इस खेती से किसान बन जाएंगे मालामाल सरकार भी दे रही बंपर अनुदान ऐसे उठाएं लाभ
इस खेती से किसान बन जाएंगे मालामाल सरकार भी दे रही बंपर अनुदान ऐसे उठाएं लाभ
राज्य सरकार ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वालों को सब्सिडी देने की बात कही गई है.
संजय यादव/बाराबंकी: ड्रैगन फ्रूट वैसे तो यह विदेशी फल है. लेकिनअब इसकी खेती भारत में भी होने लगी है. इसकी खेती न केवल किसानों की आय को दोगुना करने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इसमें पाए जाने वाले कई पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं, जिसके कारण ड्रैगन फ्रूट की मांग बाजार में बहुत अधिक है. यही कारण है कि किसान पारंपरिक खेती छोड़ इस लोकप्रिय फल की खेती कर रहे हैं. इसके लिए सरकार की ओर से उन्हें कई सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है. किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है.
राज्य सरकार ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वालों को सब्सिडी देने की बात कही गई है. इसके लिए राज्य सरकार ने बागवानी मिशन विकास योजना के तहत तीन वर्षों तक जिले में ड्रैगन फ्रूट की बागवानी के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है.
वहीं जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे यहां कई ऐसे प्रगतिशील किसान हैं, जो ड्रैगन फ्रूट की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के साथ किसानों की लागत में कमी लाने के लिए राज्य सरकार बागवानी मिशन योजना के तहत सब्सिडी प्रदान कर रही है. जिले में बागवानी विकाश मिशन योजना संचालित है, जिसमें परंपरागत आधुनिक खेती के साथ विगत दो-तीन वर्षों से नई फसलों पर जोर दिया जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती कराई जाती है. ड्रैगन फ्रूट की खेती पर लागत प्रति हेक्टेयर 1 लाख 25 हजार रुपये आती है. इसका 40 प्रतिशत अनुदान प्रति हेक्टेयर उपलब्ध कराया जा रहा है. हमारे जिले में इस वर्ष 10 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें 7 हेक्टेयर सामान्य किसानों के लिए, 3 हेक्टेयर अनुसूचित जाति के किसानों के लिए निश्चित किया गया है. किसानों को इसका लाभ प्राप्त करने के लिए हॉर्टिकल्चर पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा. उसके बाद पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उनका चयन किया जाता है. फिर उनका सत्यापन कर डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में धनराशि डाली जाती है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 07:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed