नार्थ ईस्ट में भी मजबूत महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन फायदे में, मप्र-छत्तीसगढ़ बीजेपी के साथ, गुजरात में बड़ी जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनावों में परचम फहराते हुए सरकार बनाते हुए नजर आ रहा है. न्यूज18 मेगा एक्जिट पोल के अनुसार बीजेपी और एनडीए 400 पार तो नहीं पहुंच रहे हैं लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर आसानी से हासिल कर रहे हैं. बीजेपी ने बंगाल में पासा अगर पलटा है तो साउथ इंडिया में उसके खुद को बेहतर किया है. गुजरात में अगर वह फिर सभी सीटों पर सफाया कर रही है तो महाराष्ट्र में भी उसकी पकड़ मजबूत है. देशभर में बीजेपी को कहीं भी ज्यादा सीटों का नुकसान होता नहीं दीख रहा. अगर 2019 के पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी और गठबंधन 353 सीटें सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी की अकेले 300 सीटें थीं तो इस बार भी करीब करीब वही स्थिति उभऱ रही है.   दक्षिण भारत में जहां बीजेपी ने खुद को बेहतर किया तो महाराष्ट्र और गुजरात समेत पश्चिम और मध्य भारत में खुद की मजबूती बरकरार रखी. पूरे देश की नजर तीन राज्यों पर सबसे ज्यादा गड़ी थीं. ये थे यूपी, बिहार और बंगाल. इसमें न्यूज18 के मेगा पोल के अनुसार बिहार में बीजेपी की सीटें कुछ कम हो रही हैं तो एनडीए की सीटें भी. लेकिन यूपी में बीजेपी पहले से बेहतर कर रही है और उसका गठबंधन भी. अलबत्ता कांग्रेस के लिए खुशखबरी ये है कि वो यूपी में 3-6 सीटें जीत रही है. यूपी में 80 सीटें हैं. पिछली बार यहां से एनडीए को 64 सीटें मिली थीं. जिसमें बीजेपी को 62 और अपना दल को दो सीटें. न्यूज18 मेगा एक्जिट पोल के अनुसार इस बार बीजेपी 64-67 सीटें जीत सकती है तो एनडीए गठबंधन भी खुद को बेहतर करते हुए 68-71 सीटों की ओर जा रहा है. कांग्रेस रायबरेली की पारंपरिक सीट रायबरेली समेत तीन से छह सीटें जीत सकती है. इंडिया गठबंधन को 09-12 सीटें मिल सकती हैं. इसका मतलब ये हुआ कि राम मंदिर से बीजेपी की हवा अगर बंधी तो योगी राज ने भी उन्हें यहां मजबूत किया. हां, ये भी लगता है कि बीएसपी का रहा सहा आधार भी अब ढह रहा है. बिहार में जरूर बीजेपी और एनडीए गठबंधन को कुछ नुकसान हो सकता है. पिछली बार बीजेपी और गठबंधन ने 40 में 39 सीटें हासिल की थीं. लेकिन इस बार आंकलन है कि बीजेपी 13 से 16 सीटें जीत सकती तो एनडीए गठबंधन 31 से 34 सीटों तक पहुंच सकता है. बिहार में कांग्रेस एक सीट के साथ जस की तस रहेगी तो इंडिया गठबंधन को 6-9 सीटें हासिल हो सकती हैं. पिछली बार कांग्रेस और गठबंधन का बुरा हाल हुआ था. बंगाल की लड़ाई की ओर सबकी नजर थी. हालांकि रिपोर्ट्स ये लगातार कह रही थीं कि इस बार बंगाल में बीजेपी की पकड़ और मजबूत हो सकती है, लिहाजा न्यूज18 मेगा एक्जिट पोल भी इसी ओर इशारा कर रहा है. राज्य की 42 सीटों में बीजेपी को 21-24 सीटें मिल सकती हैं तो तृणमूल कांग्रेस को 18-21 सीटें. पिछली बार बीजेपी को 18 सीटें मिली थीं तो तृणमूल को 22 सीटें. लिहाजा इस बार बंगाल में हवा बदल रही है. झारखंड में 14 सीटों पर बीजेपी और गठबंधन 9-12 सीटों पर हावी है तो इंडिया गठबंधन 2 से 5 सीटों पर. क्या दिल्ली में बीजेपी दो सीट गंवाएगी अगर दिल्ली की बात करें तो यहां 07 सीटें हैं लेकिन कांटे का मुकाबला भी. पिछली बार बीजेपी ने यहां सभी 07 सीटें जीती थीं. इस बार बीजेपी साफतौर पर यहां 05 सीटें तो जीत रही है लेकिन 02 सीटों पर तगड़ी टक्कर है, पलड़ा किसी भी ओर जा सकता है. ये दो सीटें ऐसी भी हैं जो यहां पर कांग्रेस को भी सीटें दिला सकती हैं. ये सीटें महाबल मिश्र और कन्हैया की हैं. अगर ऐसा हुआ तो ये बीजेपी के लिए झटका होगा. हरियाणा में नुकसान उतना नहीं जितना माना जा रहा हरियाणा में ये माना जा रहा था कि यहां बीजेपी को तगड़ा झटका लगेगा लेकिन कुल दस सीटों में बीजेपी 5 से 7 सीटें जीतती हुई लग रही है. जबकि कांग्रेस 3-5 सीटें. दोनों ही पार्टियों का गठबंधन यहां पर इन्हीं पार्टियों पर टिका है. पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस ने महाबल को खड़ा किया है तो नार्थ ईस्ट सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया हैं, जो बीजेपी के मनोज तिवारी के खिलाफ खड़े हैं. पंजाब में 13 सीटें हैं, यहां भी बीजेपी के लिए कड़ा बताया जा रहा था लेकिन उसके बाद भी बीजेपी 2-4 सीटें न्यूज18 मेगा एक्जिट पोल में जीत सकती है. जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने यहां कोई तालमेल नहीं किया था लेकिन एक्जिट पोल कह रहा है कि कांग्रेस और आप की सीटें यहां पर 8-10 हो सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो मानना चाहिए कि इन दोनों पार्टियों ने यहां अपनी जमीन को पकड़ा हुआ है. हिमाचल में फिर बीजेपी का क्लीन स्वीप होगा क्या हिमाचल भी ऐसा राज्य है, जहां एक साल पहले चुनाव हुए थे, यहां पर 04 लोकसभा सीटें हैं, जिसमें सभी पर बीजेपी क्लीन स्वीप कर रही है. पिछले लोकसभा चुनावों में भी यही स्थिति थी. इसका मतलब ये हुआ कि मंडी से कंगना रानौत चुनाव जीत सकती हैं. इसका मतलब ये भी हुआ कि आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार पर खतरे के बादल मंडरा सकते हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 06  सीटें हैं. जहां पर तीन सीटों पर बीजेपी को जीत मिल सकती है तो इंडिया गठबंधन को तीन सीटें हासिल हो सकती हैं. पश्चिम भारत ने फिर दी बीजेपी को ताकत  पश्चिम और मध्य भारत की बात करें तो देश का हिस्सा साफतौर पर बीजेपी और एनडीए खासी बढ़त दे रहा है. अगर पिछले चुनावों की बात करें तो बीजेपी को यहां राजस्थान में कुछ सीटें घट सकती हैं लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन कहीं भी पिछले चुनावों की तुलना में बेहतर नहीं है. सबसे हैरानी इस बात की है कि महाराष्ट्र के परिणाम एक्जिट पोल में इंडिया गठबंधन को कोई खास फायदा नहीं दे रहे, क्योंकि ये चर्चाएं थीं कि हो सकता है कि यहां बीजेपी को नुकसान हो लेकिन इसके बजाए यहां फायदा ही होता नजर आ रहा है. महाराष्ट्र में कुल 48 सीटें हैं. न्यूज 18 का मेगा एक्जिट पोल ये बता रहा है कि बीजेपी यहां 20-23 सीटें जीत सकती है तो एनडीए का 32-35 सीटों पर कब्जा हो सकता है. पिछली बार जब 2019 में चुनाव हुए थे तो बीजेपी को 23 सीटें मिलीं थीं. कांग्रेस जरूर इस बार पहले से कुछ बेहतर कर रही है, अनुमान है कि यहां इस बार कांग्रेस को 6-9 से सीटें मिल जाएं लेकिन इंडिया गठबंधन उम्मीदों से कहीं नीचे है, क्योंकि यहां वो बमुश्किल 18 के आंकड़े पर भी पहुंच पाएंगे. गुजरात में फिर सबका सफाया कर रही है गुजरात में बीजेपी फिर 26 की सभी 26 सीटों पर सफाया करती हुई लग रही है. मतलब मोदी और शाह का किला मजबूती के साथ खड़ा है, उसमें एक खरोंच भी नहीं लगने की स्थिति है. तो गोवा में पहले जैसी स्थिति लग रही है यानि 01 बीजेपी और 01 कांग्रेस. मप्र और छत्तीसगढ़ में और बेहतर हुई बीजेपी  मप्र में थोड़े 06 महीने पहले ही विधानसभा के चुनावों में बीजेपी ने बड़ी जीत पाई थी. उसकी ये स्थिति फिर लोकसभा चुनावों में भी रिफलेक्ट कर सकती है. यहां बीजेपी अगर 26-29 सीटें जीते तो हैरान नहीं होना चाहिए. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपनी दमदार स्थिति बनाकर रखी है. इस बार उसे अगर 9-11 सीटें हासिल हो सकती हैं तो ताज्जुब कैसा, क्योंकि ये बात उसने विधानसभा चुनावों में भी करके दिखाई थी. कांग्रेस के यहां बुरे हाल हैं, उसके पास सीटों को लाले पड़ते लग सकते हैं. साउथ इंडिया में केरल और तमिलनाडु में खाता खुल सकता है न्यूज 18 के मेगा एक्जिट पोल के अनुसार एनडीए और बीजेपी को पिछले चुनावों की तुलना में ज्यादा दक्षिण में ज्यादा फायदा होता हुआ लग रहा है. सबसे बड़ी ये है कि एक्जिट पोल ये बता रहा है तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में बीजेपी का खाता खुल रहा है तो एनडीए को बढ़त भी. जो रिपोर्ट्स चुनावों के दौरान आईं, वो ये बताती हैं कि दक्षिण भारत में केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है. राम मंदिर का भी फायदा हुआ है. खासकर केरल में तो यही दीखा है जबकि तमिलनाडु में बीजेपी को अन्नामलाई द्वारा श्रीलंका को भारतीय द्वीप तोहफे में दिए जाने का मुद्दा अगर काम कर रहा है. हालांकि वहां बीजेपी की पार्टनर अन्नाद्रमुक का प्रदर्शन निराशा जनक लग रहा है एक्जिट पोल के अनुसार तमिलनाडु में 40 सीटें हैं जिसमें बीजेपी 1-3 सीटेें जीत सकती है. एनडीए की स्थिति भी ऐसी रह सकती है. पिछले चुनावों में यहां कांग्रेस और डीएमके गठबंधन ने मिलकर 37 सीटें जीती थीं, जिसमें कांग्रेस के पास 08 सीटें थीं. इस बार भी हालात वैसे ही हैं केरल और लक्षद्वीप में कुल 21 सीटें हैं, जिसमें हालांकि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन फायदे में है. कांग्रेस ने पिछली बार यहां से 15 सीटें जीतीं थीं और गठबंधन ने 20 सीटें. हालांकि एक्जिट पोल की बात करें तो केरल में इंडिया गठबंधन को 2-3 सीटों का नुकसान हो सकता है. ये वो राज्य है, जहां से राहुल गांधी खुद वायनाड से खड़े हैं और जब उन्होंने भारत यात्रा की थी तो केरल उसमें शामिल था. आंध्र और तेलंगाना से बड़ा फायदा आंध्र प्रदेश में बीजेपी और गठबंधन बड़े फायदे में जा रहा है . अगर एक्जिट पोल की मानें तो पिछळी बार की तरह इस बार भी कांग्रेस का खाता शायद से नहीं खुले, जबकि कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की बहन को पार्टी में शामिल करके राज्य की कमान दी थी लेकिन उसका उसको कोई फायदा नहीं हुआ. जगन की वाईएसआर कांग्रेस भी यहां से डूब रही है. वजह शायद ये है कि उनके ऊपर अगर भ्रष्टाचार के आरोप हैं तो उनके मनमर्जी शासन से जनता नाराज थी. सबसे बड़ा फायदा यहां चंद्रबाबू नायडु के तेलगू देशम को हो रहा है. जिसकी वजह से एनडीए यहां 19-22 सीटें जीतती बताई जा रही है. बीजेपी का जहां पिछली बार यहां से खाता भी नहीं खुला था, वहीं बीजेपी यहां से 4-6 सीटे पा सकती है, जो उसके लिए बड़ा फायदा होगा. तेलंगाना में थोड़े समय पहले ही कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल करके सरकार बनाई थी लेकिन लोकसभा के चुनावों में वो जीत रिफलेक्ट नहीं हो सकी. बीजेपी ने पिछले चुनावों में यहां 04 सीटें जीती थीं तो इस बार यहां से उसकी सीटें 7-10 तक बढ़ने का अनुमान है. तो कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को यहां से 5-8 सीटें मिलने का अंदाजा लगाया जा रहा है. इस राज्य में कुल 17 सीटें हैं. जिसमें टीआरएस का सूपड़ा साफ होता लग रहा है. कर्नाटक में कांग्रेस को फायदा लेकिन ज्यादा नहीं कर्नाटक में कुल 28 सीटें हैं. कुछ समय पहले कांग्रेस ने राज्य में बड़ी जीत हासिल करके सरकार बनाई थी. लेकिन तेलंगाना की तरह उस जीत को उसने लोकसभा के चुनावों में प्रदर्शित करने में नाकाम हो सकती है. हालांकि पिछले चुनावों में यहां से बीजेपी को 25 सीटें मिलीं थीं तो कांग्रेस को केवल 01. उस लिहाज से कांग्रेस को 3 से 7 सीटें मिल रही हैं, ये उसके लिए इजाफा ही है. बीजेपी और एनडीए को यहां से 07 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है. जाहिर सी बात है कि साउथ इंडिया में राहुल गांधी की दो साल पहले हुई पदयात्रा का कोई खास फायदा कांग्रेस को यहां नहीं हुआ लेकिन ये भी है कि कांग्रेस ने यहां कुछ ज्यादा खोया भी है. बल्कि थोड़ा बहुत फायदा ही लिया है लेकिन अगर ये माना जा रहा था कि साउथ इंडिया कांग्रेस का बहुत साइन देगा तो ये नहीं हुआ है. नार्थ ईस्ट में बीजेपी दमदार  अगर नार्थ ईस्ट पर नजर दौड़ाएं तो असम में 14 सीटें हैं. यहां कांग्रेस दो सीटों का फायदा हो सकता है क्योंकि यहां वो 2-5 सीटें जीत सकती है. पिछली बार यहां एनडीए ने 09 सीटें पाईं थी, जिसमें सभी बीजेपी की थीं. इस बार एक्जिट पोल का आंकलन ये बताता है बीजेपी 8-11 सीटों पर रह सकती है. इसका मतलब ये भी है कि बीजेपी को यहां कोई नुकसान नहीं होने वाला है. नार्थ ईस्ट के दूसरे राज्य भी बीजेपी और उसके एलायंस के साथ ही नजर आ रहे हैं. Tags: 2024 Loksabha Election, BJP, Congress, Exit poll, Narendra modi, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : June 1, 2024, 21:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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